प्रवासी श्रमिकों पर हमले को लेकर स्टालिन ने कहा, उत्तर भारत के भाजपा नेता अफ़वाह फैला रहे

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष बनाने के उनके बयानों के कारण राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले और धमकी से जुड़ीं फ़र्ज़ी ख़बरें और अफ़वाहें फैलाई गईं. उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया.

एमके स्टालिन. (फोटो साभार: फेसबुक)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष बनाने के उनके बयानों के कारण राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले और धमकी से जुड़ीं फ़र्ज़ी ख़बरें और अफ़वाहें फैलाई गईं. उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया.

एमके स्टालिन. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने दावा किया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्षी मंच बनाने के उनके बयानों के कारण राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले और धमकी से जुड़ीं फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाई गईं.

स्टालिन ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘बीते कई दशकों से विभिन्न राज्यों के लोग तमिलनाडु में रह रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में कई लोग रोजगार के लिए यहां आए हैं. इन लोगों को राज्य के किसी भी हिस्से में कोई समस्या नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन कुछ लोगों ने फर्जी वीडियो बनाए और झूठी खबरें फैलाईं. उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया. आप फर्जी समाचार फैलाने वालों के पीछे की साजिश को समझ सकते हैं, अगर आपने ध्यान दिया हो तो भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर के एकजुट गठबंधन की आवश्यकता के बारे में मेरे बोलने के अगले ही दिन ये सब किया गया था.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन फर्जी खबरों के फैलने के बाद मैंने पूछताछ की और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात की. तमिलनाडु में ऐसी कोई घटना नहीं है. डीजीपी ने दी सफाई. यहां तक कि बिहार के प्रतिनिधियों ने भी तमिलनाडु का दौरा किया और पूरी संतुष्टि के साथ लौटे.

उन्होंने आगे कहा, ‘तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है जो ‘वंधोरई वाला वैकुम तमिलनाडु’ के लिए जाना जाता है (यानी जो कोई भी यहां आता है, तमिलनाडु उनके जीवन को बेहतर बता देता है). तमिलों को एकता और भाईचारा पसंद है.’

स्टालिन ने कहा, ‘जो लोग उच्च विचार रखते हैं जैसे ‘पिरापोक्कुम एला विरुक्कुम’ (जन्म की परिस्थितियों में रहने वाले सभी पुरुष एक हैं), ‘यदुम उरे यवरु कलिर’ (सारा ब्रह्मांड हमारा स्थान है और इस ब्रह्मांड में हर कोई हमारे लोग हैं), यह यहां के उत्तरी राज्य के भाइयों के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है.’

मालूम हो कि बीते 1 मार्च को चेन्नई में अपने 70वें जन्मदिन के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में स्टालिन ने कहा था कि 2024 में सभी विपक्षी दलों के लिए भाजपा को हराना सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए.

इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के विधायक तेजस्वी यादव और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला उपस्थित थे.

इसके ठीक एक दिन बाद तमिलनाडु भाजपा ने पूछा था कि तेजस्वी यादव, स्टालिन के समर्थन में इस कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं, जबकि राज्य में ‘12 बिहारी प्रवासी श्रमिकों मारे गए थे. इस ट्वीट को बाद में हटा दिया गया था और यह दावा झूठा पाया गया है कि श्रमिकों को मार दिया गया है.

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति को ट्रेन के भीड़ भरे डिब्बे में हिंदी बोलने वाले प्रवासी मजदूरों को मौखिक और शारीरिक तौर प्रताड़ित करते हुए देखा जा सकता है.

वीडियो में उक्त व्यक्ति प्रवासन के कारण तमिलनाडु के मूल निवासियों के लिए नौकरी के अवसरों कम होने के बारे में बात करता है और मजदूरों को घूंसे एवं थप्पड़ मारता है. रेलवे पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उस गिरफ्तार कर लिया है.

इसके बाद तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमलों के संबंध में भ्रामक सूचनाएं फैलने लगीं.

तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिलेंद्र बाबू ने बिहार के डीजीपी से चर्चा करते हुए कहा था कि ऐसी कोई हिंसा नहीं हो रही है. बीते 2 मार्च को डीजीपी ने एक बयान जारी इन खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि प्रवासी मजदूरों पर हमले नहीं हो रहे हैं.

इस मामले में राज्य भाजपा प्रमुख के. अन्नामलाई के खिलाफ ‘झूठे संदेश’ प्रसारित करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में दैनिक भास्कर और भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव के खिलाफ ‘झूठी खबर फैलाने’ का मामला दर्ज किया गया था.

चौथा मामला तनवीर पोस्ट ट्विटर हैंडल के मोहम्मद तनवीर के खिलाफ दर्ज किया गया है. इतना ही नहीं तमिलनाडु पुलिस ने दक्षिणपंथी वेबसाइट ‘ऑपइंडिया’ के सीईओ और संपादक नूपुर शर्मा के खिलाफ राज्य में प्रवासी श्रमिकों के बारे में ‘झूठी खबर फैलाने’ के आरोप में केस दर्ज किया है.