बीते दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों के साथ हिंसा हो रही है. दैनिक भास्कर और भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने भी इन दावों के समर्थन में ख़बर और पोस्ट किए थे. पुलिस ने मोहम्मद तनवीर नाम के एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया है.
नई दिल्ली: तमिलनाडु पुलिस ने दैनिक भास्कर, ‘तनवीर पोस्ट’ (मोहम्मद तनवीर) नाम के एक ट्विटर हैंडल और भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव के खिलाफ राज्य में प्रवासी मजदूरों पर हमले के बारे में गलत सूचना फैलाने के आरोप में एक मामला दर्ज किया है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, तिरुपुर उत्तर पुलिस थाने ने दैनिक भास्कर के संपादक पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ाना देना) और 505 (आई)(बी) [जनता में भय पैदा करने का मकसद] के तहत आरोप लगाए हैं.
तिरुपुर साइबर अपराध पुलिस ने मोहम्मद तनवीर पर भी इन्हीं धाराओं के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 56(डी) के तहत आरोप लगाए हैं.
तूतूकुड़ी सेंट्रल पुलिस ने भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जान-बूझकर उकसाना), 153ए, 504 (शांति भंग करने के लिए जान-बूझकर अपमान करना) और 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान) के तहत मामला दर्ज किया है.
दैनिक भास्कर ने खबर दी थी कि 15 बिहारी प्रवासी मजदूरों ने जान से मारने की धमकी मिलने का दावा किया है. उन्होंने यहां तक आरोप लगाया था कि केवल हिंदी बोलने के चलते बिहारी तमिलनाडु में ‘तालिबान जैसे’ हमलों का सामना कर रहे हैं.
उमराव ने भी दावा किया था कि हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों पर कई हमले हुए हैं. उनका ट्वीट कई फर्जी या असंबंधित वीडियो और संदेशों का हिस्सा था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
हाल ही में, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक व्यक्ति को ट्रेन के भीड़ भरे डिब्बे में हिंदी बोलने वाले प्रवासी मजदूरों को मौखिक और शारीरिक तौर प्रताड़ित करते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो में उक्त व्यक्ति प्रवासन के कारण तमिलनाडु के मूल निवासियों के लिए नौकरी के अवसरों कम होने के बारे में बात करता है और मजदूरों को घूंसे एवं थप्पड़ मारता है. रेलवे पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उस गिरफ्तार कर लिया है.
इस एक घटना के आलोक में तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमलों के संबंध में भ्रामक सूचनाएं फैलने लगीं. कई भ्रामक रिपोर्ट के बाद बिहार के मुख्यमंत्र नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने बिहार पुलिस से मामले पर नजर रखने कहा है.
तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिलेंद्र बाबू ने बिहार के डीजीपी से चर्चा करते हुए कहा था कि ऐसी कोई हिंसा नहीं हो रही है.
द न्यूज मिनट के मुताबिक, बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गंगवार ने कहा, ‘कुछ पुराने व्यक्तिगत विवादों के वीडियो शूट किए गए थे और यह कहते हुए पोस्ट किए गए थे कि यह बिहार के लोगों के खिलाफ हैं. तमिलनाडु पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है और तमिलनाडु में बिहारी लोगों को सुरक्षा प्रदान कर रही है.’
इससे पहले, तमिलनाडु के डीजीपी ने गुरुवार (2 मार्च) को एक बयान जारी करके कहा था कि प्रवासी मजदूरों पर हमले नहीं हो रहे हैं.
तमिलनाडु के डीजीपी ने द न्यूज मिनट को बताया था, ‘सोशल मीडिया पर जो वीडियो सामने आए हैं, वे चार महीने पुराने हैं और बिहार तथा झारखंड के प्रवासी मजदूरों के बीच झड़प दिखाते हैं. एक और वीडियो एक हत्या का है, जो पिछले महीने कोयम्बटूर में एक अदालत परिसार के बाहर हुई थी. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर कोई हमला नहीं हुआ है.’
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