सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज की

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग़ाज़ियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुनवाई कर रही निचली अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी है.  

/
पत्रकार राणा अयूब (फोटो साभारः फेसबुक)

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ग़ाज़ियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राना अयूब की याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सुनवाई कर रही निचली अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी है.

पत्रकार राना अयूब (फोटो साभारः फेसबुक)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा समन किए जाने को चुनौती देने वाली पत्रकार राना अयूब की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. हालांकि शीर्ष अदालत ने मामले को निचली अदालत के समक्ष उठाने का मार्ग खुला छोड़ दिया.

जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने अयूब को सुनवाई कर रही अदालत के समक्ष न्यायाधिकार का मुद्दा उठाने की अनुमति दी और कहा कि यह साक्ष्य का सवाल है.

जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन ने पीठ की ओर से फैसला सुनाया और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की धारा तीन का जिक्र करते हुए कहा कि नवी मुंबई, जहां अयूब का खाता है, उसे अपराध से आय अर्जित का स्थान बताया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘यह सवाल कि क्या एक या अधिक गतिविधियां (पीएमएलए की धारा तीन के तहत) हुईं और साक्ष्य का सवाल तथा स्थान को सबूतों के आधार पर तय किया जाना है. इसलिए हम यह याचिकाकर्ता पर छोड़ते हैं कि वह इन मुद्दों को निचली अदालत के समक्ष उठाए. रिट याचिका को खारिज माना जाता है.’

पीएमएलए की धारा तीन के अनुसार, ‘जो कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का प्रयास करता है या जानबूझकर सहायता करता है या जानबूझकर हितधारक है या वास्तव में अपराध की आय से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया या गतिविधि में शामिल है और इसे बेदाग संपत्ति के रूप में पेश करता है, वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी होगा.’

शीर्ष अदालत ने 31 जनवरी को समन को चुनौती देने वाली अयूब की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अपनी रिट याचिका में अयूब ने न्यायाधिकार की कमी का हवाला देते हुए गाजियाबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा शुरू की गई कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया था क्योंकि कथित मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध मुंबई में हुआ था.

मामले की सुनवाई के दौरान राना अयूब की ओर से पेश हुईं वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा, ‘क्या उसकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को ऐसी प्रक्रिया से वंचित किया जा सकता है जो कानून द्वारा अधिकृत नहीं है?’

उन्होंने दलील दी कि गाजियाबाद की विशेष अदालत का इसे अपराध बताने का कोई न्यायाधिकार नहीं है क्योंकि कथित कृत्य मुंबई में हुआ है.

ग्रोवर ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नवी मुंबई में पत्रकार के निजी बैंक खाते को जब्त कर लिया है जिसमें करीब एक करोड़ रुपये हैं.

ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि जांच एजेंसी ने मुकदमा गाजियाबाद की अदालत में दायर किया है क्योंकि वाद का कारण उत्तर प्रदेश से है, जहां गाजियाबाद सहित कई जगहों के लोगों ने उनके धन जुटाने के अभियान में योगदान दिया.

उन्होंने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग अपराध कोई स्वतंत्र अपराध नहीं है और यह हमेशा से अधिसूचित अपराध से संबंधित होता है जिसके लिए गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.

उन्होंने कहा, ‘फर्जी बिल, सामान की खरीद, अन्य के रूप में धन को दर्शाया गया और इसे निजी ऐशो आराम की चीजों पर खर्च किया गया.’

शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को गाजियाबाद की एक विशेष अदालत से कहा था कि अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 27 जनवरी को सुनवाई की कार्यवाही 31 जनवरी के बाद की तारीख तक स्थगित कर दे.

पिछले साल 29 नवंबर को गाजियाबाद में विशेष पीएमएलए अदालत ने ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था और अयूब को समन किया था.

पिछले साल 12 अक्टूबर को ईडी ने अयूब के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया और उन पर लोगों को धोखा देने तथा दान के नाम पर मिली 2.69 करोड़ रुपये की रकम का निजी संपत्ति बनाने में इस्तेमाल करने में तथा विदेश योगदान अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.

ईडी ने एक बयान में कहा, ‘राना अयूब ने अप्रैल 2020 से ‘केटो’ प्लेटफॉर्म पर तीन धन जुटाने वाले अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये की धनराशि एकत्र की.’

उसने कहा था कि झुग्गी बस्ती में रहने वालों और किसानों के लिए धन जुटाने, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य करने और भारत में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए अयूब और उनकी टीम की मदद करने के लिए ये अभियान चलाए गए थे.

ईडी ने बताया था कि जांच में पाया गया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाई गई धनराशि अयूब के पिता एवं बहन के खातों में भेजी गई थी और इसे बाद में उनके व्यक्तिगत खातों में हस्तांतरित किया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq