कोच्चि के ब्रह्मपुरम में कचरे में ग्यारह दिनों से लगी आग से निकलने वाले ज़हरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है. नतीजतन, स्थानीय लोगों ने शहर छोड़कर जाना शुरू कर दिया है. नागरिक प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में विभिन्न तरीकों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
नई दिल्ली: कोच्चि के ब्रह्मपुरम में कचरे में 11 दिन पहले लगना शुरू हुई आग से रविवार को कोच्चि शहर जहरीले धुएं से भर गया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, जहरीले धुएं से प्रभावित लोगों को अब सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रविवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर था. कई निवासियों के संघों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों ने शहर छोड़ दिया है.
इंफो पार्क में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीश सेबेश्चियन अपने पांच साल के बेटे को सांस लेने में तकलीफ होने के बाद शनिवार को अपने गृह नगर कोट्टायम चले गए. उन्होंने अख़बार को बताया, ‘स्थिति वास्तव में खतरनाक है क्योंकि लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. यह अपमानजनक है कि राज्य के सबसे अच्छे शहर को शर्म का विषय बना दिया है. ‘
एक आईटी फर्म के प्रमुख पी. अनीश ने कहा, ‘इंफो पार्क से ऑफलाइन काम अब संभव नहीं है क्योंकि हालत खराब हो गई है. कई कर्मचारी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं.’
गौरतलब है कि पार्क में 280 आईटी कंपनियां हैं जो 60,000 से अधिक लोगों को रोजगार देती हैं.
अभिनेत्री सैंड्रा थॉमस ने कहा, ‘यह शर्म की बात है कि शहर 11 दिन बाद भी सांस लेने में परेशानी से जूझ रहा है.’ वहीं, गायिका सयानोरा ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए शनिवार को कोच्चि की सड़क पर गाना गाया.
उत्तेजित निवासियों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद खो दी है क्योंकि विभिन्न एजेंसियां आग लगने को लेकर दोषारोपण में लगी हुई हैं.
केरल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश केमाल पाशा ने कहा, ‘प्रतिक्रिया बहुत खराब है. लोग ताजी हवा के लिए शहर छोड़ रहे हैं.’
हालांकि, शनिवार को कोच्चि का दौरा करने वाले एक मंत्रिस्तरीय दल ने कहा कि 80 फीसदी आग बुझा दी गई हैं, लेकिन लोगों ने कहा कि कचरे से उठता धुआं उनके दावों को झुठलाता है.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शनिवार को कहा कि अब तक करीब 800 लोगों ने चिकित्सा सहायता मांगी है और घर-घर स्वास्थ्य सर्वेक्षण मंगलवार से शुरू होगा. उन्होंने कहा, ‘हम धुएं से प्रभावित लोगों की पहचान करेंगे और इलाज शुरू करेंगे.’
सरकार ने सभी अस्पतालों से सांस की समस्या लेकर आने वाले लोगों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (केरल) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव जयदेवन ने कहा, ‘ऐसे जहरीले धुएं के दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करना होगा. धुएं के निवारण करने के बाद भी जहरीले रसायन फसलों, पानी और पशुओं के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते रहेंगे.’
कई दवा की दुकानों ने बताया कि इनहेलर्स, ऑक्सीमीटर और सांस संबंधी संक्रमण की दवाओं की मांग कई गुना बढ़ गई है. टूर (यात्रा) ऑपरेटरों की शिकायत है कि उन्हें चिंतित ग्राहकों की तरफ से सवाल-जवाब करते हुए कॉल आ रहे हैं.
इस बीच, केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात की है.
I met Health Minister Dr. Mansukh Mandaviya in this regard and he has asked the Health Ministry of India to get report of the state and find a solution in this regard: Union Minister V. Muraleedharan pic.twitter.com/MsGDGY2GuQ
— ANI (@ANI) March 13, 2023
उन्होंने कहा है, ‘मैं इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिला और उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से राज्य की रिपोर्ट लेकर समाधान ढूंढ़ने के लिए कहा है.’