भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले हो रहे हैं, भाजपा चाहती है कि देश ख़ामोश रहे: राहुल गांधी

लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यमों से लोगों की आवाज़ रखने में बहुत मुश्किल हो रही है.

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक/Indian National Congress)

लंदन में इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम मे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यमों से लोगों की आवाज़ रखने में बहुत मुश्किल हो रही है.

राहुल गांधी. (फोटो साभार: फेसबुक/Indian National Congress)

लंदन: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार (4 मार्च) को आरोप लगाया कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे ‘बर्बर हमले’ के अधीन हैं और देश की संस्थाओं पर व्यापक हमला हो रहा है.

द हिंदू के मुताबिक, अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान राहुल गांधी ने लंदन में संवाददाताओं से कहा कि देश के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण पर एकजुट होने और बेरोजगारी, महंगाई एवं महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे मुद्दों पर उपजे गुस्से पर कदम उठाने और एकजुटता बनाने के लिए विपक्ष के भीतर बातचीत चल रही है.

राहुल ने नई दिल्ली और मुंबई में बीबीसी कार्यालयों के खिलाफ आयकर विभाग की हालिया सर्वेक्षण कार्रवाई को ‘देश भर में अभिव्यक्ति के दमन’ के उदाहरण के रूप में संदर्भित किया. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि देश को खामोश करने के भाजपा के प्रयासों के खिलाफ आवाज उठाने की अभिव्यक्ति के तौर पर उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की.

इंडियन जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (आईजेए) के ‘इंडिया इनसाइट्स’ नामक आयोजन में राहुल गांधी ने संवाददाताओं को बताया, ‘यात्रा इसलिए जरूरी हो गई थी, क्योंकि हमारे लोकतांत्रिक ढांचे पर बर्बर हमले हो रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मीडिया, संस्थागत ढांचे, न्यायपालिका, संसद सभी पर हमले हो रहे हैं और हमें सामान्य माध्यमों से लोगों की आवाज रखने में बहुत मुश्किल हो रही है.’

उन्होंने कहा, ‘बीबीसी को इस बारे में अभी पता चला है, लेकिन भारत में यह सिलसिला पिछले नौ साल से लगातार चल रहा है. सभी जानते हैं कि पत्रकारों को डराया-धमकाया जाता है, उन पर हमले हमले किए जाते हैं. यह एक पैटर्न का हिस्सा है और मैं कुछ अलग होने की उम्मीद नहीं करूंगा. अगर बीबीसी सरकार के खिलाफ लिखना बंद कर दे, तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा. सारे मामले गायब हो जाएंगे.’

राहुल ने खेद व्यक्त किया कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से यह संज्ञान लेने में विफल रहे हैं कि ‘लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा पहले जैसा हो गया है.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा चाहती है कि भारत खामोश रहे. वे भारत की चुप्पी चाहते हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि जो भारत का है, उसे लेकर अपने करीबी मित्रों को दे सकें. यही विचार है, लोगों का ध्यान भटकाना और फिर भारत की संपत्ति को तीन, चार, पांच लोगों को सौंप देना.’

इससे पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है और उनकी तथा कई अन्य नेताओं की निगरानी की जा रही है.

इसे लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी और राहुल पर लगातार चुनावी असफलताओं का सामना करने के बाद विदेशी धरती पर देश की छवि खराब करने का आरोप लगाया था.

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार (3 मार्च) को दिल्ली में संवाददाताओं से कहा था, ‘हम प्रधानमंत्री के प्रति उनकी नफरत को समझ सकते हैं, लेकिन विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने की साजिश कांग्रेस के एजेंडे पर सवाल उठाती है.’

अगले आम चुनाव के लिए कांग्रेस और विपक्ष की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने शनिवार को कहा, ‘चुनावी लड़ाई केवल राजनीतिक दलों के बीच नहीं है, बल्कि संस्थानों के खिलाफ भी है, क्योंकि भारतीय राजनीति में सभी के लिए समान अवसर नहीं हैं.’

उन्होंने कहा, ‘विपक्षी दलों के बीच बातचीत चल रही है, मैं उनमें से कई के बारे में जानता हूं. यह मूल विचार कि आरएसएस और भाजपा से लड़ने और पराजित करने की आवश्यकता है, विपक्ष के मन में गहराई से बैठ गया है, इसके बारे में कोई सवाल ही नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसे रणनीतिक मुद्दे हैं जिन पर चर्चा की जरूरत है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि भारत में विपक्ष अब किसी राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहा है. अब हम भारत के संस्थागत ढांचे से लड़ रहे हैं; भाजपा और आरएसएस ने भारत की लगभग सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है. इसलिए, समान अवसर संबंधी विचार अब अस्तित्व में नहीं है, क्योंकि संस्थाएं तटस्थ नहीं हैं.’

इस दौरान विदेशी धरती पर देश को बदनाम करने के सरकार के आरोपों पर राहुल गांधी ने पलटवार भी किया.

उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी अपने देश को बदनाम नहीं किया है. मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है, मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा. मैं जो कहता हूं, उसे तोड़-मरोड़कर पेश करना भाजपा को अच्छा लगता है. सच तो यह है कि विदेश जाने पर जो भारत को बदनाम करता है, वह भारत के प्रधानमंत्री हैं. वे कहते हैं कि पिछले 10 सालों में कुछ नहीं हुआ – तो उन सभी लोगों का क्या जिन्होंने भारत में काम किया और उन 10 सालों में भारत का निर्माण किया? क्या वे उनका अपमान नहीं कर रहे? और, वह यह विदेशी जमीन पर कर रहे हैं.’

कांग्रेस सांसद ने कहा कि एक निश्चित विमर्श पेश करने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए गए, ऐसा कहते हुए उन्होंने अडानी समूह के संस्थापक व अध्यक्ष गौतम अडानी की ओर इशारा किया.

राहुल गांधी बोले, ‘अडानी जिस भी नीलामी में हिस्सा लेते, वह जीत जाते हैं.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं देखता हूं कि भारत में क्या चल रहा है और मैं देख सकता हूं कि मिस्टर अडानी तीन साल के समय में 609वें सबसे अमीर आदमी से दूसरे सबसे अमीर आदमी बन गए.’

प्रधानमंत्री से गौतम अडानी का बहुत अच्छा संबंध होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं देख सकता हूं कि उन्हें देश में हर उद्योग में हावी होने की अनुमति है.’