लोकसभा अध्यक्ष के कहने पर राहुल गांधी के भाषण से कौन-सी बातें हटाई गईं

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सात फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच संबंधों को लेकर कई टिप्पणियां की थीं. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राहुल के भाषण के 18 अंशों को संसदीय रिकॉर्ड से हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र ख़त्म किया गया. इस बीच राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपनी कही गईं बातों के कुछ हिस्से को कार्यवाही से हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आपत्ति जताई है.

बजट सत्र के दौरान लोकसभा में उद्योगपति गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर दिखाते कांग्रेस सांसद राहुल गांधी. (फोटो: पीटीआई)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सात फरवरी को संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के बीच संबंधों को लेकर कई टिप्पणियां की थीं. कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि राहुल के भाषण के 18 अंशों को संसदीय रिकॉर्ड से हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र ख़त्म किया गया. इस बीच राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपनी कही गईं बातों के कुछ हिस्से को कार्यवाही से हटाए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आपत्ति जताई है.

राहुल गांधी संसद में दिए भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी की एक तस्वीर दिखाते हुए. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को लोकसभा में अपना भाषण दिए जाने से कुछ घंटे पहले कांग्रेस ने कहा कि स्पीकर ओम बिड़ला के कहने पर राहुल गांधी के भाषण के उन हिस्सों को संसदीय रिकॉर्ड से बाहर कर दिया गया है, जिनमें उन्होंने अडानी समूह की तरक्की को कथित तौर पर बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था.

कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्विटर पर बताया कि लोकसभा अध्यक्ष के आदेश पर राहुल गांधी के भाषण के 18 अंशों को हटा दिया गया है. उन्होंने आगे पूछा, ‘उम्मीद है, आपने भी उनका भाषण सुना होगा. क्या यह असंसदीय था? क्या यह वही संसद है, जहां विपक्षी नेताओं को हमेशा स्वतंत्र रूप से अपने विचार रखने की अनुमति थी?’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि हटाए गए सभी हिस्सों में गांधी द्वारा प्रधानमंत्री से ‘अडानी के साथ संबंधों पर, उनकी यात्राओं सहित…’ पूछे गए प्रश्न थे.

सप्पल ने मोदी के खिलाफ गांधी के आरोपों और टिप्पणियों पर आपत्ति जताने वाली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा कि संसद में प्रधानमंत्री की आलोचना की जा सकती है या नहीं. उन्होंने यह भी दावा किया कि कई अखबारों ने बुधवार को राहुल गांधी की हटाई गईं टिप्पणियों को छापा और कुछ पत्रकारों ने पूछा है कि लोकसभा उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है.

राहुल गांधी के भाषण की एक प्रति जिसमें हटाए गए सभी अंश शामिल हैं, सप्पल ने द वायर के साथ साझा की है. इसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि वे सभी टिप्पणियां, जिनमें राहुल गांधी ने गौतम अडानी के साथ प्रधानमंत्री के कथित संबंधों और लंबे रिश्ते के बारे में जिज्ञासा व्यक्त की थी या बात की थी, हटा दी गई हैं.

उदाहरण के लिए एक मौके पर राहुल गांधी ने इस बारे में बात की कि किस तरह भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनसे मिले लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में हर उस क्षेत्र में अडानी समूह की सफलता पर आश्चर्य व्यक्त किया, जिसमें भी समूह ने प्रवेश किया. और साथ ही कहा था कि लोग मोदी के साथ गोतम अडानी के संबंधों को लेकर उत्सुक थे. हालांकि, शुरुआती कुछ वाक्यों को रिकॉर्ड में रखा गया, लेकिन आखिरी वाक्य जिसमें राहुल ने दोनों के बीच संबंध के बारे में पूछा था, उसे हटा दिया गया है.

राहुल गांधी का यह आरोप भी हटा दिया गया है कि जीवीके समूह को मुंबई हवाईअड्डे का ठेका अडानी समूह को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि मोदी सरकार ने कंपनी के खिलाफ मनमाने छापे मारे थे.

इसी तरह, जिस हिस्से में राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी की विदेश यात्राओं में अडानी की लगातार उपस्थिति रही है और परिणामस्वरूप रक्षा या हवाई अड्डों जैसे कुछ क्षेत्रों में कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद अडानी समूह सरकारी अनुबंधों का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है, उसे भी हटा दिया गया है.

