60 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को बेलारूस की एक अदालत ने 2020 के विरोध प्रदर्शनों और अन्य अपराधों के वित्तपोषण के लिए 10 साल सज़ा सुनाई है. वह लंबे समय से राष्ट्रपति रहे अलेक्जेंडर लुकाशेंको के 2020 में फिर से चुने जाने के बाद बेलारूस के हुए विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में रहे थे.
बेलारूस: बेलारूस की एक अदालत ने शुक्रवार (3 मार्च) को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को विरोध प्रदर्शनों और अन्य अपराधों के वित्तपोषण के लिए 10 साल की जेल की सजा सुनाई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 60 वर्षीय बालियात्स्की ‘वियासना मानवाधिकार समूह’ के सह-संस्थापक हैं. इसके अलावा वह लंबे समय से राष्ट्रपति रहे अलेक्जेंडर लुकाशेंको के 2020 में फिर से चुने जाने के बाद बेलारूस के हुए विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में रहे थे.
वियासना ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान कैद किए गए लोगों को कानूनी और वित्तीय सहायता प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाई थी. 2021 में बेलियात्स्की को उसके संगठन के दो अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था.
बेलारूसी साहित्य के एक विद्वान, स्कूल शिक्षक और संग्रहालय निदेशक एलेस बालियात्स्की 1980 के दशक से लोकतंत्र समर्थक विरोध प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं.
वह 1980 के दशक की शुरुआत में सोवियत संघ से बेलारूस की स्वतंत्रता के एक उत्साही प्रचारक थे, जिन्होंने पूरे देश में सोवियत विरोधी प्रदर्शन आयोजित किए थे.
यह पहली बार नहीं है जब एलेस बालियात्स्की जेल में है. रॉयटर्स के अनुसार, उन्हें 2011 और 2014 के बीच उनके संगठन की फंडिंग के संबंध में कर चोरी के आरोप में कैद किया गया था. इन आरोपों का उन्होंने खंडन किया था.
2021 में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में फिर से विजेता घोषित किए जाने के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनों पर कार्रवाई के दौरान अधिकारियों द्वारा उन्हें फिर से उठाया गया था.
विपक्ष ने दावा किया था कि चुनावों में धांधली हुई थी और अपना विरोध व्यक्त करने के लिए वे सड़क पर उतर गए थे.
पुतिन के करीबी सहयोगी लुकाशेंको, हाल ही में रूसी सैनिकों को बेलारूस से यूक्रेन के खिलाफ मिसाइल लॉन्च करने की अनुमति देने के साथ-साथ सेना की आवाजाही और रसद के लिए देश का उपयोग करने की अनुमति देने के लिए सुर्खियों में रहे हैं.
निर्वासित बेलारूसी विपक्षी नेता स्वेतलाना त्सिकानुस्काया ने कहा कि बियालियात्स्की और उसी मुकदमे में सजा पाए अन्य कार्यकर्ताओं को गलत तरीके से दोषी ठहराया गया है. उन्होंने फैसले को भयावह कहा.