जम्मू कश्मीर के लोगों को सताने के लिए अतिक्रमण रोधी अभियान भाजपा का नया हथियार: महबूबा मुफ़्ती

जम्मू कश्मीर में ‘अवैध रूप से क़ब्ज़ा की गई’ सरकारी भूमि मुक्त कराने के प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर नागरिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं, जम्मू के बाहरी इलाके में अभियान के ख़िलाफ़ हज़ारों नागरिकों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.

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महबूबा मुफ्ती. (फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर में ‘अवैध रूप से क़ब्ज़ा की गई’ सरकारी भूमि मुक्त कराने के प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र पर नागरिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. वहीं, जम्मू के बाहरी इलाके में अभियान के ख़िलाफ़ हज़ारों नागरिकों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.

महबूबा मुफ्ती. (फोटो: पीटीआई)

श्रीनगर/जम्मू: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर अतिक्रमण विरोधी अभियान के जरिये जम्मू कश्मीर के लोगों को ‘प्रताड़ित’ करने और उन्हें उनके घरों से बाहर निकालने का आरोप लगाया है.

महबूबा मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भाजपा अतिक्रमण विरोधी अभियान को कश्मीर घाटी के लोगों के खिलाफ एक ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रही है.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने इस ‘हमले’ के खिलाफ लड़ने के लिए केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया.

पीडीपी की प्रमुख ने कहा, ‘जैसे भाजपा सरकार के पास गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, सार्वजनिक सुरक्षा कानून (पीएसए) , राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और अन्य एजेंसियां हैं, जम्मू कश्मीर के लोगों को सताने और उन्हें उनके घरों से निकालने के लिए अतिक्रमण विरोधी अभियान एक नया हथियार है, जिसका इस्तेमाल भाजपा सरकार कर रही है.’

उन्होंने दावा करते हुए कहा, ‘नहीं, तो चीन ने हमारी 20,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर रखा है, पहले सरकार उस जमीन को वापस ले.’

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जम्मू कश्मीर सरकार ने कथित अतिक्रमण से राज्य की जमीन खाली करने के लिए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया है. इस अभियान ने आम लोगों और नेताओं के बीच नाराजगी पैदा की है, जिनका कहना है कि यह उन गरीब लोगों को प्रभावित करेगा जिनके पास दशकों से रहने या जीवित रहने के लिए छोटी-छोटी जमीनें हैं.

जम्मू कश्मीर उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा ने आश्वासन दिया था कि किसी भी गरीब व्यक्ति को लक्षित नहीं किया जाएगा, बल्कि यह केवल ‘उन प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए है, जिन्होंने अपने रुतबे का इस्तेमाल करके राज्य की भूमि का अतिक्रमण किया.’

मंगलवार को, जम्मू कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर में एक प्रमुख होटल के मालिकों सहित तीन प्रमुख राजनीतिक और दो व्यापारिक परिवारों के कथित कब्जे से राज्य की भूमि को पुनः प्राप्त किया था. पिछले हफ्ते श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता अली मोहम्मद सागर के आवास के एक आउटहाउस और चारदीवारी को हटा दिया गया था.

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत जिन लोगों को निशाना बनाया गया उनमें से कुछ के पास महाराजा हरि सिंह के समय से यहां होटल नेड्स जैसी जमीन थी.

मुफ्ती ने कहा, ‘पहले उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच, फिर गुर्जरों और बकरवालों तथा शियाओं और सुन्नियों के बीच एक खाई पैदा की. अब ये अमीरों के खिलाफ बोलकर अमीरों और गरीबों के बीच की खाई पैदा कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि गरीबों के घर तोड़े जा रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह से गलत है और मैं यहां के लोगों से अनुरोध करती हूं कि देखें कि लद्दाख और करगिल के लोग कैसे एकजुट हुए हैं. जब तक कश्मीर और जम्मू की जनता एक नहीं होगी, हम इस हमले का मुकाबला नहीं कर पाएंगे. तमाशबीन न बनें, आगे आएं और मुद्दों को उठाएं.’

पीडीपी प्रमुख ने कहा कि श्रीनगर में राजभवन और बादामी बाग छावनी क्षेत्र राज्य की जमीन पर बने हैं और उन्हें पहले खाली किया जाना चाहिए.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महबूबा ने सवाल किया, ‘गवर्नर हाउस और बीबी छावनी कहां है? अगर वे कह रहे हैं कि वे प्रभावशाली लोगों के खिलाफ (अभियान) शुरू कर रहे हैं, तो इसे गवर्नर हाउस और बीबी छावनी से शुरू करें. वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?’

