प्याज़ की कीमतों में लगातार गिरावट से आंदोलित किसानों ने सोमवार से महाराष्ट्र के नासिक ज़िले में स्थित लासलगांव कृषि उत्पाद बाज़ार समिति (एपीएमसी) में प्याज़ की नीलामी रोक दी. दरअसल प्याज़ की प्रति किलो कीमत 2 से 4 रुपये तक आ गई, जिससे किसान नाराज़ हैं.
नासिक: प्याज की कीमतों में लगातार गिरावट से नाराज किसानों ने सोमवार को महाराष्ट्र के लासलगांव कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) में प्याज की नीलामी रोक दी. प्याज की प्रति किलो कीमत 2 से 4 रुपये तक आ गई, जिससे किसान नाराज हैं.
द प्रिंट के मुताबिक, प्याज उत्पादकों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सरकार को तुरंत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल प्याज का अनुदान घोषित करना चाहिए और उनकी उपज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम पर खरीदना चाहिए, अन्यथा वे नासिक जिले के लासलगांव एपीएमसी में नीलामी फिर से शुरू नहीं होने देंगे.
सोमवार को बाजार खुलने पर नीलामी की प्रक्रिया शुरू होते ही प्याज का न्यूनतम मूल्य 200 रुपये प्रति क्विंटल, अधिकतम भाव 800 रुपये प्रति क्विंटल और औसत भाव 400-450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया था.
उसके बाद महाराष्ट्र राज्य कांदा उत्पादक संगठन के नेतृत्व में नाराज किसानों ने प्याज की नीलामी बंद कर दी और आंदोलन शुरू कर दिया.
इससे पहले शनिवार (25 फरवरी को) को एपीएमसी में 2,404 क्विंटल प्याज पहुंचा था और इसके दाम न्यूनतम 351 रुपये, अधिकतम 1,231 रुपये और औसत 625 रुपये प्रति क्विंटल रहे.
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के नेता भरत दिघोले ने कहा, ‘राज्य विधानमंडल के चल रहे बजट सत्र के दौरान सरकार को तुरंत प्याज के लिए 1,500 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान की घोषणा करनी चाहिए और उसे मौजूदा समय में तीन, चार, पांच रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेची जाने वाली प्याज को 15 रुपये से 20 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर खरीदना चाहिए. ये दोनों मांगें नहीं मानी गईं, तो लासलगांव एपीएमसी में प्याज की नीलामी बिल्कुल भी शुरू नहीं होगी.’
इस बीच एपीएमसी सूत्रों के अनुसार, संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को हल करने के लिए बैठक कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों से चर्चा के बाद दोपहर बाद नीलामी शुरू हो सकती है.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, बैठक में कोई हल नहीं निकला. जिससे बैठक बेनतीजा साबित हुई, जिसके परिणामस्वरूप प्याज कि नीलामी मंगलवार को भी ठप रही.
अखबार के अनुसार, इन दो दिनों में मंडी समिति में 7 करोड़ रुपये का कारोबार ठप रहा. दूसरी ओर किसान संगठन प्याज कि नीलामी तत्काल शुरू करने की मांग कर रहे हैं. खुदरा व्यापारियों को दो टन और थोक व्यापारियों के लिए 25 टन से अधिक प्याज का भंडारण करने पर रोक लगाई गई है.
द प्रिंट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के एक किसान को उस समय झटका लगा था, जब उसे पता चला कि उसने जिले के एक व्यापारी को अपने 512 किलो प्याज की बिक्री के बदले महज 2.49 रुपये का लाभ हुआ है.
सोलापुर की बरशी तहसील में रहने वाले 63 वर्षीय किसान राजेंद्र चव्हाण ने कहा था कि उनकी प्याज की उपज सोलापुर के बाजार यार्ड में 1 रुपये प्रति किलो की कीमत पर मिली और सभी कटौतियों के बाद उन्हें अपने शुद्ध लाभ के रूप में यह नगण्य राशि प्राप्त हुई.