उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ के शासन में 10,000 से अधिक पुलिस एनकाउंटर में 63 आरोपी मारे गए

यूपी पुलिस 2017 के बाद से 10,713 एनकाउंटर में शामिल रही है, जिनमें से सबसे अधिक 3,152 मेरठ पुलिस द्वारा किए गए. इसके बाद आगरा पुलिस ने 1,844 एनकाउंटर को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ़्तार किया गया, जबकि 14 आरोपी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए.

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योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

यूपी पुलिस 2017 के बाद से 10,713 एनकाउंटर में शामिल रही है, जिनमें से सबसे अधिक 3,152 मेरठ पुलिस द्वारा किए गए. इसके बाद आगरा पुलिस ने 1,844 एनकाउंटर को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ़्तार किया गया, जबकि 14 आरोपी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक/MYogiAdityanath)

नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने बीते गुरुवार को जानकारी दी कि पिछले छह वर्षों में राज्य में पुलिस और आरोपियों के बीच 10,000 से अधिक मुठभेड़ (Encounter) हुई हैं, जिसमें 63 आरोपी मारे गए हैं, जबकि एक पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और 1,708 आरोपी घायल हुए.

सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2017 के बाद से मेरठ सबसे अधिक 3,152 एनकाउंटर के साथ राज्य में शीर्ष पर है.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, इसी दौरान पुलिस एनकाउंटर के दौरान एक जांबाज पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 401 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. यूपी पुलिस की कार्रवाई के दौरान कुल 5,967 आरोपियों को पकड़ा गया है.

बयान के अनुसार, यूपी पुलिस 2017 के बाद से 10,713 एनकाउंटर में शामिल रही है, जिनमें से सबसे अधिक 3,152 मेरठ पुलिस द्वारा किए गए. इसके बाद आगरा पुलिस ने 1,844 एनकाउंटर को अंजाम दिया, जिसमें 4654 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 14 आरोपी मारे गए और 55 पुलिस वाले घायल हुए.

इसके अनुसार, बरेली पुलिस 1,497 एनकाउंटर में शामिल रही, जिसमें 3,410 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 7 की मौत हो गई. इस दौरान 437 आरोपी घायल हुए. इन अभियानों में 296 बहादुर पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 1 शहीद हो गए.

बयान में कहा गया है, ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही राज्य की बागडोर संभाली, राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार करना उनकी प्राथमिकता बन गई. उनकी सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई और राज्य के कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ऐसे तत्वों पर कार्रवाई तेज कर दी.’