संविधान की रक्षा करना ही देशभक्ति का सच्चा प्रतीक है: सीताराम येचुरी

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गणतंत्र दिवस पर एक संबोधन में कहा कि संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी के लिए न्याय की गारंटी देता है. ये मूलभूत मूल्य हैं जिन पर संविधान टिका हुआ है और आज यही मूल्य ख़तरे का सामना कर रहे हैं.

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सीताराम येचुरी. (फोटो: पीटीआई)

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने गणतंत्र दिवस पर एक संबोधन में कहा कि संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी के लिए न्याय की गारंटी देता है. ये मूलभूत मूल्य हैं जिन पर संविधान टिका हुआ है और आज यही मूल्य ख़तरे का सामना कर रहे हैं.

सीताराम येचुरी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक वीडियो संबोधन में कहा कि सच्ची ‘देशभक्ति का प्रतीक’ हमारे संविधान में निहित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक समानता के मूल्यों की रक्षा करना है.

द हिंदू के मुताबिक येचुरी ने कहा, ‘संविधान सभी भारतीयों को कठिन परिश्रम से अर्जित स्वतंत्रता का अच्छी तरह से उपयोग करने के समान अधिकारों का वादा करता है. इन अधिकारों के साथ-साथ संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सभी के लिए न्याय की गारंटी देता है. ये मूलभूत मूल्य हैं जिन पर संविधान टिका हुआ है और आज यही मूल्य खतरे का सामना कर रहे हैं.’

आगे उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 सालों में आर्थिक विषमता बढ़ी है, अमीर और अमीर हो रहे हैं एवं गरीब और गरीब.

उन्होंने आगे कहा, ‘न केवल आर्थिक समानता, सामाजिक समानता भी खतरे में है. अल्पसंख्यकों पर गंभीर हमले हो रहे हैं. समानता का अर्थ सामाजिक न्याय भी है, लेकिन आज हमारे दलित, आदिवासी, महिलाओं को और भी अधिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.’

येचुरी ने कहा कि संविधान के रूप में हमने (भारतीयों ने) खुद से जो वादे किए थे, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है.

उन्होंने अंत में कहा, ‘आज हम सभी को अपने संविधान की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और यही देशभक्ति का सच्चा प्रतीक है.’