जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 2019 के ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहे थे. उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. उनसे पहले पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य बनाया गया था, जबकि जस्टिस अशोक भूषण को उनकी सेवानिवृत्ति के चार महीने बाद राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम/अमरावती: कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर को राज्यपाल नियुक्त किए जाने को लेकर रविवार को सरकार की आलोचना करते हुए इस तरह की नियुक्तियों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिवंगत नेता अरुण जेटली की टिप्पणियों का जिक्र किया. साथ ही, इस कदम को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए एक ‘गंभीर खतरा’ करार दिया.
वहीं, भाजपा ने कहा कि इस तरह की नियुक्तियों के उदाहरण अतीत में भी देखने को मिले हैं और संविधान द्वारा इस पर पाबंदी नहीं लगाई है.
सरकार ने रविवार को छह नए चेहरों को राज्यपाल नियुक्त किया, जिनमें चार भाजपा नेता शामिल हैं. उन्ही में एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं. वह राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में 2019 में ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की पीठ का हिस्सा रहे थे.
नजीर, राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या भूमि विवाद, ‘तीन तलाक’ और ‘निजता के अधिकार’ को मूल अधिकार घोषित करने सहित कई महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली पीठ में शामिल रहे थे.
सरकार ने सात राज्यों में राज्यपाल के पदों पर फेरबदल भी किया है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का एक वीडियो संलग्न (टैग) किया, जिसमें भाजपा के दिवंगत नेता को 2012 में यह कहते सुना जा सकता है कि ‘सेवानिवृत्ति से पूर्व के फैसले सेवानिवृत्ति के बाद पद पाने की आकांक्षा से प्रभावित होते हैं.’
Adequate proof of this in the past 3-4 years for sure https://t.co/33TZaGKr8x
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 12, 2023
रमेश ने वीडियो के साथ किए गए ट्वीट में कहा, ‘इस बारे में पर्याप्त सबूत पिछले तीन-चार वर्षों में निश्चित रूप से मिला है.’
नजीर की नियुक्ति के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘आपके (भाजपा के) एक कद्दावर (दिवंगत) नेता अरुण जेटली ने पांच सितंबर 2013 को संसद में और कई बार इसके बाहर भी कहा था कि सेवानिवृत्ति के बाद पद पाने की आकांक्षा सेवानिवृत्ति से पूर्व के फैसलों को प्रभावित करती हैं. यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए खतरा है.’
उन्होंने जेटली की टिप्पणी का संदर्भ देते हुए कहा, ‘हम व्यक्तियों या निजी व्यक्ति के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. व्यक्तिगत रूप से मैं इस व्यक्ति (नजीर) का काफी सम्मान करता हूं. मैं उन्हें जानता हूं, यह उनके बारे में कहीं से नहीं है. सिद्धांत के तौर पर हम इसका विरोध कर रहे हैं. सिद्धांत के तौर पर हमारा मानना है कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को एक गंभीर खतरा है.’
सिंघवी ने कहा, ‘इसलिए, हम इसकी निंदा करते हैं, हम इसका विरोध करते हैं और हम इससे सहमत नहीं हैं.’
मालूम हो कि जस्टिस अब्दुल नजीर से पहले भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई को राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित किया गया था, जबकि जस्टिस अशोक भूषण को उनकी सेवानिवृत्ति के चार महीने बाद 2021 में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
जस्टिस नजीर की नियुक्ति भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है: माकपा सांसद
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एवं राज्यसभा सदस्य एए रहीम ने 2019 के अयोध्या फैसले का हिस्सा रहे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर की आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर नियुक्त करने के केंद्र के फैसले की रविवार को आलोचना की और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक धब्बा है.
माकपा सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को नियुक्त करना निंदनीय है, क्योंकि यह देश के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है.
रहीम ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, ‘जस्टिस अब्दुल नजीर को राज्यपाल के तौर पर नियुक्त करने का केंद्र सरकार का फैसला देश के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है. उन्हें (नजीर को) इस पेशकश को मानने से इनकार कर देना चाहिए. देश का अपनी न्याय प्रणाली में भरोसा नहीं खोना चाहिए. मोदी सरकार के इस तरह के फैसले भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है.’
मार्क्सवादी नेता ने कहा कि सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस अब्दुल नजीर को उनकी सेवानिवृत्ति के छह सप्ताह के भीतर राज्यपाल के पद पर नियुक्त किया गया.
वहीं, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर की आंध्र प्रदेश के नए राज्यपाल के रूप में नियुक्ति की निंदा की.
Yet another SC judge appointed governor less than 2 months after retirement.
Majoritarian govt doesn’t care about perception but how shameless are you, MiLord to accept it?
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 13, 2023
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘एक और सुप्रीम कोर्ट जज को सेवानिवृत्ति के दो महीने से भी कम समय में राज्यपाल नियुक्त किया. बहुसंख्यक सरकार को धारणा की परवाह नहीं है, लेकिन आप इसे स्वीकार करने के लिए कितने बेशर्म हैं?’
जस्टिस नजीर के राज्यपाल नियुक्त करने की आलोचना पर रिजिजू बोले- पूरा तंत्र फिर सक्रिय
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर सवाल खड़े करने को लेकर रविवार को प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘पूरा इकोसिस्टम एक बार फिर इस मुद्दे पर सक्रिय हो गया है.’
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि अब वे भारत को ‘व्यक्तिगत जागीर’ नहीं मान सकते.
राज्यपाल की नियुक्ति पर एक बार फिर से पूरा गिरोह जोरों पर है। उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि अब वे भारत को अपनी निजी जागीर जैसे नहीं चला सकते।
अब भारत को संविधान के प्रावधानों और लोगों की इच्छा के अनुसार चलाया जाएगा।— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 12, 2023
रिजिजू ने ट्विटर पर कहा कि भारत संवैधानिक प्रावधानों पर निर्देशित होगा.
वहीं, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि हर मुद्दे को राजनीतिक रंग देना कांग्रेस की आदत है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी पार्टी राज्यपालों की नियुक्ति पर भी ऐसा ही कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘पूर्व न्यायाधीशों को अतीत में अनगिनत मौकों पर विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया है. हमारा संविधान भी कहता है कि न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति बाद नियुक्तियों में कुछ भी गलत नहीं है.’
मुख्यमंत्री ने आंध्र के राज्यपाल के तौर पर पूर्व न्यायाधीश नजीर की नियुक्ति का स्वागत किया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने राज्य के नए राज्यपाल के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एस. अब्दुल नजीर की नियुक्ति का रविवार को स्वागत किया. उन्होंने कहा कि वह आंध्र प्रदेश की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए नए राज्यपाल के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक हैं.
It is my privilege to welcome the incoming Governor, Sri S. Abdul Nazeer garu, to our beautiful state of Andhra Pradesh. I look forward to working with you in unravelling Andhra Pradesh’s full potential.
Welcome Sir!— YS Jagan Mohan Reddy (@ysjagan) February 12, 2023
रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘नए राज्यपाल एस. अब्दुल नजीर का हमारे खूबसूरत राज्य आंध्र प्रदेश में स्वागत करना मेरा सौभाग्य है. मैं आंध्र प्रदेश की पूर्ण क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए उनके साथ काम करने का इच्छुक हूं. स्वागत है मान्यवर.’
उन्होंने निवर्तमान राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के प्रति भी आंध्र प्रदेश की उनकी सेवाओं के लिए आभार प्रकट किया, जिन्हें छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)