अमेरिकी व्यापार पत्रिका फोर्ब्स की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि विनोद अडानी, जिनके पास अडानी समूह में कोई औपचारिक प्रबंधकीय पद नहीं है, ‘पहले जो जानकारी उनके बारे में थी, उसकी लगभग पांच गुना अधिक अमीर हैं’.
नई दिल्ली: अमेरिकी व्यापार पत्रिका फोर्ब्स की एक नई रिपोर्ट ने अडानी समूह के लिए बड़े सौदे करने में गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी की भूमिका पर एक बार फिर प्रकाश डाला है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट कहती है कि यह भी पाया गया कि विनोद अडानी ‘पहले जो जानकारी उनके बारे में थी, उसकी तुलना में लगभग पांच गुना अधिक अमीर हैं.’
ब्लूमबर्ग और फोर्ब्स द्वारा पहले की दो रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है कि विनोद अडानी के पास कोई औपचारिक प्रबंधकीय पद नहीं होने के बावजूद समूह में एक शक्तिशाली स्थिति है और वह ऑफशोर शेल कंपनियों की एक विशाल शृंखला का प्रबंधन करते हैं.
Vinod Adani was at the heart of two massive Adani Group deals with French energy giant TotalEnergies, according to Indian filings. Forbes also found that Vinod is nearly five times richer than previously known. https://t.co/CDus8FQ80v pic.twitter.com/4eiZnVLe0N
— Forbes (@Forbes) March 1, 2023
28 फरवरी को प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्रांसीसी तेल दिग्गज ‘टोटल एनर्जीज’ (TotalEnergies) ने 2021 में अडानी ग्रीन एनर्जी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 2 बिलियन डॉलर में खरीदी, जिससे अडानी को महत्वपूर्ण विश्वसनीयता मिली.
टोटल एनर्जीज द्वारा खरीदे गए इन शेयरों की कीमत भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में 4.1 बिलियन डॉलर थी. इस प्रकार खरीद टोटल एनर्जीज के लिए भी एक लाभ का सौदा थी.
फोर्ब्स ने बताया, 21 जनवरी, 2021 को उन्होंने शेयरों के लिए जो कीमत अदा की, वह पिछले वर्ष की तुलना में शेयरों की औसत कीमत से 8 प्रतिशत कम थी और पिछले छह महीनों के औसत मूल्य से 62 प्रतिशत कम थी.
और फोर्ब्स जिसे ‘अपरंपरागत संरचना’ कहता है, में टोटल एनर्जीज ने सीधे शेयर नहीं खरीदे, बल्कि दो मॉरीशस-निगमित फंडों का अधिग्रहण किया, जिनके पास मॉरीशस में स्थापित एक तीसरी इकाई डोम ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट लिमिटेड का स्टॉक था.
डोम ट्रेड का स्वामित्व विनोद अडानी के पास है, हालांकि, यह स्वामित्व प्रत्यक्ष नहीं है, लेकिन ‘मॉरीशस, यूएई और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में संस्थाओं के एक शृंखला के माध्यम से आता है.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सौदों को कराने में विनोद अडानी की अहम भूमिका रही है.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.
इस रिपोर्ट ने विनोद अडानी को भी सुर्खियों में ला दिया, जिनका कंपनी में कोई औपचारिक पद नहीं है. अडानी समूह, जिसने रिपोर्ट के बाद अरबों का नुकसान उठाया है, ने दावा किया है कि विनोद की समूह के व्यवसायों के दैनिक मामलों में कोई भूमिका नहीं है.
फोर्ब्स ने नोट किया है कि शेयरों की गिरावट से टोटल एनर्जीज के शेयर भी प्रभावित हुए हैं.
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस के प्रोफेसर अश्वथ दामोदरन फोर्ब्स को बताते हैं कि अडानी ग्रीन एनर्जी के सीधे शेयरों के बजाय मॉरीशस के फंड को बेचने के पीछे एक कारण टैक्स से बचना हो सकता है.
न्यू साउथ वेल्स बिजनेस स्कूल विश्वविद्यालय में वित्त के एक सहयोगी प्रोफेसर मार्क हम्फ्री-जेनर का कहना है कि अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयर की कम कीमत को देखते हुए दोनों पक्षों को सावधान रहना चाहिए था.
रिपोर्ट में कहा गया है, फरवरी 2020 में यह सौदा किया गया. टोटल एनर्जीज़ ने 714 मिलियन डॉलर का भुगतान किया या उस समय यह खुले बाजार की तुलना में 50 मिलियन कम था. अडानी के नियंत्रण वाली छह इकाइयों में से चार, जिनसे टोटल एनर्जीज ने शेयर खरीदे, विनोद अडानी के स्वामित्व वाले मॉरीशस स्थित फंड थे.
रिपोर्ट में अन्य सौदों को भी सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें विनोद अडानी ने कथित तौर पर भाग लिया था. ऐसा यह निष्कर्ष निकालने के लिए किया गया कि वह पहले की तुलना में ‘बहुत अमीर’ हैं. फंड के अलावा विनोद अकेले दुबई में 37 रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के भी मालिक हैं.
नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है, ‘फोर्ब्स का अनुमान है कि विनोद अडानी की संपत्ति कम से कम 6 बिलियन डॉलर है, जो दो सप्ताह पहले प्रकाशित उसके 1.3 बिलियन डॉलर के पिछले अनुमान से काफी अधिक है.’
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की सार्वजनिक फाइलिंग में कहा गया है कि विनोद अडानी साइप्रस के नागरिक हैं. उनके पास एक भारतीय पासपोर्ट है.
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