देश के 628 थानों में टेलीफोन कनेक्शन और 285 में वायरलेस सेट या मोबाइल फोन नहीं

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि देशभर में 17,535 पुलिस थाने काम कर रहे हैं, जिनमें से 63 बिना किसी वाहन के हैं और 2,701 थानों में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: सोशल मीडिया)

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि देशभर में 17,535 पुलिस थाने काम कर रहे हैं, जिनमें से 63 बिना किसी वाहन के हैं और 2,701 थानों में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 17,535 पुलिस थानों में से 628 में टेलीफोन कनेक्शन नहीं है, 63 बिना किसी वाहन के हैं, 285 में वायरलेस सेट या मोबाइल फोन नहीं है, और 2,701 में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने सदन में कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने के लिए उचित कदम उठाने की सलाह दी गई है. राय ने कहा, ‘क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (सीसीटीएनएस) को इस साल 1 मार्च तक देश भर के 16,592 पुलिस थानों में तैनात किया गया है.’

बिना सीसीटीवी कैमरा वाले थानों का विवरण साझा करते हुए राय ने कहा कि 17,535 पुलिस स्टेशनों में से केवल 14,834 में सीसीटीवी कैमरे हैं. उन्होंने बताया, ‘तमिलनाडु में 2,292 पुलिस स्टेशन हैं और 714 में सीसीटीवी कैमरा नहीं हैं; महाराष्ट्र के 1,168 थानों में से 505 में सीसीटीवी नहीं हैं. झारखंड में सीसीटीवी कैमरा के बिना 438 (564 में से) थाने काम कर रहे है, जबकि आंध्र प्रदेश के 1,027 थानों में से 428 में सीसीटीवी कैमरा नहीं है.’

पिछले तीन वर्षों में ‘पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सहायता’ योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा आवंटित और जारी धनराशि की जानकारी देते हुए राय ने कहा कि बेहतर प्रदर्शन के लिए दिया जाने वाला इंसेंटिव, जो 2019-20 तक दिया जा रहा था, वह नए दिशानिर्देशों के मद्देनजर बंद कर दिया गया है. नए दिशानिर्देश कहते हैं कि यदि किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की व्यय न हुई राशि उसे आवंटित राशि के 25 प्रतिशत से कम है, तो उसे 25 प्रतिशत किस्त राशि जारी करने की अनुमति होती है.

उन्होंने आगे बताया, ‘2019-20 में केंद्र सरकार ने 811.30 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और 120.09 करोड़ रुपये की इंसेंटिव राशि के साथ 781.12 रुपये जारी किए, लेकिन उन्होंने [राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों] ने केवल 510.495 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया. 2020-21 में, केंद्र ने 770.76 करोड़ रुपये आवंटित किए और 103.25 रुपये जारी किए, जबकि 2021-22 में 620.45 करोड़ रुपये आवंटित किए गए और 158.57 करोड़ रुपये जारी किए गए. 2022-23 में, आवंटन 620.45 करोड़ रुपये था, जिसमें से 103.58 करोड़ जारी किए गए थे.’

उन्होंने जोड़ा, ‘… योजना के तहत केंद्र द्वारा जारी धन में से 640.35 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकारों ने खर्च नहीं की है.’