भाजपा से हाथ मिलाने के बजाय मरना पसंद करूंगा: नीतीश कुमार

भाजपा की राज्य कार्यकारिणी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. नीतीश ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.

Patna: Prime Minister Narendra Modi being welcomed by Bihar Chief Minister Nitish Kumar and Bihar Governor Satyapal Malik upon his arrival at Jay Prakash Narayan International Airport in Patna on Tuesday. PTI Photo/PIB(PTI4_10_2018_000043B)
Patna: Prime Minister Narendra Modi being welcomed by Bihar Chief Minister Nitish Kumar and Bihar Governor Satyapal Malik upon his arrival at Jay Prakash Narayan International Airport in Patna on Tuesday. PTI Photo/PIB(PTI4_10_2018_000043B)

भाजपा की राज्य कार्यकारिणी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. नीतीश ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.

नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

पटना: भाजपा की राज्य कार्यकारिणी द्वारा ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने’ पर एक प्रस्ताव पारित करने के एक दिन बाद नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ फिर से गठबंधन की संभावना को सोमवार को खारिज करते हुए कहा कि वह अपने पूर्व सहयोगी दल के साथ ‘हाथ मिलाने के बजाय मरना पसंद करेंगे.’

नीतीश ने कहा कि उनका उद्देश्य अब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता के लिए काम करना है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी पद के ‘दावेदार’ नहीं हैं.

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने भाजपा को यह भी याद दिलाया कि गठबंधन में रहते हुए उसे मुस्लिमों समेत उनके सभी समर्थकों के वोट मिलते थे, जो भाजपा की हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर हमेशा ‘सतर्क’ रहे हैं.

कुमार ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश कुमार ने कहा, ‘युवा पीढ़ी को इस दिन को नहीं भूलना चाहिए जब महात्मा गांधी की हत्या हुई थी. लोगों को यह भी जानना चाहिए कि उन्हें क्यों मारा गया. आखिरकार, वह हिंदुओं और मुसलमानों को एक करने की दिशा में काम कर रहे थे, लेकिन ऐसे लोग हैं, जो गड़बड़ी पैदा करने के लिए बाहर हैं और किसी भी अवसर की तलाश में हैं.’

भाजपा के ‘उनके साथ फिर से गठबंधन नहीं करने’ के प्रस्ताव पर नीतीश ने कहा, ‘हम ही हैं जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया. आप फरवरी 2005 के बाद के चुनाव परिणाम देख सकते हैं. हमने उनसे (भाजपा) ज्यादा सीटें हासिल कीं. मैं अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा का हिस्सा था और 2013 में इससे बाहर आ गया था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘2017 में उनके पास वापस जाना गलती थी. उन्होंने (भाजपा) लालू प्रसाद को झूठा फंसाया. 2020 के चुनावों में उन्होंने हमारी सीटों की संख्या कम करने के लिए बेईमानी की. मुझे मुख्यमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उन्होंने जोर दिया, लेकिन जल्द ही आराम हो गया.’

नीतीश ने कहा कि भाजपा अब महागठबंधन की सफलता से बेचैन हो रही है और भगवा पार्टी सांप्रदायिक तनाव भड़काने के तरीकों की तलाश कर सकती है.

उन्होंने कहा, ‘जहां तक हमारी बात है तो वापस जाने का सवाल ही नहीं उठता. मैं उनके पास वापस जाने के बजाय मरना पसंद करूंगा. अब जब हम अच्छा कर रहे हैं, तो वे हमें परेशान करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं. वास्तव में, वे बेचैन हो रहे हैं.’

उन्होंने भाजपा के उस दावे की भी खिल्ली उड़ाई कि उसे राज्य में अगले साल आम चुनावों में 40 लोकसभा सीटों में से 36 सीटें मिलेगी. नीतीश ने कहा: ‘36? उन्हें कुछ नहीं मिलेगा. वे कहां से जीतेंगे? वे यह सब हताशा में कह रहे हैं.’

रिपोर्ट के अनुसार, यह दूसरी बार है जब नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करने की इतनी तल्खी से बात की है. जून 2013 में एनडीए के विभाजन के बाद उन्होंने संघ-मुक्त भारत का आह्वान करते हुए कहा था कि ‘मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा के साथ वापस नहीं जाएंगे.’

भाजपा और जदयू तब से एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं, जब पिछले साल नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अन्य घटकों की मदद से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए एनडीए को छोड़ दिया था. भाजपा शुरू में नीतीश को सुलह के संकेत देने में लगी रही, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उनके खिलाफ हमलावर हो गई. बदले में नीतीश भी भगवा पार्टी का बराबरी से मुकाबला करते रहे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq