मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को बीते 13 दिसंबर 2022 को कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने की बात कहने के लिए गिरफ़्तार कर लिया गया था. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया था कि मारने का मतलब उन्हें हराने से था. क़रीब 80 दिन जेल में बिताने के बाद बीते दिनों उन्हें रिहा कर दिया गया.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को बीते 13 दिसंबर 2022 को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से यह कहने के लिए गिरफ्तार किया गया था कि ‘संविधान बचाना है तो मोदी की ‘हत्या’ करने के लिए तत्पर रहो. हत्या का मतलब है, हराने का काम करो.’
इस टिप्पणी के लिए तकरीबन 80 दिन जेल में बिताने के बाद उन्हें बीते 4 मार्च को रिहा कर दिया.
रिहा होने के बाद 69 वर्षीय पटेरिया ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वह न्यायपालिका को नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा संचालित राज्य सरकार को ‘कानून का दुरुपयोग करने और उन्हें जेल भेजने’ के लिए दोषी ठहराते हैं.
पटेरिया ने कहा कि वह जाति व्यवस्था के खिलाफ थे. उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें चुप कराना चाहती है, क्योंकि वह ‘महात्मा गांधी और बाबासाहेब आंबेडकर के सिद्धांतों का पालन करते हैं’ और इसलिए भी क्योंकि वह पिछले कुछ समय से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे.
पटेरिया ने कहा, ‘मैं जाति व्यवस्था के खिलाफ हूं, लेकिन भाजपा गोडसे, सावरकर और गोलवलकर के सिद्धांतों का पालन करती है. मैंने हमारे संविधान की रक्षा करने और देश में आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के इरादे से वह बात की थी.’
पटेरिया ने यह भी कहा कि भाजपा विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए जानी जाती है, जैसे उन्होंने उन्हें गिरफ्तार किया, वैसे भाजपा नेताओं को ‘अपने भाषणों में खुले तौर पर हिंदू राष्ट्र के बारे में बात करने के लिए कभी गिरफ्तार नहीं किया गया.’
उन्होंने सवाल किया, ‘क्या यह असंवैधानिक नहीं है? वे धर्म का दुरुपयोग करते हैं और साधुओं से विवादित बयान दिलवाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.’
मालूम हो कि बीते जनवरी माह में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पटेरिया की जमानत याचिका यह देखते हुए खारिज कर दी थी कि नेताओं को अपने भाषणों में उपयोग किए जाने वाले शब्दों को लेकर सतर्क रहना चाहिए.
दिसंबर 2022 में सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में पटेरिया को कांग्रेस कार्यकर्ताओं से यह कहते हुए सुना जा सकता था, ‘मोदी चुनाव खत्म कर देंगे. मोदी धर्म, जाति, भाषा के आधार पर (लोगों को) बांट देंगे. दलितों का, आदिवासियों का, अल्पसंख्यकों का भावी जीवन खतरे में है. संविधान बचाना है तो मोदी की ‘हत्या’ करने के लिए तत्पर रहो. हत्या का मतलब है, हराने का काम करो.’
राज्य भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने वीडियो क्लिप साझा किया था और जांच की मांग करते हुए पूछा था कि क्या यह प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश है?
पटेरिया ने दावा किया था कि उन्होंने ‘चुनावों में मोदी को हराने’ के लिए ऐसा कहा था और इसका मतलब यह नहीं था कि उन्हें शारीरिक रूप से मार दिया जाना चाहिए. जिस समय पटेरिया ने यह टिप्पणी की थी, उस समय कांग्रेस ने भी उनके बयान की निंदा की थी.
बीते 28 फरवरी को उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई और चार दिन बाद रिहा कर दिया गया.
मध्य प्रदेश पुलिस ने पटेरिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. एफआईआर में शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान के साथ-साथ अनधिकार तौर पर घर में घुसना, सार्वजनिक शरारत वाले बयान, आपराधिक धमकी, मौत की सजा या कारावास की सजा के अपराध से संबंधित आईपीसी की धाराओं में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
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