जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार पर उन्हें दी गई सुरक्षा को कम करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन करने और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का विरोध करने के कारण ऐसा किया गया है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार पर उनके सुरक्षा कवर को कम करने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन किया था और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का विरोध किया था.
जम्मू कश्मीर के अलावा गोवा और मेघालय का राज्यपाल रह चुके सत्यपाल मलिक ने एक साक्षात्कार में कहा कि जेड प्लस (Z+) सुरक्षा कवर के बजाय अब एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) को उनकी सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा.
सत्यपाल मलिक 2019 में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रह चुके हैं. उनके कार्यकाल के समय ही केंद्र की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों – जम्मू कश्मीर और लद्दाख – में विभाजित कर दिया था.
इंडिया टुडे के अनुसार, इसके बाद मलिक को गोवा के 18वां राज्यपाल नियुक्त किया गया था. इसके अलावा उन्होंने अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में काम किया है.
उन्होंने दावा किया कि 2008 से 2018 तक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य करने वाले एनएन वोहरा का सुरक्षा कवर अभी भी बरकरार है. उन्होंने कहा कि अब तक जितने भी राज्यपाल रिटायर हुआ हैं, उन्हें उचित सुरक्षा कवर दिया जा रहा है.
इतना ही नहीं कृषि कानूनों के अलावा केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के खिलाफ वे काफी मुखर रहे हैं.
एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘जितने भी गर्वनर रिटायर हुए हैं, उन सबके पास अभी तक सुरक्षा है. मेरी सुरक्षा लगभग पूरी तरह से हटा ली गई है. जो एक्स क्लास दी गई है, उसमें एक पीएसओ होगा, वो भी पिछले तीन दिन से नहीं आ रहा है, जबकि मुझे बहुत रिस्क (खतरा) है.’
उन्होंने कहा, ‘रिस्क इसलिए है कि जब अनुच्छेद 370 वहां (जम्मू कश्मीर) से हटा तो मैं वहां था. इसके अलावा मैंने विधानसभा भंग की थी. और वहां के जरनल्स (सैन्य अधिकारी) ने बताया था कि आपको पाकिस्तान से भी खतरा है, यहां के आतंकियों से भी खतरा है.’
मलिक ने आगे कहा, ‘जब मेरा तबादला हो रहा था तो कश्मीर की जो एडवाइजरी कमेटी थी, उसने लिखा था कि इनको खतरा है, इनको दिल्ली में मकान दिया जाए और सुरक्षा दी जाए. अब वो सब खत्म कर दिया गया है. अब मैं क्या समझूं?’
इंडिया टुडे के मुताबिक, उन्होंने बताया कि सुरक्षा कवर कम करने के बारे में उन्होंने गृह मंत्रालय को अक्टूबर 2022 में लिखा है, लेकिन इस कदम के पीछे के कारण के बारे में उन्हें अभी कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं मिली है. उनका कहना है कि उनके पत्र के जवाब में गृह मंत्रालय की ओर से सिर्फ ये कहा गया था कि वे इस मामले पर विचार कर रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया है कि जहां प्रोटोकॉल राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों को आजीवन सुरक्षा कवर प्रदान करने का है, वहीं सुरक्षा एजेंसियों से खुफिया रिपोर्टों के आधार पर राज्यपालों और उपराज्यपालों को सुरक्षा कवर प्रदान किया जाता है.
एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मैंने (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह जी को (इस बारे में) दो बार लिखा. दोनों बार मैंने लिखा कि मेरे लिए खतरा बहुत ही वास्तविक है, इसलिए मेरी सुरक्षा कम न की जाए. उनकी तरह से इस पत्र की प्राप्ति (रिसीविंग) भी आई है.’
सुरक्षा में मिले सिर्फ एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) के न आने के संबंध में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘होली के बाद से सुरक्षा के लिए कोई नहीं आ रहा है. और कल मैं नारनौल जा रहा हूं, जो रेवाड़ी (हरियाणा) के आगे एक जगह है, वहां एक पब्लिक मीटिंग है, वहां जा रहा हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अब ये है कि कोई भी आकर मुझे मार दे, कोई दिक्कत नहीं है. मारना तो अलग बात है, लेकिन अगर ऐसी कोशिश भी हुई तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी और उन्हें नतीजे भुगतने पड़ेंगे.’
अगर अन्य राज्यपालों को सुरक्षा दी जा रही है तो आपके पास सुरक्षा क्यों नहीं है, यह पूछने पर सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘मेरे पास सुरक्षा इसलिए नहीं है, क्योंकि मैंने किसानों के मसले पर बात की. ये (केंद्र सरकार) तो अल्लाह मियां (सर्वशक्तिमान) हैं, सोचते हैं कि हमारे खिलाफ कोई नहीं बोलेगा. मैं इनके खिलाफ नहीं बोल रहा था, किसानों के पक्ष बोल रहा था, जो इनको पसंद नहीं आया. उसी वजह से सुरक्षा हटा दी गई है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं यही संदेश देना चाहता हूं कि जो छोटापन है, बदले की भावना है, इसको खत्म करें और उचित तरीके से व्यवहार करें, जो किसी भी राजा को करना चाहिए. सुरक्षा हटा देने से कोई जरूरी नहीं कि मैं मर ही जाऊंगा, लेकिन इस कदम को लोग देखेंगे, जो मेरे साथ हैं. अगर मुझे कुछ हुआ तो इन्हें मुंहतोड़ जवाब देंगे.’
वहीं, मलिक की सुरक्षा कम करने के संबंध में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘जैसा करोगे वैसा भरोगे. उन्होंने (मलिक) बहुत सारे लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है, जिसमें मैं और मेरे वरिष्ठ सहयोगी भी शामिल रहे हैं.’
What goes around comes around, jaisa karoge vaisa bharoge. He messed with a lot of peoples’ security, including mine & of my senior colleagues. “If something happens to me…” Former JK Guv Satya Pal Malik says his security cover downgraded https://t.co/DKI81oCKkP via @indiatoday
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) March 14, 2023