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि यह अभियान जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार तंत्र का एक हिस्सा है.

उन्होंने कहा, ‘मैं आपको बड़ी जिम्मेदारी के साथ बताना चाहती हूं कि यह भ्रष्टाचार का हिस्सा है. वे अमीरों से पैसा और गरीबों से वोट लेना चाहते हैं. वे गरीबों को मजबूर करना चाहते हैं ताकि उन्हें भाजपा कार्यालय में बुलाकर पार्टी का समर्थन करने को कहा जाए. अमीरों को एक विशिष्ट अधिकारी से मिलने के लिए कहा जाता है.’

जम्मू में बेदखली नोटिस मिलने को लेकर प्रदर्शन जारी

जम्मू कश्मीर में ‘अवैध रूप से कब्जाई गई’ सरकारी भूमि मुक्त कराने के लिए जारी प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ बुधवार को महिलाओं और बच्चों सहित हजारों लोगों ने शहर के बाहरी इलाके सुंजवान-बठिंडी में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.

अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकारों ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर ‘अतिक्रमणकारियों’ से सात दिन के भीतर अवैध निर्माण हटाने को कहा है. लोगों ने इसी कारण प्रदर्शन किए हैं. प्रदर्शनकारियों ने इलाके में पूर्ण बंद का आह्वान कर रखा था.

प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों से गुजरते हुए अतिक्रमण-रोधी मुहिम के खिलाफ तिरंगा लहराया और नारेबाजी की तथा इसके बाद बाइपास के पास एक विशाल भूखंड पर शांतिपूर्वक धरना दिया.

उपमंडलीय मजिस्ट्रेट को प्रदर्शनकारियों से हटने का अनुरोध करते हुए और उन्हें यह आश्वासन देते देखा गया कि किसी भी आवासीय परिसर को नष्ट नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उनकी समस्याओं को सुनने के लिए तैयार है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, अपनी पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) सहित लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी विरोध में शामिल हुए और इस अभियान को तत्काल रोकने की मांग की.

लोगों ने 30 जनवरी को भी इलाके में प्रदर्शन किया था और अतिक्रमण-रोधी मुहिम को समाप्त न किए जाने की स्थिति में प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दी थी.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बुधवार को शांतिपूर्ण विरोध मार्च मलिक मार्केट के ईदगाह मैदान में समाप्त हुआ, जहां उन्होंने सरकार से एक स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग की, जिसमें यह घोषणा की जाए कि न तो आम लोगों को बेदखल किया जाएगा और न ही उनके घरों को तोड़ा जाएगा.

बठिंडी, मलिक मार्केट और सुंजवान में लगातार दूसरे दिन बाजार बंद रहे. प्रदर्शनकारियों में स्कूल जाने वाले बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने मार्च में भाग लेने के लिए अपनी कक्षाएं छोड़ दी थीं.

मंगलवार को भाजपा के राज्यसभा सदस्य गुलाम अली खटाना ने बठिंडी का दौरा किया था और आश्वासन दिया था कि कोई भी आवासीय परिसर नहीं गिराया जाएगा.

हालांकि, एक राजस्व अधिकारी ने बताया कि विभाग ने सुंजवान और मलिक मार्केट क्षेत्र में बेदखली के छह नोटिस दिए गए हैं.

अख़बार के मुताबिक, बठिंडी कभी जम्मू की वन भूमि थी, लेकिन वर्षों से सरकारों लोगों को यहां घर बनाने और बसने के लिए प्रोत्साहित किया.

बठिंडी के रहने वाले अब्दुल रशीद ने कहा, ‘सरकार ने अतीत में जम्मू में कई अवैध कॉलोनियों को नियमित किया है. वह सुंजवान, बठिंडी, मलिक मार्केट और चन्नी रामा में ऐसा क्यों नहीं कर सकती.’

मालूम हो कि एलजी के इस कदम की विपक्ष पहले ही आलोचना कर चुका है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी ट्विटर पर इसे लेकर नाखुशी जाहिर करते हुए और सरकार से ‘गरीबों को बख्शने’ का आग्रह किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)