भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा, अतीक़ अहमद को जेल से बाहर लाकर एनकाउंटर में मार देना चाहिए

भाजपा के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर की यह टिप्पणी उमेश पाल हत्या मामले में आरोपी अतीक़ अहमद के दो कथित सहयोगियों को यूपी पुलिस द्वारा अलग-अलग एनकाउंटर में मार दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. हाल ही में अपनी जान का ख़तरा बताते हुए अतीक़ ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

अतीक अहमद और हरिनारायण राजभर. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

भाजपा के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर की यह टिप्पणी उमेश पाल हत्या मामले में आरोपी अतीक़ अहमद के दो कथित सहयोगियों को यूपी पुलिस द्वारा अलग-अलग एनकाउंटर में मार दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. हाल ही में अपनी जान का ख़तरा बताते हुए अतीक़ ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है.

अतीक अहमद और हरिनारायण राजभर. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर ने बीते बृहस्पतिवार (9 मार्च) को कहा कि गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद को जेल से बाहर निकालकर एनकाउंटर में मार दिया जाना चाहिए.

राजभर की यह भड़काऊ टिप्पणी उमेश पाल हत्या मामले में आरोपी अतीक अहमद के दो कथित सहयोगियों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अलग-अलग मुठभेड़ों (Encounter) में मार दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है.

पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए आरोपियों में से एक विजय कुमार चौधरी उर्फ उस्मान वांछित अपराधी था, जिसके सिर पर 50 हजार रुपये का इनाम था. वह इलाहाबाद का रहने वाला था.

मऊ जिले के घोसी से 2014 में संसद के लिए चुने गए हरिनारायण राजभर ने संवाददाताओं से कहा, ‘अतीक अहमद ने जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रची. अतीक ने सैकड़ों लोगों की हत्या की और गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा किया है.’

उन्होंने कहा, ‘अतीक अहमद को एनकाउंटर में मारे जाने का डर है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल सभी शूटरों का एनकाउंटर होना चाहिए. अतीक अहमद को जेल से बाहर लाने के बाद उसका एनकाउंटर किया जाए. अतीक का एनकाउंटर करने वाले अधिकारी के लिए भविष्य में स्वर्ग के दरवाजे खुलेंगे.’

अतीक अहमद ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा यह कहते हुए खटखटाया है कि उन्हें अपनी जान का खतरा है. यूपी पुलिस मामले के सिलसिले में उनकी रिमांड मांगेगी और फर्जी एनकाउंटर कर देगी.

राजभर से सपा महासचिव रामगोपाल यादव के इस बयान के बारे में भी पूछा गया कि आने वाले दिनों में अहमद के बेटे को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया जाएगा.

इस पर भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘राम गोपाल यादव ने सरकार में रहते हुए इन अपराधियों को जन्म दिया, उन्हें अपराध सिखाया. वह अभी भी इन अपराधियों के समर्थन में बोल रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव परिवार ‘ऐसे तत्वों को बढ़ावा देता है’. उन्होंने सपा नेताओं पर ‘मौत के सौदागर’ होने का आरोप लगाया है.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने उन्हें ‘अपराधियों का साथी’ कहा और कहा कि उन्हें जेल में होना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे व्यवसायियों और डॉक्टरों से पैसे वसूल रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘वे पुलिस संरक्षण में इन अपराधों को अंजाम दे रहे हैं. अगर सरकार ने अभी ध्यान नहीं दिया तो निकट भविष्य में इलाहाबाद जैसी और घटनाएं होने की संभावना है.’

बहरहाल, उमेश पाल हत्या मामले में आरोपी अतीक अहमद के दो कथित सहयोगियों को एनकाउंटर में मार दिए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार कानून के शासन का पालन करेगी या सड़कों पर अपराधियों का सफाया करेगी.

मालूम हो कि बसपा विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को इलाहाबाद के धूमनगंज इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल की भी बीते 24 फरवरी की शाम दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. इलाहाबाद के ही धूमनगंज इलाके में गोली और बम से किए गए इस हमले में उनके (उमेश) सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई है.

पुलिस ने इस संबंध में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके दो बेटों, उसके छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद व पूर्व विधायक अशरफ उर्फ खालिद अजीम फिलहाल जेल में बंद हैं.

इस मामले में अतीक अहमद समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना राजू पाल की पूजा से शादी के नौ दिन बाद हुई थी.

बसपा विधायक रहे राजू पाल की पत्नी पूजा पाल कौशांबी जिले की चायल सीट से सपा की विधायक हैं. राजू पाल की हत्या के पीछे मुख्य मकसद विधानसभा उपचुनाव बताया जाता है, जिसमें उन्होंने इलाहाबाद (पश्चिम) सीट से अशरफ को हराया था. 2004 के चुनावों में अतीक के इलाहाबाद से लोकसभा सीट जीतने के बाद यह खाली हो गई थी.

अतीक अहमद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुजरात की जेल में बंद है, जबकि अशरफ बरेली की जेल में है.

अतीक वर्तमान में इलाहाबाद के एक कृषि अनुसंधान संस्थान के संकाय सदस्यों पर हमले से संबंधित 2016 के एक मामले में गुजरात की जेल में बंद है. वह पूर्व सांसद और पांच बार का विधायक है.