हैदराबाद पुलिस ने चेन स्नेचिंग के एक मामले में मोहम्मद क़ादिर को पकड़ा था. परिवार का दावा है कि इस घटना से क़ादिर का कोई संबंध नहीं था. मौत से पहले अस्पताल से क़ादिर ने एक वीडियो जारी कर पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के आरोप लगाए थे.
हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक दिहाड़ी मजदूर की कथित तौर पर हिरासत में मौत का मामला सामने आया है. मजदूर ने पुलिस पर उसे चेन स्नेचिंग के एक मामले में झूठा आरोपी बनाने और बर्बरतापूर्वक प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था.
हैदराबाद के गांधी अस्पताल में गुरुवार (16 फरवरी) को उन्होंने दम तोड़ दिया.
इसके बाद शनिवार (18 फरवरी) को पुलिस ने कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई का वादा किया है.
35 वर्षीय मोहम्मद कादिर को 29 जनवरी को हैदराबाद के याकूतपुरा में मेंडक टाउन पुलिस द्वारा कथित रूप से उठा लिया गया था. हालांकि, कादिर मेंडक टाउन के निवासी थे, लेकिन जब उन्हें पकड़ा गया उस समय वे अपने एक रिश्तेदार के यहां याकूतपुरा में थे.
पुलिस को कादिर पर जनवरी में दर्ज दो चोरी के मामलों में शामिल होने का संदेह है. पुलिस ने दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद उन्होंने कादिर को पकड़ा.
कादिर ने दावा किया था कि उन्हें 2 फरवरी को रिहा कर दिया गया था. 9 फरवरी को उन्हें मेंडक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 12 फरवरी उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें हैदराबाद के राजकीय गांधी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया. वहां डॉक्टरों ने उन्हें बताया था कि उनकी किडनी खराब हो गई है.
गांधी अस्पताल में समय बिताने के दौरान कादिर ने एक वीडियो बयान जारी किया था, जिसमें बताया था कि पुलिस हिरासत में कथित तौर पर वह किस दौर से गुजर रहे थे.
.@KTRBRS, One Mohd Khadeer Khan-35 was picked up by Medak Police from Yakutpura,Hyd on 29th Jan as a suspect in a theft case & kept in illegal custody for 5 days tortured to third degree and later kept in house arrest denied medical help./1 @mahmoodalitrs @TelanganaDGP @spmedak pic.twitter.com/n7AgfAfVpU
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) February 9, 2023
पुलिस ने कथित तौर पर पांच दिनों की अवधि में उसे बेरहमी से पीटने के लिए रबर के टायर का बेल्ट इस्तेमाल किया.
अस्पताल से जारी वीडियो में उन्होंने कहा था, ‘उन्होंने मुझे कुछ घंटों के लिए उल्टा लटका दिया और रबर के टायर के बेल्ट से मेरी पिटाई की. मैं उन्हें कहता रहा कि मैं निर्दोष हूं लेकिन यातनाएं बंद नहीं हुईं.’
कादिर ने बताया था कि उन्हें बिजली के झटके भी दिए गए थे. अपनी रिहाई के बाद वह न तो चल पा रहे थे और न ही हाथ हिला पा रहे थे.
कादिर की पत्नी सिद्धेश्वरी ने इससे पहले संवाददाताओं को बताया था, ‘पुलिस ने मेरे पति को एक ऐसा अपराध स्वीकार करने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया, जो उन्होंने कभी किया ही नहीं.’
दंपति के तीन बच्चे हैं.
मेंडक कलेक्टर को दी गई शिकायत में सिद्धेश्वरी ने सब इंस्पेक्टर राजशेखर और दो कॉन्स्टेबलों – पवन और प्रशांत – के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
इस बीच, मेंडक डीएसपी सैदुलु ने यह मानने से इनकार कर दिया कि पुलिस ने कादिर को अवैध हिरासत में प्रताड़ित या कैद किया था.
उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, क्योंकि अपराध में शामिल व्यक्ति कादिर से मेल खाता था.’
18 फरवरी की दोपहर तक पुलिस महानिदेशक अंजनी कुमार ने पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चंद्रशेखर रेड्डी को कामारेड्डी जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी को मामले की जांच सौंपने का निर्देश दे दिया था. डीजीपी ने कहा कि आईजीपी जांच की निगरानी करेंगे.
डीजीपी के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
कादिर की मौत ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. ऑल इंडिया मजिलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रही है.
एआईएमआईएम विधायक कौशर मोहिउद्दीन ने भी मेंडक का दौरा किया और कादिर के जनाजे में शामिल हुए. उन्होंने पुलिस पर जमकर निशाना साधा और कार्रवाई की मांग की.
विधायक ने पूछा, ‘क्या वह एक नक्सली या आतंकवादी थे?’
पूर्व आईपीएस अधिकारी और तेलंगाना से बहुजन समाज पार्टी के नेता डॉ. आरएस प्रवीण कुमार ने भी पुलिस से जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है.
उन्होंने पूछा, ‘वे सिर्फ चेन चोरी के शक में मरियम्मा और कादिर जैसे गरीब लोगों की जान ले रहे हैं. और क्या आपने कभी अडानी, कविता या विजय माल्या जैसे लोगों को छूने की कोशिश की है, जो सैकड़ों और हजारों करोड़ के घोटाले कर रहे हैं?’
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.