कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम को अडानी समूह को बचाने के लिए निवेश करने के लिए मजबूर किया गया, जिसने लोगों की जीवन भर की बचत को ख़तरे में डाल दिया है.
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को अडानी समूह को बचाने के लिए निवेश करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसने लोगों की जीवन भर की बचत को खतरे में डाल दिया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उन्होंने जानना चाहा कि किसने एसबीआई और एलआईसी को उद्योगपति गौतम अडानी के समूह में निवेश करने का आदेश दिया था.
राहुल गांधी ने अपनी वीडियो श्रृंखला ‘मित्रकाल, भाग दो- आपका पैसा, अडानी पर लुटाया’ के तहत एक वीडियो जारी कर कहा कि एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक है और सवाल किया कि क्या एलआईसी और एसबीआई को अडानी समूह को बचाने का आदेश दिया गया है.
LIC को अडानी ग्रुप के शेयर्स के भाव गिरने के कारण अपने निवेश में हर दिन लगभग ₹1000 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
देश पूछ रहा है – आखिर किसके दबाव में, LIC-SBI ने जनता की कमाई अडानी पर लुटाई?
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— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 1, 2023
उन्होंने कहा, ‘एलआईसी ने जोखिम भरे अडानी समूह में इतना निवेश क्यों किया? जब इन चीजों से पर्दा उठेगा, तब पता चलेगा कि देश को कितना नुकसान हुआ है.’
पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘आपने अपनी मेहनत की कमाई और बचत अपने परिवार और बच्चों के भविष्य के लिए रखी है. सवाल यह है कि आपके पैसे को कौन जोखिम में डाल रहा है.’
एलआईसी और एसबीआई पर अडानी समूह को बचाने के लिए निवेश करने के लिए ‘मजबूर’ करने का आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा, ‘क्या आप अपने बच्चों के भविष्य को खतरे में डालना चाहते हैं? मेरा सवाल आप लोगों से है, अडानी समूह को बचाने के लिए आपके पैसे का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है?’
उन्होंने सवाल किया, ‘निजी क्षेत्र ने अडानी समूह में पैसा क्यों नहीं लगाया है? क्या यह सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य नहीं है कि एलआईसी में निवेश किया गया सार्वजनिक धन सुरक्षित रहे?’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘क्या प्रधानमंत्री 24 जनवरी, 2023 से अडानी समूह में निवेश से हुए एलआईसी को हुए नुकसान की सच्चाई बताएंगे? अडानी समूह में निवेश करने वाले खुदरा निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं?’
उन्होंने दावा किया कि अडानी समूह लंबे समय से मनी लॉन्ड्रिंग, जालसाजी और शेल कंपनियों के इस्तेमाल के आरोपों का सामना कर रहा है. राहुल गांधी ने पूछा, ‘इन शेल कंपनियों के पीछे कौन है? अडानी समूह को बचाने के लिए एसबीआई और एलआईसी को किसने आदेश दिया था.’
मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में अमेरिकी निवेश रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे, जिसके बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई.
इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दो साल की जांच में पता चला है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है. हिंडनबर्ग को दिए विस्तृत जवाब में अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों का पालन करता है.