राज्यसभा कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग को लेकर निलंबित कांग्रेस सांसद ने सज़ा पर सवाल उठाए

कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल को राज्यसभा की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए मौजूदा सत्र की शेष बैठकों से निलंबित कर दिया गया है. पाटिल का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और इसके लिए इतना सख़्त क़दम उठाना उचित नहीं है.

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रजनी पाटिल. (फोटो साभार: संसद टीवी)

कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल को राज्यसभा की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए मौजूदा सत्र की शेष बैठकों से निलंबित कर दिया गया है. पाटिल का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और इसके लिए इतना सख़्त क़दम उठाना उचित नहीं है.

रजनी पाटिल. (फोटो साभार: संसद टीवी)

नई दिल्ली: कांग्रेस सदस्य रजनी पाटिल को राज्यसभा की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए शुक्रवार को मौजूदा सत्र की शेष बैठकों से निलंबित कर दिया गया.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन में इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पाटिल ने सदन की कल की कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग कर उसे ट्विटर पर पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है.

रिपोर्ट के अनुसार, पाटिल ने उस हंगामे का एक वीडियो पोस्ट किया था जो राज्यसभा में उस समय हुआ था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे, जब विपक्ष ने अडानी समूह को भाजपा सरकार के कथित संरक्षण का विरोध शुरू किया था. विपक्ष ने गौतम अडानी द्वारा स्टॉक हेरफेर के दावों की भी जांच की मांग की.

रजनी पाटिल ने उन्हें मिली सजा पर प्रतिक्रिया कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया और इतना सख्त कदम उठाना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘सदन में जिस तरह से चर्चा हो रही है, अनजाने में कोई गलती हो गई हो तो इतनी बड़ी सजा देंगे.’

शिकायत को बताया साजिश

समाचार एजेंसी एएनआई ने पाटिल के हवाले से कहा कि ‘यह सजा बिना किसी मुकदमे के उन्हें फांसी देने के आदेश के समान है.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा कुछ नहीं किया, लेकिन जब मैंने कुछ नहीं किया तब भी मुझे फांसी की सजा दी गई. मैं स्वतंत्रता सेनानी के परिवार से आती हूं और मेरी संस्कृति मुझे कानून का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं देती.

कांग्रेस सांसद ने कहा कि सत्ताधारी दल ने उनके खिलाफ एक ‘साजिश’ के तहत शिकायत की थी.

उन्होंने कहा, ‘हमने कल बार-बार पीएम मोदी के जवाब के बीच में रोका, यही वजह है कि वे भड़क गए हैं. यह साजिशन है.’ सांसद ने सवाल किया कि नाम लिए जाने तुरंत बाद उन्हें निलंबित करना क्या उचित था. उन्होंने कहा, ‘मुझ पर इस तरह आरोप लगाना और सीधे तौर पर मुझे कड़ी से कड़ी सजा देना उचित नहीं है. मेरा नाम जानबूझकर लिया गया और मुझे अपमानित महसूस हुआ.’

पाटिल का निलंबन 2016 के भगवंत मान मामले में बनाई प्रक्रिया को आधार बनाकर किया गया: धनखड़

इस बीच, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल को बजट सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित किए जाने में उसी प्रक्रिया का अनुसरण किया गया जो आम आदमी पार्टी (आप) के तत्कालीन सांसद भगवंत मान द्वारा संसद की कार्यवाही की सोशल मीडिया में ‘लाइव स्ट्रीमिंग’ करने के मामले के बाद 2016 में बनाई गई थी.

मान अब पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. उन्हें इसके लिए एक समिति की सिफारिशों के आधार पर पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था. इस समिति में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद किरीट सोमैया और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल शामिल थे.

नौ सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मान का आचरण ‘अत्यधिक आपत्तिजनक’ था और इससे पता चलता है कि वे ‘अपने कार्यालय के बुनियादी ज्ञान, शिष्टाचार और जिम्मेदारियों से अनजान थे.’

धनखड़ ने कहा कि पाटिल के निलंबन में आसन ने उन्हीं प्रक्रियाओं का पालन किया है जो मान के मामले में संसद और लोकसभा परिसर में किए गए इसी प्रकार के व्यवहार के बाद तय की गई थी.

विशेषाधिकार समिति की जांच से पहले पाटिल का निलंबन

हालांकि, पाटिल के मामले में निलंबन काफी तेज गति से हुआ. भाजपा की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सभापति ने पाटिल की ‘अनुचित गतिविधि’ को गंभीर मामला बताया था.

धनखड़ ने कहा, ‘रजनी अशोकराव पाटिल इस अनुचित गतिविधि में शामिल थीं और जो देखा गया है वह एक ऐसा मामला है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि मामले की जांच विशेषाधिकार समिति द्वारा की जाएगी.

हालांकि सांसद को तत्काल प्रभाव से सजा दी गई. यह कहते हुए कि उन्होंने ‘वह सब किया जो आवश्यक था’ धनखड़ ने कहा, ‘चूंकि मामला सदन की कार्यवाही से संबंधित था, हमारे पास प्राथमिक सामग्री थी.’

उन्होंने कहा कि ‘पूरे मामले की जांच विशेषाधिकार समिति द्वारा की जाएगी और जब तक हमें इस प्रतिष्ठित सदन के विचार के लिए विशेषाधिकार समिति की सिफारिश का लाभ नहीं मिलता है, तब तक रजनी अशोकराव पाटिल को वर्तमान सत्र के लिए निलंबित कर दिया जाता है.’

उल्लेखनीय है कि इस दौरान कई विपक्षी सदस्यों ने कहा कि राज्यसभा टीवी सदन की कार्यवाही को कवर करने में पक्षपाती था. वहीं, कुछ सदस्यों की राय थी कि सदन की कोई समिति इस मुद्दे पर गौर करे.

कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि राज्यसभा टीवी द्वारा उच्च सदन की कार्यवाही के कवरेज में विपक्षी सदस्यों के खिलाफ पक्षपात किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दों को नहीं दिखाया गया.

उन्होंने कहा, ‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या सिर्फ विपक्ष को बदनाम करने के लिए ऐसा वीडियो पोस्ट किया गया.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)