अभिनेता और फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र थे. उन्होंने अपना करिअर थियेटर से शुरू किया था. हास्य अभिनेता के तौर पर कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी.
नई दिल्ली: अभिनेता और फिल्म निर्देशक सतीश कौशिक का 66 साल की उम्र में बुधवार-बृहस्तिवार की दरमियानी रात को दिल्ली में निधन हो गया. उनके निधन की खबर की पुष्टि उनके करीबी दोस्त अभिनेता अनुपम खेर ने की.
उनका पार्थिव शरीर को मुंबई लाए जाने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा.
अनुपम खेर ने कहा, ‘वह दिल्ली में अपने एक मित्र के घर पर थे, अचानक बेचैनी महसूस होने के बाद कौशिक ने चालक से उन्हें अस्पताल ले जाने को कहा. देर रात करीब एक बजे उन्हें (अस्पताल जाते समय) रास्ते में ही दिल का दौरा पड़ा.’
इसके अलावा उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘जानता हूं, ‘मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!’ पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूंगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था. 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम! तुम्हारे बिना जिंदगी पहले जैसी नहीं रहेगी सतीश! ओम शांति!’
जानता हूँ “मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!” पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त #SatishKaushik के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था।45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम !! Life will NEVER be the same without you SATISH ! ओम् शांति! 💔💔💔 pic.twitter.com/WC5Yutwvqc
— Anupam Kher (@AnupamPKher) March 8, 2023
उनका जन्म 13 अप्रैल 1956 को पूर्वी पंजाब (अब हरियाणा) के महेंद्रगढ़ में हुआ था. वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) और फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) के पूर्व छात्र थे.
उन्होंने अपना करिअर थियेटर से शुरू किया था.
बतौर थियेटर अभिनेता के रूप में उनकी सबसे प्रसिद्ध भूमिका हिंदी भाषा के नाटक ‘सेल्समैन रामलाल’ में ‘विली लोमन’ की थी. यह नाटक आर्थर मिलर के नाटक डेथ ऑफ अ सेल्समैन का एडॉप्टेशन है.
एक अभिनेता होने के साथ ही सतीश कौशिक निर्देशक और पटकथा लेखक भी थे. हास्य अभिनेता के तौर पर भी कौशिक ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी.
एक फिल्म अभिनेता के रूप में उन्होंने फिल्म मिस्टर इंडिया (1987) में ‘कैलेंडर’, साजन चले ससुराल (1996) में ‘मुत्थू स्वामी’, दीवाना मस्ताना (1997) में ‘पप्पू पेजर’ और ब्रिटिश फिल्म ब्रिक लेन (2007) में ‘चानू अहमद’ की यादगार भूमिकाएं निभाई थीं.
उन्हें ‘जाने भी दो यारों’, ‘राम-लखन’, ‘बड़े मियां छोटे मियां’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘भारत’, ‘छलांग’, ‘उड़ता पंजाब’ जैसी फिल्मों में निभाए उनके किरदारों के लिए काफी सराहना मिली.
वह एक फिल्म निर्देशक भी थे. उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ से निर्देशन की दुनिया में कदम रखा. इसके बाद ‘प्रेम’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’, ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘बधाई हो बधाई’, ‘तेरे नाम’, ‘मुझे कुछ कहना है’, ‘वादा’, ‘कर्ज’, ‘मिलेंगे मिलेंगे’ और ‘कागज’ जैसी कई फिल्मों का निर्देशन किया.
कौशिक ने 1983 में आई फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ के संवाद लिखे और पंकज त्रिपाठी अभिनीत ‘कागज’ (2021) की कहानी भी लिखी.
‘किसी का भाई किसी की जान’ और ‘इमरजेंसी’ उनकी आने वाली फिल्मों में शामिल है. वह ओटीटी (ओवर द टॉप) मंच ‘डिज़्नी प्लस हॉटस्टार’ की वेब सीरीज ‘पॉपकौन’ में भी नजर आएंगे.