निकाले गए कुछ अन्य हिस्सों में गांधी का यह आरोप शामिल है कि रक्षा और कोयला क्षेत्रों में अडानी को मिले कुछ सबसे आकर्षक व्यावसायिक अनुबंध मोदी की इजरायल और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा के तुरंत बाद हुए थे.

इसी तरह, जहां गांधी ने भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए कहा था कि अडानी के नए व्यापारिक उद्यम केंद्र सरकार की नई विकास नीतियों से मेल खाते हैं, उन्हें भी हटा दिया गया है.

गौरतलब है कि मंगलवार (7 फरवरी) को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने गांधी द्वारा किए गए कुछ दावों पर आपत्ति जताई थी और उन्हें दो तस्वीरें दिखाने से भी रोका था, जिनमें से एक तस्वीर में मोदी और गौतम अडानी को एक फ्लाइट केबिन में एक साथ दिखाया गया था और दूसरी तस्वीर में मोदी कथित तौर पर अडानी समूह के स्वामित्व वाली एक फ्लाइट में सवार होने के दौरान हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे.

गांधी के आरोपों के खिलाफ भाजपा सांसदों के विरोध के बीच ओम बिड़ला कांग्रेस नेता और अन्य सदस्यों से बिना सबूत के कोई आरोप नहीं लगाने का अनुरोध करते रहे थे.

कार्यवाही से अपने संबोधन के कुछ हिस्से हटाए जाने पर रास में खड़गे ने जताई आपत्ति

राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपने भाषण का कुछ हिस्सा सदन की कार्यवाही से हटाए जाने की बात कही है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपनी कही गईं बातों के कुछ हिस्से को कार्यवाही से हटाए जाने पर आपत्ति जताते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने कुछ असंसदीय कहा था.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो: पीटीआई)

उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर यह मुद्दा उठाते हुए खड़गे ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा था, उसमें से छह बिंदुओं को कार्यवाही से हटा दिया गया. उन्होंने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ भी असंसदीय कहा था.’

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि परंपराओं और नियमों का सदन में पूरी तरह पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां जो कुछ कहा जाता है, वह नियमों के दायरे में रह कर ही कहा जाता है. उन्होंने कहा, ‘लेकिन फिर भी चुन-चुन कर गलत अर्थ निकालें. मैं यह तो नहीं कहूंगा लेकिन फिर भी… मुझसे इस बारे में बात की जा सकती थी.’

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने कार्यवाही का गहन अध्ययन कर कुछ हिस्से हटाए जाने का निर्णय किया. उन्होंने कहा, ‘मैं सदस्यों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे भी कार्यवाही का अध्ययन करें. सदन की गरिमा हर हाल में बनाए रखनी चाहिए.’

खड़गे ने यह भी कहा कि आसन की ओर से बार-बार टोका जाता है, जबकि यह ठीक नहीं हैं. इस पर धनखड़ ने जवाब दिया ‘नेता प्रतिपक्ष का डिफेंडर आसन ही होता है.’ तब खड़गे ने कहा कि ऐसा नहीं हो रहा है.

इससे पहले कार्यवाही से नेता प्रतिपक्ष के संबोधन के कुछ हिस्से हटाए जाने का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के मुकुल वासनिक ने कहा कि आसन की ओर से कहा गया था कि ‘हमें राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.’

वासनिक के अनुसार, विपक्ष के नेता ने अपनी बात रखी, लेकिन उनकी कही गईं कुछ बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया. वासनिक ने सवाल किया ‘नेता प्रतिपक्ष ने ऐसा क्या कहा जो उसे कार्यवाही से हटा दिया गया?’

कांग्रेस के ही प्रमोद तिवारी ने कहा कि परंपराओं का ही पालन किया जा रहा है और विपक्ष के नेता के शब्दों को कार्यवाही का हिस्सा बने रहने दिया जाना चाहिए.

इससे पहले सभापति ने सदन को सूचित किया कि उन्हें नियत कामकाज नियम 267 के तहत निलंबित कर अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के संजय सिंह और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सदस्य डॉ. के. केशव राव के दो नोटिस मिले हैं. सभापति ने कहा कि उन्होंने व्यवस्था के अनुरूप न होने के कारण दोनों नोटिस स्वीकार नहीं किए.

