प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन के एक हफ़्ते के भीतर बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे पर जलभराव

बीते 12 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने 8,480 करोड़ रुपये की लागत से बनी 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया था. शनिवार सुबह हल्की बारिश के बाद यहां जलभराव देखा गया, जिसके कारण ट्रैफिक जाम लग गया था. 

(फोटो साभार: ट्विटर)

बीते 12 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने 8,480 करोड़ रुपये की लागत से बनी 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया था. शनिवार सुबह हल्की बारिश के बाद यहां जलभराव देखा गया, जिसके कारण ट्रैफिक जाम लग गया था.

(फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: कर्नाटक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के एक हफ्ते से भी कम समय में बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे में शनिवार सुबह हल्की बारिश के बाद जलभराव देखा गया.

रामनगर और बिदादी के बीच संगबासवना डोड्डी के पास एक अंडरपास के पास जलभराव होने से शनिवार को अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि वाहन ट्रैफिक जाम में फंस गए थे.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 8,480 करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क पर बेंगलुरु के पड़ोसी रामनगर जिले के पास जलभराव हो गया थी. हाईवे पर अंडरब्रिज में पानी भरा रहा. यह वही अंडरब्रिज है, जिसमें पिछले साल बाढ़ आई थी, जब कर्नाटक में भारी बारिश हुई थी.

कुछ यात्रियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए नाराजगी जताई और सवाल किया कि क्या राजमार्ग उद्घाटन के लिए तैयार था.

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचआईए) के परियोजना निदेशक बीटी श्रीधर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने नालियों के लिए जगह छोड़ी थी, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने मिट्टी से नालियों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे जलभराव हो गया. हम इसे साफ कर रहे हैं और सड़क जल्द ही सुचारु रूप से खोल दी जाएगी.’

संयोग से पिछले साल अगस्त में भारी वर्षा के बाद इसी जगह में बाढ़ आ गई थी. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल जनवरी में सड़क का दौरा करने के बाद कहा था एक तकनीकी टीम इस मुद्दे को देख रही है.

उन्होंने कहा था, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसी घटना दोबारा न हो. सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सड़क सुरक्षा ऑडिट भी किया जा रहा है.’

बीते 12 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने 118 किलोमीटर लंबी बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे परियोजना का उद्घाटन किया था. अधिकारियों के अनुसार, एक्सप्रेसवे बेंगलुरु और मैसुरु के बीच यात्रा के समय को लगभग तीन घंटे से घटाकर लगभग 75 मिनट कर देता है.

8,480 करोड़ रुपये की परियोजना में एनएच-275 के बेंगलुरु-निदाघट्टा-मैसूरु खंड को छह लेन का बनाना शामिल है. एनएचएआई ने बीते मंगलवार (14 मार्च) को टोल शुल्क एकत्र करना शुरू कर दिया था और जनता दल (सेक्युलर) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने सड़क का काम पूरा किए बिना टोल वसूले जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस बीच 5.3 मिमी बारिश दर्ज होने के बाद शुक्रवार को बेंगलुरु के कई इलाकों में चार-पांच घंटे तक अंधेरा छाया रहा.

बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी लिमिटेड के एक अधिकारी ने कहा, ‘तेज हवा और बारिश के कारण जयदेव, अत्तुर-येलहंका और मगदी रोड के फीडर में तकनीकी खराबी थी. इससे कई इलाकों में बिजली गुल हो गई. हमने समस्या को सुलझाने के लिए पूरी रात काम किया. ट्रांसफार्मरों की मरम्मत की गई. स्थिति अब सामान्य है.’

बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) नियंत्रण कक्ष को भी इंदिरानगर, राजाजीनगर और मुद्देयाना पाल्या में पेड़ों की शाखाएं गिरने की शिकायतें मिलीं. जलजमाव के कारण यातायात बहुत ही धीमा रहा.

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