अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेनी बच्चों के अपहरण का आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) ने शुक्रवार ( 17 मार्च) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन से बच्चों के कथित अपहरण सहित युद्ध अपराधों का आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया.
आईसीसी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पुतिन ‘जनसंख्या (बच्चों) को अवैध निर्वासन और जनसंख्या (बच्चों) को यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ में गैर-क़ानूनी तरह से ले जाने के युद्ध अपराध के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं.’
बयान में कहा गया है कि जिन अपराधों का पुतिन पर आरोप है, वे यूक्रेन में 24 फरवरी, 2022 -जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर पूरी तरह से आक्रमण शुरू किया था, से किए गए हैं.
पुतिन के अलावा इसी तरह के आरोपों पर रूस के राष्ट्रपति के कार्यालय में बच्चों के अधिकारों के आयुक्त (कमिश्नर) मारिया अलेक्सेयेवना लावोवा-बेलोवा के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
आईसीसी ने कहा कि उसके प्री-ट्रायल चेंबर ने पाया कि ‘यह मानने के उचित आधार हैं कि प्रत्येक संदिग्ध यूक्रेन के कब्जे वाले क्षेत्रों से रूसी संघ से जनसंख्या के अवैध निर्वासन और यूक्रेनी बच्चों की उम्मीद में आबादी को अवैध तरीके से ले जाने के के युद्ध अपराध के लिए जिम्मेदार है..’
हालांकि, यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही रूस युद्ध अपराध के आरोपों को नकारता रहा है.
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार, युद्धरत पक्षों के सशस्त्र संघर्ष के दौरान भी कुछ बर्ताव प्रतिबंधित हैं. इनमें लोगों पर अत्याचार करना या जानबूझकर अमानवीय व्यवहार; व्यापक तबाही और संपत्ति हड़पना, जो सैन्य आवश्यकता को देखते हुए न्यायोचित न हो और गैरकानूनी व मनमाने ढंग से किया गया हो; युद्ध के किसी कैदी को उचित सुनवाई से वंचित करना; बलात्कार और यौन उत्पीड़न शामिल हैं. युद्ध अपराधों की सूची अंतरराष्ट्रीय संगठनों और कई वैश्विक सम्मेलनों द्वारा बनाई गई है.