भिवानी हत्याकांड के तीन आरोपी हरियाणा पुलिस के मुख़बिर हैं: रिपोर्ट

हरियाणा के भिवानी में राजस्थान के दो युवकों को कथित तौर पर अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने की घटना में राजस्थान पुलिस ने अपनी एफआईआर में जिन लोगों को हत्यारोपी बनाया है, उनमें तीन ऐसे हैं जो हरियाणा पुलिस के मुख़बिर हैं और पशु तस्करी से संबंधित सूचनाएं पुलिस को उपलब्ध कराते हैं, साथ ही छापेमारी में पुलिस के साथ नज़र आते हैं.

//
हरियाणा के भिवानी जिले में जली बोलेरो कार, जिसके अंदर दो लोगों के जले हुए शव बरामद हुए. (फोटो साभार: एएनआई)

हरियाणा के भिवानी में राजस्थान के दो युवकों को कथित तौर पर अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने की घटना में राजस्थान पुलिस ने अपनी एफआईआर में जिन लोगों को हत्यारोपी बनाया है, उनमें तीन ऐसे हैं जो हरियाणा पुलिस के मुख़बिर हैं और पशु तस्करी से संबंधित सूचनाएं पुलिस को उपलब्ध कराते हैं, साथ ही छापेमारी में पुलिस के साथ नज़र आते हैं.

हरियाणा के भिवानी जिले में जली बोलेरो कार, जिसके अंदर दो लोगों के जले हुए शव बरामद हुए. (फोटो साभार: एएनआई)

गुड़गांव: पिछले हफ्ते हरियाणा राजस्थान निवासी जुनैद और नासिर की कथित हत्या पर एफआईआर में नामजद आरोपियों में से कम से कम तीन के हरियाणा के नूंह जिले की पुलिस के साथ करीबी संबंध होने की बात सामने आई है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वे पुलिस के लिए संदिग्ध पशु तस्करों की मुखबिरी करते थे, यहां तक कि कई बार छापेमारी में पुलिस टीम के साथ होते थे.

अखबार ने इसके द्वारा खंगाले गए रिकॉर्ड्स के हवाले से लिखा है कि रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत को नूंह के फिरोजपुर झिरका और नगीना थानों में पिछले दो महीनों में दर्ज की गई कम से कम चार एफआईआर में मुखबिर के रूप में दिखाया गया है.

वे जुनैद और नासिर की कथित हत्या के सिलसिले में शुरू में नामजद किए गए पांच अभियुक्तों में शामिल हैं और कथित गोरक्षक गुटों का हिस्सा हैं. इसमें बजरंग दल के सदस्य और गुड़गांव में हरियाणा सरकार के गो संरक्षण कार्य बल का चेहरा मोनू मानेसर का नाम भी शामिल है. सोमवार को राजस्थान पुलिस ने सूची में आठ और लोगों के नाम जोड़े हैं.

अखबार के मुताबिक, जिन मामलों में इन तीनों के नाम मुखबिर के तहत लिखे हैं, वे एफआईआर इसी साल 1 जनवरी, 19 जनवरी, 23 जनवरी और 14 फरवरी को दर्ज की गईं.

14 फरवरी को फिरोजपुर झिरका थाने में दर्ज की गई सबसे हालिया एफआईआर तीनों आरोपियों के हरियाणा पुलिस के साथ संबंधों को रेखांकित करती है. यह रात 10.30 (जुनैद और नासिर के अपहरण की आशंका से कुछ घंटे पहले) बजे हरियाणा के मवेशी वध कानून के तहत दर्ज की गई थी.

एफआईआर में कहा गया है कि नूंह के अगोन गांव के पास उस समय एक पुलिस टीम तैनात थी, जब मुखबिर और कथित गोरक्षक रिंकू ने सूचित किया कि मवेशी तस्करी में शामिल पांच लोग मवेशियों को मारने के लिए एक पिकअप ट्रक में राजस्थान की ओर जा रहे हैं, उन्हें बैरिकेड्स के साथ पकड़ा जा सकता है.

एफआईआर में बैरिकेडिंग किए जाने और 10-15 मिनट बाद रिंकू के सिग्नल पर एक पिकअप ट्रक को रोकने का संकेत करने संबंधी बात दर्ज है. इसमें कहा गया है कि रिंकू ने उन पांच आरोपियों की पहचान की, जिन पर हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन अधिनियम 2015 के साथ-साथ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था.

फिरोजपुर झिरका थाने में ही 23 जनवरी को उप-निरीक्षक बलवीर सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज एक और एफआईआर में रिंकू की पहचान एक खास मुखबिर और गोरक्षा दल के सदस्य के रूप में की गई थी.

इसमें कहा गया है कि मवेशी तस्करी को लेकर रिंकू की खुफिया सूचना के आधार पर खेड़ा गांव के पास पुलिस ने एक छापा मारा था, जिसमें एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और तीन भागने में सफल रहे.

फिरोजपुर झिरका थाने में ही 19 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर में मुखबिर के तौर पर सिंगला का नाम दर्ज है. एफआईआर में सिंगला को गोरक्षा दल का सदस्य बताया गया है.

एफआईआर में कहा गया है कि जब पुलिस टीम सिंगला के साथ मौके पर पहुंची तो तीन आदमी और दो गायें देखी गईं. इसमें आगे कहा गया है कि सिंगला ने आरोपियों को पहचान लिया क्योंकि वे भाग रहे थे, और उन पर हरियाणा गोवंश संरक्षण और गोसंवर्धन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं, एक जनवरी को संदिग्ध पशु तस्करों के खिलाफ एक ही दिन में दो एफआईआर दर्ज की गईं: पहली एफआईआर नगीना थाने में श्रीकांत की गुप्त सूचना पर और दूसरी एफआईआर फिरोजपुर झिरका थाने में रिंकू की गुप्त सूचना पर दर्ज की गई.

नगीना में दर्ज एफआईआर में पुलिस की ओर से कहा गया है कि पुलिस की पेट्रोलिंग टीम को गोरक्षा दल के सदस्य श्रीकांत और उनके सहयोगियों ने सतर्क किया कि एक पशु तस्कर एक पशु की हत्या कर रहा है.

दूसरी एफआईआर में, पुलिस ने कहा कि उन्होंने चार पशु तस्करों को पकड़ने के लिए नूंह के एक गांव में छापा मारा जो भागने में सफल रहे.

गौरतलब है कि 2021 में हरियाणा सरकार ने एक विशेष गो रक्षा कार्य बल अधिसूचित किया था, जिसमें अधिकारी और स्थानीय गो रक्षक समितियों के सदस्य शामिल थे.

फिरोजपुर झिरका के डीएसपी सतीश कुमार ने कहा, ‘तीन गो रक्षक रिंकू, लोकेश और श्रीकांत अक्सर पुलिस को संदिग्ध पशु तस्करों के बारे मुखबिरी देते थे. उनकी भूमिका पुलिस को जानकारी देने तक ही सीमित है. कुछ मौकों पर वे गवाह के तौर पर पुलिस के साथ गए हैं.’

नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने कहा, ‘वे स्वयंभू गोरक्षक हैं और पुलिस से उनका जुड़ाव केवल उस स्तर तक है कि वे कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी उपलब्ध कराते हैं. कुछ मामलों में, यदि वे स्वतंत्र गवाह बनने के इच्छुक होते हैं तो पुलिस का साथ दे देते हैं. कानून में प्रावधान है कि पुलिस को स्वतंत्र गवाह जुटाने होते हैं जो जानकारी को सत्यापित कर सकें.’

सिंगला ने इस बात से इनकार किया कि आरोपियों का सरकार से कोई संबंध है.

ज्ञात हो कि हरियाणा के भिवानी में बीते 16 फरवरी को गाय के नाम पर होने वाली हिंसा का एक कथित मामला सामने आया, जिसमें दो युवकों को अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने का आरोप है. एक चारपहिया वाहन के अंदर दो जले हुए शव मिले थे, जिनकी शिनाख्त राजस्थान के रहने वाले जुनैद और नासिर के रूप में हुई थी.