छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनावों से पहले 2,500 रुपये मासिक बेरोज़गारी भत्ता देने का ऐलान किया

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चार साल पहले 2018 के विधानसभा चुनावों में बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर में होना है.

भूपेश बघेल. (फोटो साभार: ट्विटर)

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चार साल पहले 2018 के विधानसभा चुनावों में बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर में होना है.

भूपेश बघेल. (फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में बेरोजगार युवाओं को 2,500 रुपये प्रति माह भत्ता देने की घोषणा की है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, वित्त मंत्रालय संभालने वाले भूपेश बघेल ने सोमवार को विधानसभा में कहा, ‘बेरोजगारों को भत्ता देने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी. योजना के तहत 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग के 12वीं कक्षा उत्तीर्ण एवं 2.50 लाख से कम वार्षिक पारिवारिक आय वाले बेरोजगार युवकों को 2500 रुपये प्रतिमाह भत्ता दिया जाएगा.’

दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने चार साल पहले 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था. राज्य में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब तक अपने वादे पर खरा नहीं उतरने के लिए बघेल सरकार की आलोचना करती रही है. राज्य में अगला विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर में होना है.

योजना के लिए कुल 250 करोड़ रुपये रखे गए हैं.

सरकार ने निराश्रित, बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और परित्यक्त महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत दी जाने वाली राशि में 500 रुपये प्रति माह की वृद्धि की भी घोषणा की.

इसके अलावा बघेल ने कहा कि सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रमुख खरीफ फसलों, ज्यादातर चावल के लिए इनपुट सब्सिडी पर 6,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

बघेल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 6500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति माह करने का भी वादा किया. आंगनबाड़ी सहायिकाओं के मामले में भूपेश ने कहा कि यह 3,250 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मनेंद्रगढ़, गीदम, जांजगीर चांपा और कबीरधाम जिलों में चार नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. राज्य में 101 नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरू करने की योजना के साथ शिक्षा क्षेत्र के लिए कुल 870 करोड़ रुपये भी निर्धारित किए गए हैं.