छत्तीसगढ़: कांग्रेस पदाधिकारियों के बाद तीन सरकारी विभागों में ईडी के छापे

कोयला लेवी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को नया रायपुर में जीएसटी, पर्यावरण और श्रम विभाग में छापेमारी की. इसी मामले में बीते 20 फरवरी को 10-12 जगहों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कांग्रेस विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के आवास भी शामिल थे.

(फोटो साभार: विकिपीडिया)

कोयला लेवी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को नया रायपुर में जीएसटी, पर्यावरण और श्रम विभाग में छापेमारी की. इसी मामले में बीते 20 फरवरी को 10-12 जगहों पर छापेमारी की गई थी, जिसमें कांग्रेस विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के आवास भी शामिल थे.

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नई दिल्ली: कोयला लेवी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की एक टीम ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में कम से कम तीन सरकारी विभागों में छापेमारी की.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जीएसटी, पर्यावरण और श्रम विभाग में छापेमारी की गई. तलाशी अभियान दोपहर में शुरू हुआ और देर रात तक जारी रहा. ईडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया है.

वहीं, राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारी इन तीन विभागों में राज्य सरकार के अधिकारियों से कुछ दस्तावेज मांग रहे थे और इन विभागों में या बाहर अधिकारियों के आने-जाने पर प्रतिबंधित लगा दिया था.

अधिकारियों ने कहा कि सोमवार (20 फरवरी) को ईडी ने कोयला लेवी मामले में अपनी जांच के तहत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कम से कम दो विधायकों और पार्टी से जुड़े अन्य लोगों के 13 आवासों सहित आठ लोगों के निजी परिसरों पर छापा मारा था.

सूत्रों ने कहा कि ईडी ने रायपुर, भिलाई, दुर्ग और भिलाई में कांग्रेस विधायकों, भिलाई से देवेंद्र यादव और बिलाईगढ़ से चंद्रदेव प्रसाद राय से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की.

एजेंसी ने पार्टी के राज्य कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, प्रवक्ता आरपी सिंह और गिरीश देवांगन, विनोद तिवारी और सनी अग्रवाल से जुड़े परिसरों पर भी छापे मारे. राम गोपाल अग्रवाल राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष भी हैं.

ईडी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने उन दो विधायकों में से एक के पास से आपत्तिजनक दस्तावेजों के अलावा, आभूषण और नकदी जब्त की है, जिनके आवास पर छापा मारा गया था.’

ईडी के सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी 50 से अधिक अधिकारियों ने की और कार्रवाई सुबह 6 बजे से शुरू हुई. सूत्र ने कहा, ‘इन व्यक्तियों (जिनके परिसरों पर छापा मारा गया था) के नाम पिछले साल आईटी विभाग के छापे के दौरान सामने आए थे. जांच पूरी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा या नहीं, इस पर फैसला लिया जाएगा.’

ईडी के अनुसार, कोयला मामले में नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों का एक गिरोह शामिल है, जो कथित तौर पर छत्तीसगढ़ से ले जाने वाले कोयले पर 25 रुपये प्रति टन की उगाही कर रहा था.

ईडी ने आरोप लगाया कि अपराध की आय का इस्तेमाल बेनामी संपत्तियों में निवेश करने, वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने और राज्य के राजनीतिक अधिकारियों द्वारा या उनकी ओर से उपयोग करने के लिए भी किया जा रहा था.

ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में कोयला मामले में छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. 12 जनवरी को, एजेंसी ने पूरे छत्तीसगढ़ में 16 स्थानों पर छापे मारे थे, जिनमें एक आईएएस अधिकारी, राजनेताओं और कोयला व्यापारियों के आवास शामिल थे.

ईडी ने 30 जनवरी को रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की विशेष अदालत में संबंधित मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

बीते 20 फरवरी को हुई ईडी कार्रवाई को कांग्रेस ने भाजपा की ‘प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति’ का हिस्सा बताया था.