भिवानी हत्याकांड पर आख़िरकार मुख्यमंत्री खट्टर बोले- किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं

भिवानी हत्याकांड और इसके आरोपियों के समर्थन में राज्य में हो रही हिंदू महापंचायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हर ज़िले के लिए एक टास्क फोर्स का बनाई गई है, जिसमें ग़ैर-सरकारी सदस्यों को भी शामिल किया जाता है, जिसका नेतृत्व एक डीएसपी करता है. निजी व्यक्तियों को कोई क़ानूनी अधिकार नहीं दिया गया है.

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर. (फोटो साभार: फेसबुक/@manoharlalkhattar)

भिवानी हत्याकांड और इसके आरोपियों के समर्थन में राज्य में हो रही हिंदू महापंचायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हर ज़िले के लिए एक टास्क फोर्स का बनाई गई है, जिसमें ग़ैर-सरकारी सदस्यों को भी शामिल किया जाता है, जिसका नेतृत्व एक डीएसपी करता है. निजी व्यक्तियों को कोई क़ानूनी अधिकार नहीं दिया गया है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर. (फोटो साभार: फेसबुक/@manoharlalkhattar)

नई दिल्ली: हरियाणा में गोरक्षकों के समर्थन में हो रही महापंचायतों के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को कहा, ‘किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है’ और निजी व्यक्तियों को कोई कानूनी अधिकार नहीं दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मनोहर लाल खट्टर चंडीगढ़ में गो तस्करी के मामलों और गोरक्षकों के कानूनी अधिकारों से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रहे थे.

यह कहते हुए कि हरियाणा गृह विभाग ऐसे मामलों के आंकड़े देने में सक्षम है, उन्होंने कहा, ‘हमने प्रत्येक जिले के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है. टास्क फोर्स में गैर-सरकारी सदस्यों को भी शामिल किया जाता है, जिसका नेतृत्व एक डीएसपी करता है ताकि पुलिस टास्क फोर्स के माध्यम से प्राप्त सूचना पर कार्रवाई करे. न तो किसी को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार है और न ही ऐसा अधिकार किसी को दिया जा सकता है.’

इस बीच, हरियाणा के पलवल में एक महापंचायत में वक्ताओं द्वारा हरियाणा सरकार से उत्तर प्रदेश से सीखने और मवेशियों की तस्करी से निपटने के लिए ‘बुलडोजर मॉडल’ अपनाने का आग्रह किया. इसके एक दिन बाद गुरुवार को भिवानी जिले में एक और महापंचायत में इसी तरह की कार्रवाई को दोहराया गया.

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह यूपी में बुलडोजर चलता है, उसी तरह हरियाणा में वही मॉडल लागू होना चाहिए.’ बजरंग दल और हरियाणा के छात्र नेता ललित बजरंगी ने कहा कि पशु तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाकर उनके घरों को तोड़ दिया जाना चाहिए.

गुरुवार के कार्यक्रम का आयोजन मोनू मानेसर और उनके सहयोगियों के समर्थन में किया गया था, जिनका नाम गो रक्षकों द्वारा राजस्थान के दो लोगों की कथित हत्या के मामले में एक प्राथमिकी में दर्ज किया गया है.

इस घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए पंचायत के वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान सरकार अवैध छापेमारी कर गोरक्षकों को परेशान कर रही है.

भिवानी विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल ने कहा, ‘वे (राजस्थान पुलिस) गोरक्षकों के बीच भय पैदा करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. मामले में बेवजह मोनू का नाम इसलिए घसीटा जा रहा है क्योंकि उसने मवेशी तस्करी के इस गठजोड़ को बंद कर दिया है. कल पुलिस ने क्यों कहा कि वह वांछित आरोपियों की सूची में नहीं है. यह एक झूठा मामला है.’

बंसल ने कहा, ‘पुलिस अकेले पशु वध को नहीं रोक सकती है. हरियाणा ने पशु तस्करी के खिलाफ कानून बनाया, लेकिन क्या यह प्रथा बंद हो गई? वे (मवेशी तस्कर) केवल गोरक्षकों से डरते हैं. वे पुलिस से नहीं डरते हैं.’

भिवानी में आरएसएस के सदस्य प्रदीप कुमार ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि सरकार को (आरोपियों में से एक) के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए, जिसकी पत्नी को राजस्थान पुलिस द्वारा कथित रूप से पीटे जाने के बाद गर्भपात हो गया और उसके परिवार के सदस्य को नौकरी भी दी जाए. राजस्थान पुलिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. बिना किसी सबूत के पुलिस गोरक्षकों को उठा रही है.’

ज्ञात हो कि बीते 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के दो लोगों की हत्या के पांच आरोपियों में से एक की गर्भवती पत्नी पर हमला करने के आरोप में राजस्थान पुलिस के अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया था.

मामला गो रक्षक दल के सदस्य श्रीकांत पंडित के परिवार द्वारा यह आरोप लगाए जाने के बाद दर्ज किया गया था कि राजस्थान के पुलिसकर्मी 17 फरवरी को उनके घर में घुस गए और उनकी 9 महीने की गर्भवती पत्नी कमलेश पंडित को मारा, जिससे उनका गर्भपात हो गया. हालांकि राजस्थान पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है.

मालूम हो कि राजस्थान के घाटमीका गांव के दो निवासी- जुनैद और नासिर 14 फरवरी की सुबह अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए बोलेरो कार से घर से निकले थे और कभी नहीं लौटे. उनके परिवारों ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के सदस्यों ने जुनैद और नासिर की हत्या कर दी और पुलिस से संपर्क किया.

जुनैद और नासिर 15 फरवरी को राजस्थान के भरतपुर से लापता हो गए थे और उनके जले हुए शव एक दिन बाद हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में मिले थे.

जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल की शिकायत के आधार पर राजस्थान के भरतपुर में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. मृतकों के परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया. मामले के आरोपियों में से तीन के हरियाणा पुलिस के मुखबिर होने की बात सामने आई है. वहीं, मोनू मानेसर हरियाणा सरकार की गो सुरक्षा टास्क फोर्स का सदस्य है.