नवीनतम अतंरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक रिपोर्ट में भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है. इससे पहले 2021 में वह 40वें स्थान पर और 2014 में 25 देशों के आकलन में 25वें स्थान पर था.
नई दिल्ली: नवीनतम अतंरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक रिपोर्ट में भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है.
यह भारत के लिए एक गिरावट माना जाएगा, जो 2021 में 40वें स्थान पर और 2014 में (25 देशों में से) 25वें स्थान पर था.
21 फरवरी, 2023 को प्रकाशित 2023 के लिए वार्षिक अतंरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा (आईपी) सूचकांक का कहना है कि यह दुनिया की 55 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण का मूल्यांकन करता है, जो वैश्विक जीडीपी के लगभग 90 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं.
रिपोर्ट में पेटेंट और कॉपीराइट कानूनों से लेकर बौद्धिक संपदा संपत्तियों के मुद्रीकरण की क्षमता और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के समर्थन तक सब कुछ शामिल है.
यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा लाई गई रिपोर्ट घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कई प्रस्तावों पर प्रकाश डालती है, जिसमें कहा गया है कि बौद्धिक संपदा अधिकारों को खत्म करने की धमकी दे रही है.
एक मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार, वैश्विक बाजारों में बौद्धिक संपदा परिदृश्य का विश्लेषण करके सूचकांक का दावा है कि इसका उद्देश्य राष्ट्रों को अधिक नवीनता, रचनात्मकता और प्रतिस्पर्धात्मकता द्वारा चिह्नित एक उज्जवल आर्थिक भविष्य की ओर दिशा देने में मदद करना है.
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बौद्धिक संपदा इस बात के लिए महत्वपूर्ण है कि कैसे राष्ट्र, व्यवसाय और व्यक्ति कोविड महामारी के माध्यम से प्रबंधित हुए और इससे उभरे.
पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को और थाईलैंड में 2.5-2.5 प्रतिशत और वियतनाम में 2.02 प्रतिशत पर उनके समग्र स्कोर में सबसे बड़ा सुधार हुआ है.
भले ही भारत की रैंकिंग में गिरावट दर्ज की गई, फिर भी थाईलैंड और वियतनाम के अलावा मलेशिया और सिंगापुर के स्कोर सुधार के परिणामस्वरूप एशिया में क्षेत्रीय औसत स्कोर में सबसे बड़ा सुधार हुआ है.
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