बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की भी शुक्रवार शाम हत्या कर दी गई. गोली और बम से किए गए इस हमले में उनके सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई है.
इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में दिनदहाड़े बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या मामले के एक प्रमुख गवाह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हमले में उनके सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई.
शुक्रवार (24 फरवरी) शाम इलाहाबाद के धूमनगंज इलाके में अज्ञात हमलावरों ने राजू पाल हत्याकांड के गवाह 48 वर्षीय वकील उमेश पाल पर गोलीबारी की और देसी बम फेंके. अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, घटना शुक्रवार शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई, जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे थे. घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले. उमेश की सुरक्षा में दो सिपाही संदीप निषाद और राघवेंद्र सिंह तैनात किए गए थे. संदीप निषाद की शनिवार को इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई और राघवेंद्र सिंह, जिनकी हालत गंभीर है, का इलाज चल रहा है.
इलाहाबाद शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल और उनके पुलिस गार्ड की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी. इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे. उमेश ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में इस हत्याकांड की पैरवी की थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद व पूर्व विधायक अशरफ उर्फ खालिद अजीम जेल में बंद हैं. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले को पुलिस से अपने हाथ में ले लिया था और लखनऊ की एक अदालत में अभी भी इसकी सुनवाई चल रही है.
उमेश पाल की हत्या के अगले दिन शनिवार को पुलिस ने इस संबंध में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, उमेश की पत्नी जया की एक शिकायत के बाद पुलिस ने शनिवार को हत्या, हत्या के प्रयास, आपराधिक साजिश, दंगा और विस्फोटक अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक यह मामला दर्ज किया है. जया भी राजू पाल हत्या मामले में गवाह हैं.
साल 2006 में जया ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उमेश का अपहरण कर उन्हें अदालत में अपने पक्ष में बयान देने के लिए मजबूर किया था. उमेश ने अपहरण के संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई थी. अपहरण मामले में मुकदमा इलाहाबाद की एक स्थानीय अदालत में चल रहा है.
जया ने बताया कि उमेश और उनके सुरक्षाकर्मी एक कार में अदालत गए थे. सुनवाई के बाद उनके पति घर लौट रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि शाम करीब 5 बजे जब वे घर पहुंचने वाले थे तो अतीक अहमद के बेटे गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और अन्य पीछे से आए और उन पर गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इलाहाबाद पुलिस उपायुक्त दीपक भुकर ने कहा कि एफआईआर में दर्ज आरोपियों और जांच के दौरान जिनके नाम सामने आए हैं, उनकी तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.
शुक्रवार शाम उमेश पाल पर हमलावरों ने उस समय हमला किया, जब वह अपने दो सुरक्षाकर्मियों के साथ अपनी कार से नीचे उतरे थे. उन्होंने उमेश पाल और दोनों पर पीछे से कई राउंड फायरिंग की और बम भी फेंका था.
For UP Government which claims mafiaraj is a thing of the past, this brazen daylight double murder should be an eye opener. Use of crude bombs in the middle of the busy street in Prayagraj, assailants firing indiscriminately at a person travelling with two police gunners. pic.twitter.com/zEk1X0M0Z7
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) February 25, 2023
इलाके के सीसीटीवी फुटेज में उमेश जमीन पर गिरते और अपने घर के अंदर भागने से पहले उठते दिख रहे हैं. दो हमलावर उनका पीछा करते और फायरिंग करते नजर आ रहे हैं. जहां एक घायल सुरक्षाकर्मी वाहन के पास पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, वहीं दूसरा अंदर भागता हुआ और फायरिंग करता हुआ दिख दे रहा है. फुटेज में उमेश और एक सुरक्षाकर्मी दोनों घर के बरामदे में जमीन पर पड़े नजर आ रहे हैं.
घटनास्थल से भागने से पहले हमलावरों ने उमेश और सुरक्षाकर्मियों पर भी फेंकते हैं. उन्होंने घर के बाहर भी बम फेंका.
इलाहाबाद के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने कहा कि वे उमेश के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि हमलावरों की तलाश के लिए पुलिस की 10 टीमों का गठन किया गया है.
उमेश ने 2017 में अतीक अहमद और उसके भाई पर अपहरण के एक मामले में बयान दर्ज कराने पर धमकाने और मारपीट करने का आरोप लगाया था. उसी वर्ष उन्होंने अतीक और अन्य पर अपहरण और उन पर राजू पाल हत्याकांड में अपना बयान वापस लेने के लिए दबाव डालने का भी आरोप लगाया था.
अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुजरात की जेल में बंद है, जबकि अशरफ बरेली की जेल में है. उमेश ने अपनी जान को खतरा होने की शिकायत की थी, जिसके बाद उसे दो पुलिस गार्ड मुहैया कराए गए थे.
हमले के तुरंत बाद धूमनगंज के निवासियों ने हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने गोलीबारी के सिलसिले में पूछताछ के लिए कुछ लोगों को हिरासत में लेने का दावा किया है.
प्रयागराज के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) दीपक भुकर ने कहा, ‘हम हमले में शामिल हमलावरों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.’
बसपा विधायक रहे राजू पाल की पत्नी पूजा पाल कौशांबी जिले की चायल सीट से सपा की विधायक हैं. राजू पाल की हत्या के पीछे मुख्य मकसद विधानसभा उपचुनाव बताया जाता है, जिसमें उन्होंने इलाहाबाद (पश्चिम) सीट से अशरफ को हराया था. 2004 के चुनावों में अतीक के इलाहाबाद से लोकसभा सीट जीतने के बाद यह खाली हो गई थी.
राजू पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और अशरफ समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना राजू पाल की पूजा से शादी के नौ दिन बाद हुई थी.