इस पर आप सदस्य संजय सिंह ने कहा कि वह देश हित से जुड़े एक अहम मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है जिस पर विरोध जताते हुए उनकी पार्टी के सदस्य सदन से बहिर्गमन करेंगे.

इसके बाद आप सदस्य सदन से उठ कर चले गए.

डॉ. केशव ने कहा कि अडानी समूह पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इस पर चर्चा होनी चाहिए. सभापति ने कहा कि सदस्य ने चतुराई से अपनी बात सदन में रख दी है, लेकिन वह भी अपनी व्यवस्था दे चुके हैं.

इसके बाद सभापति ने सदन में सदस्यों से शून्यकाल के तहत लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए कहा.

राहुल की टिप्पणियों को हटाकर लोकसभा में लोकतंत्र खत्म किया गया: कांग्रेस

इस बीच कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि लोकसभा में अडाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर राहुल गांधी की ओर से की गईं टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाकर सदन में लोकतंत्र को खत्म किया गया.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले पर राहुल गांधी की टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाए जाने के साथ लोकसभा में लोकतंत्र का दाहसंस्कार कर दिया गया. ओम शांति.’

लोकसभा में अपनी टिप्पणी में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद गौतम अडानी की संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि हुई और वह वैश्विक अमीरों की सूची में 609वें से दूसरे स्थान पर पहुंच गए.

उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया था कि मौजूदा सरकार के दौरान नियम बदलकर हवाई अड्डों के ठेके अडाणी समूह को दिए गए.

उनका कहना था, ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी जी की विदेश में शेल कंपनियां हैं. इन शेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है?’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी थी, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें ‘बेतुका आरोप’ नहीं लगाने और अपने दावों के सबूत पेश करने के लिए कहा था.

संसद के बाहर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर निराधार, बेशर्म और लापरवाह आरोप लगाने का आरोप लगाने के साथ दावा किया था कि कांग्रेस और गांधी परिवार ‘बड़े घोटालों’ में शामिल थे, जिन्होंने देश की छवि को ‘खराब’ किया.

राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, लोकसभा अध्यक्ष ने अध्ययन करके कार्रवाई की बात कही

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री के संबंध में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा में की गईं कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर विचार करने के बाद कार्रवाई की बात कही है.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर मंगलवार को शुरू हुई चर्चा में भाग लेने के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा की गईं कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.

सदन में बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्य ने सदन के कामकाज के नियम 353 और 369 का उल्लंघन किया है.

उन्होंने कहा कि नियम 353 के तहत उस व्यक्ति पर आरोप नहीं लगाए जा सकते, जो अपने बचाव के लिए सदन में उपस्थित नहीं है. उन्होंने कहा कि नियम के तहत इसके लिए पूर्व में नोटिस देना होता है और लोकसभा अध्यक्ष से पूर्व अनुमति लेनी होती है. जोशी ने कहा कि इसी तरह नियम 369 के तहत सदन में दिखाए गए किसी कागज को सत्यापित करना होता है, जो कांग्रेस सदस्य ने नहीं किया.

जोशी ने कहा, ‘हमने विशेषाधिकार हनन का नोटिस (राहुल गांधी के खिलाफ) दिया है. उन्होंने कल (मंगलवार) सदन में बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, जिनका (सरकार से) कोई संबंध नहीं है. मैं आसन से आग्रह करता हूं कि उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जाए और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाए.’

अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘मैं इस विषय को देखकर कार्रवाई करूंगा.’

वहीं, निशिकांत दुबे ने सदन में प्रश्नकाल के बाद कहा कि उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. इस पर पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि उनका नोटिस मिला है, जो लोकसभा अध्यक्ष के विचाराधीन है.

भाजपा सदस्य निशिकांत दुबे ने बुधवार को संसद भवन परिसर में कहा कि इन्होंने (राहुल गांधी) सदन में ‘झूठ का पुलिंदा रखा’ और प्रधानमंत्री पर आक्षेप लगाने का प्रयास किया.

दुबे ने कहा, ‘ऐसे में मैंने नियम 352 (2), 353 और 369 के अलावा नियम 223 के तहत कही गईं बातों की पुष्टि के लिए प्रमाण रखने और प्रमाण नहीं पेश कर पाने की स्थिति में विशेषाधिकार हनन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करने वाला नोटिस दिया है.’

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)