जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया बहाल होनी चाहिए: राहुल गांधी

श्रीनगर में 'भारत जोड़ो यात्रा' के समापन से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष में मतभेद ज़रूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक/@BharatJodo)

श्रीनगर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष में मतभेद ज़रूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा.

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर में कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक/@BharatJodo)

नई दिल्ली/श्रीनगर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि राज्य के दर्जे की बहाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया जम्मू कश्मीर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि उन्होंने इस सवाल को टाल दिया कि क्या उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा होगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, गांधी ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में खुले दिल और खुली बांहों से हर तरह से लोगों की मदद करने के लिए आए हैं.

4,000 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा के अंत में श्री गांधी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘प्यार, स्नेह और सुनना, मेरा मानना है, सबसे शक्तिशाली ताकतें हैं. मैं इसके ऐतिहासिक पहलू पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, मैं आगे देखना चाहता हूं और मैं यहां खुले दिल से आया हूं … और खुली बांहों के साथ, मैं जिस तरह से कर सकता हूं, मदद करने के लिए खड़ा हूं.’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों से किए गए वादों के बारे में पूछा गया था, जब उन्होंने 1948 में लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था.

इससे पहले दिन में गांधी ने पदयात्रा के समापन के बाद शहर के प्रतिष्ठित लाल चौक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली के बारे में कई सवालों के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि यह जम्मू कश्मीर में उठाया गया पहला कदम होना चाहिए.

उन्होंने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के बारे में एक सवाल का जिक्र करते हुए कहा, ‘राज्य का दर्जा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली एक मौलिक और बहुत महत्वपूर्ण पहला कदम है. अन्य कदम बाद में आएंगे और मुझे यहां इस पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘सभी राज्यों में एक विधानसभा है. लोकतांत्रिक प्रक्रिया लोगों का अधिकार है और इसे जम्मू कश्मीर में बहाल किया जाना चाहिए. लद्दाख के लोगों के लिए भी कोई समाधान खोजा जाना चाहिए.’

2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बारे में एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने इस मुद्दे पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है.

ज्ञात हो कि संविधान की धारा 370 ने जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया था, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया था.

कांग्रेस नेता ने इस सवाल को टाल दिया कि क्या उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए प्रयास कर रहे क्षेत्रीय दलों और सीपीआई (एम) के एक गुपकर समूह (पीएजीडी) का हिस्सा होगी.

गांधी ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर में जो देखा उससे वह खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने जम्मू कश्मीर में प्रवेश किया, तो मैं क्षेत्र के जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के लोगों से मिला. कोई भी ऐसा नहीं है, जिनसे मैं मिला- मैं किसानों, छात्रों, युवाओं, व्यापारियों से मिला- जो यहां हो रहा है, उसे लेकर खुश या उत्साहित लग रहा था.’

गांधी ने कहा कि उन्होंने जम्मू कश्मीर की अपनी यात्रा के दौरान घर लौटने की एक ‘तीव्र’ भावना महसूस की. उन्होंने कहा, ‘मेरे दिमाग में एक अजीब-सा विचार आया… मेरा परिवार जम्मू कश्मीर से आया और इलाहाबाद चला गया और अब मैं उल्टी यात्रा कर रहा था. यह घर लौटने का एक शक्तिशाली एहसास था.’

गांधी ने जोड़ा कि वह जम्मू कश्मीर में मिले प्यार और स्नेह से अभिभूत हैं.

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में भाजपा के दावों के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बम धमाके और लक्षित हत्याएं अभी भी हो रही हैं. उन्होंने कहा, ‘अगर यह (सुरक्षा) बेहतर होती, तो सुरक्षाकर्मियों केसाथ, मेरी जो बात हुई, वो नहीं होती.’

उन्होंने कहा, ‘अगर उनके दावे की ही बात है, तो भाजपा जम्मू से लाल चौक तक रैली क्यों नहीं करती है? अगर स्थिति इतनी अच्छी है, तो अमित शाह जम्मू से कश्मीर चलकर क्यों नहीं आते? मुझे नहीं लगता कि इस बात में कोई दम है.’

भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू और कश्मीर चरण के दौरान लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि अधिकांश मुद्दे देश के बाकी हिस्सों जैसे महंगाई और बेरोजगारी के ही थे. गांधी ने कहा, ‘राज्य का दर्जा, प्रतिनिधित्व और लोगों की आवाज कुछ अन्य मुद्दे थे जो यहां सामने आए.’

‘विपक्ष में मतभेद जरूर, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी, आरएसएस  के खिलाफ साथ खड़ा होगा’

राहुल गांधी ने विपक्ष में बिखराव की धारणा को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष में मतभेद जरूर हैं, लेकिन वह भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ एक साथ खड़ा होगा और लड़ेगा.

उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन समारोह से जुड़ी उस रैली से एक दिन पहले यह टिप्पणी की जिसमें कांग्रेस ने 20 से अधिक विपक्षी दलों को आमंत्रित करके विपक्षी एकजुटता का प्रयास किया.

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के तहत पदयात्रा की समाप्ति के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि एक तरफ कांग्रेस का नजरिया है और दूसरी तरफ भाजपा और आरएसएस का अहंकार एवं नफरत का नजरिया है. यह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत राहुल गांधी का 13वां संवाददाता सम्मेलन था.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने विपक्षी एकजुटता से जुड़े सवाल पर कहा, ‘आप किस आधार पर कह रहे हैं कि विपक्ष बिखर चुका है. विपक्षी एकता बातचीत और एक दृष्टिकोण के बाद आती है. यह कहना सही नहीं है कि विपक्ष बिखरा हुआ है. मतभेद हैं… लेकिन विपक्ष साथ खड़ा होगा, लड़ेगा.’

उनका कहना था, ‘यह विचारधारा की लड़ाई है.एक तरह भाजपा और आरएसएस की विचारधारा है, दूसरी तरफ गैर भाजपा और गैर आरएसएस ताकतें हैं.’

यात्रा के संदर्भ में राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला. लाखों लोगों से मिला. यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का था , नफरत और हिंसा के खिलाफ यह यात्रा थी. जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है. किसान, मजदूर, बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनने को मिली. मेरे लिए यह शायद यह जिंदगी का सबसे सुंदर अनुभव रहा.’

राहुल ने कहा, ‘इस यात्रा ने एक वैकल्पिक नजरिया दिया है. भाजपा आरएसएस ने नफरत और अहंकार का नजरिया दिया है. अब हिंदुस्तान के सामने ये दो रास्ते ही नहीं, जीने के तरीके भी हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह देश से पश्चिम से पूर्व की तरफ से कोई यात्रा निकालेंगे तो उन्होंने कहा कि वह इस बारे में विचार करेंगे, लेकिन अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.

राहुल गांधी ने कहा, ‘यह यात्रा दक्षिण से उत्तर की तरफ निकली, लेकिन इसका असर पूरे देश में हुआ है.’

‘भारत जोड़ो यात्रा का मकसद भारत के उदार, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाना था’

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 4,080 किलोमीटर के सफर के बाद श्रीनगर में सोमवार को संपन्न हुई . 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ये यात्रा देश भर के विभिन्न राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी.

राहुल गांधी ने 136 दिन लंबी अपनी यात्रा के समापन पर यहां एक रैली में कहा, ‘मैंने यह यात्रा अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए की है. हमारा मकसद उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को ही नष्ट करना चाहती है.’

उनकी यह रैली शहर में भारी हिमपात के बावजूद आयोजित की गई. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस हिंसा भड़का कर देश के उदार एवं धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को निशाना बना रहे हैं.

उन्होंने उन पलों को याद किया जब उन्हें फोन पर उनकी दादी इंदिरा गांधी और पिता राजीव गांधी की हत्या की सूचना मिली थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि हिंसा भड़काने वाले कभी भी उस दर्द को नहीं समझ पाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘जो लोग हिंसा भड़काते हैं – जैसे मोदीजी, अमित शाहजी, भाजपा और आरएसएस – वे इस दर्द को कभी नहीं समझेंगे. सेना के किसी जवान का परिवार यह समझेगा, पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का परिवार यह समझेगा, कश्मीर के लोग समझेंगे कि वह दर्द क्या होता है.’

राहुल गांधी ने कहा कि उनकी ‘यात्रा का मकसद अपने प्रियजनों की मौत की खबर देने वाले फोन कॉल को समाप्त करना है – चाहे वह कोई सैनिक हो, सीआरपीएफ का जवान हो या कोई कश्मीरी हो.’

कांग्रेस नेता ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को उनकी तरह जम्मू कश्मीर में यात्रा करने की चुनौती देते हुए कहा कि वे लोग कभी भी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे भयभीत हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि भाजपा का कोई भी नेता जम्मू कश्मीर में इस तरह पैदल नहीं चल सकता. वे ऐसा नहीं करेंगे, इसलिए नहीं कि उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी, बल्कि इसलिए कि वे भयभीत हैं.’

राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें जम्मू कश्मीर की धरती पर पैदल नहीं चलने की सलाह दी गई थी क्योंकि उन पर हमला हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘मैंने इस पर विचार किया और फिर फैसला किया कि मैं अपने घर और अपने लोगों (जम्मू कश्मीर में) के साथ चलूंगा. क्यों नहीं उन्हें (उनके दुश्मनों को) मेरी शर्ट का रंग बदलने का मौका दिया जाना चाहिए, उन्हें इसे लाल करने दें.’

उन्होंने कहा, ‘कश्मीर के लोगों ने मुझे हथगोले नहीं दिए, सिर्फ प्यार भरा दिल दिया.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)