माना जाता है कि 1999 में पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ़ ने ही करगिल युद्ध की ज़मीन तैयार की थी. करगिल में मिली नाकामी के बाद उन्होंने तख़्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को अपदस्थ कर दिया था. दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने उन्हें राजद्रोह के एक मामले में मौत की सज़ा सुनाई थी.
इस्लामाबाद/दुबई: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ का रविवार को लंबी बीमारी के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे.
उनके परिवार के मुताबिक, मुशर्रफ दुर्लभ बीमारी ‘एमिलॉयडोसिस’ से पीड़ित थे, जिसमें पूरे शरीर के अंगों और उत्तकों में एमिलॉयड नामक एक असामान्य प्रोटीन बनता है.
मुशर्रफ के परिवार ने जून 2022 में घोषणा की थी कि उन्हें एमिलॉयडोसिस के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनके बयान में कहा गया है, ‘वह एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, जहां रिकवरी संभव नहीं है और अंग खराब हो रहे हैं.’
‘जियो न्यूज’ ने उनके परिवार के हवाले से बताया कि जनरल (सेवानिवृत्त) मुशर्रफ का दुबई में एक अस्पताल में निधन हो गया. इसने कहा कि उनका अमेरिकन हॉस्पिटल दुबई में इलाज चल रहा था.
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार के अनुसार, 2016 से दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने रविवार को अंतिम सांस ली.
माना जाता है कि 1999 में मुशर्रफ ने ही करगिल युद्ध की जमीन तैयार की थी, जो महीनों तक चला था. यह युद्ध तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लाहौर में भारत के अपने समकक्ष अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद शुरू हुआ था.
करगिल में मिली नाकामी के बाद मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री शरीफ को अपदस्थ कर दिया था और 1999 से 2008 तक विभिन्न पदों पर रहने के साथ ही राष्ट्रपति के रूप में पाकिस्तान पर शासन किया था.
वह जून 2001 में पाकिस्तान के 10वें राष्ट्रपति बने थे. 2007 में विपक्ष की नेता बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद उनके सहयोगियों को 2008 के चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्होंने संभावित महाभियोग का सामना करते हुए अगस्त 2008 में इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपति के रूप में मुशर्रफ 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ शांति शिखर सम्मेलन के लिए आगरा गए थे, लेकिन बातचीत बन नहीं पाई थी और संधि पर कभी हस्ताक्षर नहीं किया गया.
2013 में उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
मार्च 2014 में मुशर्रफ को तीन नवंबर 2007 को संविधान निलंबित करने का दोषी ठहराया गया था. दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने मुशर्रफ को राजद्रोह के एक मामले में मृत्यदंड सुनाया था.
पूर्व सैन्य शासक मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में स्व-घोषित निर्वासन में थे. उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्या मामले और लाल मस्जिद मौलवी हत्या मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था.
मुशर्रफ का 11 अगस्त 1943 को दिल्ली में जन्म हुआ था. मुशर्रफ चार वर्ष के थे, जब उनका परिवार 1947 में नई दिल्ली से कराची चला गया था. उनके पिता विदेश मंत्रालय में कार्यरत थे, जबकि उनकी मां शिक्षक थीं.
मुशर्रफ 1961 में पाकिस्तानी सेना में भर्ती हुए थे. उन्होंने क्वेटा के आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी. 1965 और 1971 में उन्होंने भारत-पाकिस्तान युद्धों में भाग लिया था. बाद के वर्षों में उन्हें ‘फोर स्टार’ जनरल के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सेना के जनसंपर्क विंग के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान की सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है. जियो न्यूज ने बताया कि सोमवार को एक विशेष उड़ान से शव को दफनाने के लिए घर लाया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)