वर्ष 2022 में नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल होने वाले नए ग्राहकों की संख्या 5,65,500 रही. 2021 में यह 6,19,835 थी. एनपीएस के आंकड़े सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन का अनुमान लगाने के लिए प्रॉक्सी माने जाते हैं.
नई दिल्ली: वर्ष 2022 में, देश भर में कुल 5,65,000 नए ग्राहक नई पेंशन योजना (एनपीएस) में शामिल हुए. 2021 में यह आंकड़ा 6,19,835 था.
बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार, 2021 की तुलना में 2022 के आंकड़ों में 8.8 फीसदी की गिरावट आई है.
यह देखते हुए कि एनपीएस अब सभी केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए अनिवार्य है और अधिकांश राज्यों में सरकारी नौकरियों के लिए भी अनिवार्य है, विश्लेषकों का कहना है कि उपरोक्त आंकड़े सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन की स्थिति दिखाते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह देखा जाए तो सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में 8.8 फीसदी गिरा है. हालांकि, उपरोक्त आंकड़े को एक सटीक आंकड़े के रूप में देखने के बजाय केवल व्यापक प्रवृत्ति के रूप में देखा जाना चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि विपक्ष शासित राज्य राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब ने हाल ही में एनपीएस को खारिज कर दिया और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) वापस शुरू कर दी.
केंद्र सरकार के तहत एनपीएस के युवा ग्राहकों (18-28 वर्ष) की हिस्सेदारी वर्ष 2021 में 67.8 फीसदी थी, जो 2022 में घटकर 65.2 फीसदी हो गई. पूर्ण आंकड़ों में, यह संख्या 2021 में 83,889 थी, जो 2022 में गिरकर 76,895 रह गई.
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार के तहत 2022 में नए ग्राहकों की कुल संख्या 1,18,020 रही, जो फिर से 2021 के 1,23,665 की तुलना में कमतर आंकड़े दिखाता है.
हालांकि, नई महिला युवा ग्राहकों की संख्या 2021 की तुलना में 2022 में 2 प्रतिशत अंकों की मामूली वृद्धि के साथ 21.2 फीसदी देखी गई. इस बीच, एनपीएस के नए युवा पुरुष ग्राहकों की हिस्सेदारी पिछले साल के 78.9 फीसदी से घटकर 78.6 फीसदी रह गई.
राज्यों द्वारा सृजित सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के लिए, जहां एनपीएस लागू है, 2022 में नए ग्राहकों की कुल संख्या 4,47,480 रही. कुल नए ग्राहकों में युवाओं (18-28 आयु वर्ग) का हिस्सा केवल 33.3 फीसदी था, जो पिछले वर्ष के आंकड़े से 2 प्रतिशत अधिक है. हालांकि, युवा महिलाओं ने 2021 के 37.1 फीसदी की तुलना में 2022 में 35.4 फीसदी नौकरियां प्राप्त कीं.
2004 से लागू एनपीएस में ग्राहक और नियोक्ता दोनों का बराबर योगदान होता है. यह सशस्त्र बलों को छोड़कर सभी सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में लागू है. चूंकि यह सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है, इसलिए विश्लेषकों का कहना है कि इसका इस्तेमाल हर साल सार्वजनिक क्षेत्र में पैदा की जाने वाली नौकरियों का अनुमान लगाने के लिए प्रॉक्सी के रूप में किया जा सकता है.
एनपीएस का प्रबंधन पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है.
अप्रैल 2018 से, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय कर्मचारी भविष्य निधि पेरोल और कर्मचारी राज्य बीमा योजना के डेटा के अलावा मासिक एनपीएस ग्राहक डेटा जारी कर रहा है. ये डेटासेट मिलकर सार्वजनिक क्षेत्र में रोजगार सृजन के साथ-साथ निजी क्षेत्र में औपचारिक नौकरियों का पता लगाने में मदद करते हैं.
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2018 और 2022 के बीच केंद्र सरकार द्वारा कुल 5,52,510 नौकरियां सृजित की गईं. उनमें से एक बड़ा हिस्सा (65.9 फीसदी) युवाओं के पास गया था.जिन राज्यों में एनपीएस लागू है, वहां समान समयावधि में 24 लाख नई नौकरियां सृजित हुईं. राज्यों द्वारा सृजित कुल नौकरियों में से युवाओं को 8,56,978 नौकरियां मिलीं.
दूसरी तरफ, बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा प्रकाशित पिछली रिपोर्ट से पता चला था कि औपचारिक नौकरियों में युवाओं (18-25 आयु वर्ग) की संख्या 2018 में 50.9 फीसदी थी, जो 2022 में बढ़कर 56 फीसदी हो गई. यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है. यह आंकड़ा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर तैयार किया गया था, जिसमें निजी क्षेत्र की औपचारिक नौकरियां शामिल हैं.