फैक्ट-चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को धमकियां मिलने का सिलसिला तब से शुरू हुआ, जब उनके संस्थान ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मज़दूरों पर हो रहे हमलों संबंधी कथित दावों का पर्दाफाश किया था.
नई दिल्ली: फैक्ट चेकर वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को कई हिंदुत्व समर्थक प्रभावशाली लोगों से ऑनलाइन धमकियां मिली हैं, जिनमें से कुछ उनके खिलाफ हिंसा के लिए भी उकसा रहे हैं. धमकियों में जुबैर के खिलाफ हिंसात्मक हमले की मांग से लेकर उनके खिलाफ ‘गैर-न्यायिक कदम’ (Extra-Judicial Steps) उठाए जाने की मांग भी है.
कुछ धमकियां तब मिलीं जब जुबैर एक व्यक्ति से भिड़ गए जिसने उनके परिवार की महिलाओं को लेकर अपमानजनक संदर्भों का इस्तेमाल किया. दूसरी घटना में सुप्रीम कोर्ट के एक वकील शशांक शेखर झा ने ट्वीट किया कि वे जुबैर को कभी माफ नहीं करेंगे.
शशांक शेखर के ट्वीट में जुबैर पर ‘एक ब्राह्मण महिला’ का जीवन बर्बाद करने और कम से कम 6 निर्दोष हिंदुओं के सिर काटने की घटनाओं में जिम्मेदार होने का आरोप लगाया गया है. इस ट्वीट का रिप्लाई सेक्शन (Reply Section) जुबैर को मौत की धमकियां देने से भरा पड़ा है. एक यूजर ने लिखा है, ‘जुबैर ***** भी खाएगा ***** में गोली एक दिन’. एक ट्विटर हैंडल से कहा गया है, ‘वह STSJ का हकदार है’ (यह सिर कलम करने का आग्रह करने वाले भड़काऊ नारे के संदर्भ में इस्तेमाल होने वाला एक संक्षिप्त नाम है).
एक अन्य ने जवाब दिया कि ‘कभी माफ मत करना, कभी भूलना मत. जो भी इस ***** के फैक्ट-चेकर को देखे, जो जरूरी हो, करे.’ एक और धमकी में, एक सत्यापित यूजर ने कहा है कि ‘उसका हश्र हिरण्यकश्यप जैसा करो.’ हिरण्यकश्यप का उल्लेख हिंदू धर्म ग्रंथों में एक राक्षस कुल के राजा के तौर पर है, जिसका वध भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर किया था.
जुबैर के खिलाफ धमकी जारी करने वालों में दक्षिणपंथी स्तंभकार हर्षिल मेहता और दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑपइंडिया के पूर्व संपादक अजीत भारती शामिल हैं. कुछ यूजर्स ने हिंसात्मक हमले और ‘अखलाक’ जैसा हश्र करने का सुझाव दिया.
बता दें कि वर्ष 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी जिले में गोमांस खाने के संदेह में मोहम्मद अख़लाक़ को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था.
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर प्रताप रेड्डी ने कहा, ‘किसी जान से मारने की धमकी देने संबंधी मुझे जानकारी नहीं है, मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं आई है.’
उन्होंने कहा, ‘अगर जुबैर हमसे संपर्क करते हैं, तो हम मामले के आधार पर सुरक्षा देने पर विचार करेंगे.’
ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि वे अभी अपने वकीलों के साथ परामर्श कर रहे हैं और सही कानूनी रास्ता तलाश रहे हैं.
इससे पहले जुबैर ने यह कहते हुए ट्वीट किया था कि जब उन्होंने उन्हें लगातार मिल रहीं गालियों को नजरअंदाज किया या उन पर हंसे तो लोगों द्वारा उन्हें शारीरिक क्षति पहुंचाने और मारने संबंधी ट्वीट की झड़ी लग गई.
ये धमकियां तमिलनाडु में प्रवासी बिहारी मजदूरों पर जानलेवा हमलों के बारे में दुष्प्रचार का ऑल्ट न्यूज द्वारा भंडाफोड़ करने के बाद मिलनी शुरू हुई थीं.
जुबैर ने द वायर को यह भी बताया कि उन्हें इससे पहले भी धमकियां मिली थीं, लेकिन इस बार ज्यादा गंभीर किस्म की हैं.
“Extra judicial killing”
“The plan is on”
“we need a lone wolf”Zubair’s job is extremely risky. There is a very direct threat to his life.
Can we ignore such threats? India can’t afford to lose him. We need him more than ever now to continue the TRUTH TELLING.#StandWithZubair pic.twitter.com/bBDsb3X0hq— Neel Madhav (@NeelMadhav_) March 8, 2023
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते में कई दक्षिणपंथी सोशल मीडिया पेजों, भाजपा नेताओं और कुछ मुख्यधारा के समाचार चैनलों ने झूठा दावा किया था कि बिहार के प्रवासी मजूदरों पर तमिलनाडु में जानलेवा हमले हो रहे हैं.
जुबैर समेत कई फैक्ट-चेक करने वालों ने उन वीडियो को ‘फर्जी’ और घटना से असंबंधित बताया था.
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता प्रशांत उमराव, हिंदी अखबार दैनिक भास्कर, दक्षिणपंथी वेबसाइट ऑप इंडिया की संपादक नूपुर शर्मा और सीईओ राहुल रौशन, साथ ही कुछ यूट्यूबर्स और ट्विटर हैंडल के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे.
जुबैर अक्सर ही हिंदू दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहते हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज कराए हैं. जून 2022 में उन्हें एक ट्वीट से कथित तौर ‘धार्मिक भावनाओं को आहत करने’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जमानत पर रिहा होने से पहले उन्होंने 24 दिन जेल में बिताए थे.
नोट: यह लेख मूलत: 10 मार्च 2023 को प्रकाशित हुआ था, और 11 मार्च 2023 को कुछ और ट्वीट की जानकारी के साथ अपडेट किया गया है.
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