मध्य प्रदेश के इंदौर ज़िले की महू तहसील का मामला. पुलिस के अनुसार, बीते 15 मार्च को एक युवती की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों और जय आदिवासी युवा संगठन के सदस्यों ने रात में बड़गोंडा पुलिस स्टेशन के तहत डोंगरगांव पुलिस चौकी का घेराव किया. इस दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की मौत हो गई.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर जिले की महू तहसील में एक महिला की मौत के विरोध में पुलिस फायरिंग में मारे गए 22 वर्षीय आदिवासी युवक के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते बुधवार (15 मार्च) रात हुई फायरिंग में मारे गए भेरुलाल चारेल के परिजनों को गुरुवार (16 मार्च) को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद मंजूर की थी.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भेरूलाल के अलावा बड़गोंडा पुलिस ने पचीलाल नामक व्यक्ति के खिलाफ भी केस दर्ज किया है. पचीलाल की बेटी कविता (22 वर्ष) की मौत के कारण बुधवार रात डोंगरगांव पुलिस चौकी के बाहर विरोध और हिंसा भड़क उठी थी.
महू के सब-डिविजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस (एसडीओपी) दिलीप सिंह चौधरी ने बताया कि गुरुवार रात 12 नामजद और 120 अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा और हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा था कि पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की थी.
पुलिस ने कहा कि खरगोन की रहने वाली कविता धार जिले के धामनोद के एक कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं. उनका कथित तौर पर महू तहसील के गवली पलासिया गांव के यदुनंदन पाटीदार के साथ संबंध था.
वह छह दिन से पाटीदार के घर में रह रही थीं. इस दौरान बुधवार शाम कथित तौर पर बिजली का करंट लगने से उसकी मौत हो गई.
इसके बाद पाटीदार और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर उनके रिश्तेदारों और जय आदिवासी युवा संगठन (जेएवाईएस) के सदस्यों ने रात में बड़गोंडा पुलिस स्टेशन के तहत डोंगरगांव पुलिस चौकी का घेराव किया.
पुलिस के अनुसार, भीड़ हिंसक हो गई और पथराव किया, जिसके कारण पुलिस को पहले आंसूगैस के गोले दागने पड़े और फिर गोलियां चलानी पड़ीं.
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ बीते शनिवार को शख्स के परिवार से मिलने महू पहुंचे.
सत्तारूढ़ भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार 17 मार्च को मृतक आदिवासी भेरुलाल के पिता मदन चारेल से मुलाकात कर आश्वासन दिया था कि अगर कोई पुलिसकर्मी उनके बेटे की हत्या के लिए दोषी पाया जाता है तो उसे दंडित किया जाएगा.
नायब तहसीलदार शिवशंकर जारोलिया ने कहा, ‘दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 (समूहों में जमा होने पर रोक) अभी भी बड़गोंडा, महू, मानपुर, किशनगंज और सिमरोल पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में लागू है. स्थिति की गहन समीक्षा के बाद इसे रद्द करने का फैसला लिया जाएगा.’
महू एसडीओपी चौधरी ने बताया कि बड़गोंडा थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर, जो बुधवार रात पथराव में घायल हो गए थे, अभी भी गंभीर हालत में हैं. उन्हें इंदौर के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया है.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है.