उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित बाल गृह में 45 से 100 दिन की उम्र के चार शिशुओं की मौत 10 से 14 फरवरी के बीच होने का मामला सामने आया है. ज़िला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने कहा कि बच्चे कुछ समय से बीमार थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक सरकारी बाल गृह में 45 से 100 दिन की उम्र के चार शिशुओं की मौत के बाद इसके अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि 10 से 14 फरवरी के बीच लखनऊ के प्राग नारायण रोड स्थित बाल गृह में चार शिशुओं की मौत हो गई. इसके बाद बाल गृह के अधीक्षक किंशुक त्रिपाठी को प्रथमदृष्टया निष्कर्षों के आधार पर बुधवार शाम को निलंबित कर दिया गया है.
यूपी की महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने एक बयान में कहा, ‘बच्चों को बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है. विभागीय डॉक्टर को वहां रह रहे बच्चों का चेकअप करने और कोई मामला सामने आने पर इलाज करने को कहा गया है.’
उन्होंने कहा कि एक समिति द्वारा जांच का आदेश दिया गया है और निष्कर्षों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने कहा, ‘बच्चों की देखभाल के लिए बाल गृह में पर्याप्त कर्मचारी हैं और उन्हें बच्चों के लिए हर संभव सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.’
लखनऊ के जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने कहा कि ये मौतें इसलिए हुईं, क्योंकि बच्चे कुछ समय से बीमार थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
सिंह ने कहा, ‘जिन चार बच्चों की मौत हुई, उनका विभिन्न अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के लिए इलाज चल रहा था. एक को कंजेशन (Congestion) था, दूसरा थैलेसीमिक (Thalassemic) था और एक को खून की कमी थी. मरने वाले सभी चार बच्चे समय से पहले पैदा हुए थे और कम वजन के थे, जो मौतों के कारणों में से एक हो सकते हैं.’
सिंह ने कहा, ‘लखनऊ के जिलाधिकारी द्वारा आदेश पारित किए जाने के बाद एक मजिस्ट्रेट द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, एक अधिकारी ने कहा, ‘रिपोर्ट का इंतजार है. उन्हें कमेटी के सामने पेश किया जाएगा, जो पूरे मामले की जांच करेगी.’
लखनऊ के जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि अधिकारियों के संज्ञान में मौतों के आने के बाद बुधवार को बाल गृह का निरीक्षण किया गया.
बयान कहा, ‘महिला एवं बाल विकास सचिव द्वारा निरीक्षण किया गया और यह पाया गया कि बाल गृह में बच्चों की संख्या क्षमता से अधिक थी, इसलिए बच्चों के लिए अतिरिक्त जगह प्रदान की गई, ताकि बच्चों में संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके.’