केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कुछ रिटायर जज भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं, वे ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को कहा कि ‘तीन या चार’ रिटायर जज ‘भारत-विरोधी’ गिरोह का हिस्सा हैं. साथ ही कहा कि जिसने भी देश के खिलाफ काम किया है, उसे कीमत चुकानी होगी.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में बोलते हुए रिजिजू ने कहा कि कुछ सेवानिवृत्त ‘एक्टिविस्ट’ जज हैं जो ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्ष की भूमिका निभाए.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग अदालत में भी जाते हैं’ और कहते हैं, ‘कृपया सरकार पर लगाम लगाएं, कृपया सरकार की नीतियां बदलें.’
उन्होंने राहुल गांधी पर जारी अपनी सरकार के हमले पर भी बात की. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता ने बीते दिनों ब्रिटेन में बयान दिया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भारत में लोकतंत्र को कमजोर कर रही है. बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया था.
कानून मंत्री ने दावा किया कि गांधी ने ‘वैसी ही भाषा’ का इस्तेमाल किया जो कुछ ‘भारत विरोधी गिरोह’ इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि यह भाषा उन दावों का दोहराव है जिनमें भारत में ‘लोकतंत्र खतरे में है’ और ‘भारत में मानवाधिकारों का अस्तित्व नहीं है’ के दावे किए जाते हैं.
जब कार्यक्रम के मॉडरेटर गौरव सावंत ने रिजिजू से पूछा कि क्या वह एक वरिष्ठ सांसद पर ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग‘ का हिस्सा होने का आरोप लगा रहे हैं, इस पर उन्होंने सहमति जताई. उन्होंने कहा कि सरकार के पास भारत पर बाहर और भीतर से ऐसे सुनियोजित हमले करने के लिए विदेशी फंडिंग के बारे में अंदरूनी सूचनाएं हैं.
इसके बाद उन्होंने एक सेमिनार के बारे में बात की जिसमें जजों और वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भाग लिया था. उन्होंने कहा, ‘सेमिनार का विषय ‘न्यायाधीशों की नियुक्ति में जवाबदेही’ था, लेकिन चर्चा पूरे दिन यह हुई कि कैसे सरकार भारतीय न्यायपालिका पर कब्जा कर रही है.’
उन्होंने कहा, ‘कुछ रिटायर जज हैं, कुछ- शायद तीन या चार- उनमें से कुछ एक्टिविस्ट हैं, जो भारत विरोधी गिरोह का हिस्सा हैं. ये लोग ऐसी कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय न्यायपालिका विपक्षी दल की भूमिका निभाए. यहां तक कि कुछ लोग कोर्ट भी जाते हैं और कहते हैं कि प्लीज सरकार पर लगाम कसें, प्लीज सरकार की नीतियां बदलें.’
उन्होंने पूछा, ‘न्यायपालिका तटस्थ है, न्यायाधीश राजनीतिक संबद्धता के किसी भी समूह का हिस्सा नहीं हैं. ये लोग खुले तौर पर कैसे कह सकते हैं कि भारतीय न्यायपालिका को (सरकार का) सामना करना चाहिए?’
जब सावंत ने पूछा कि सरकार ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के खिलाफ क्या उपाय किए हैं, इस पर रिजिजू ने कहा, ‘कार्रवाई की जाएगी, कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है. एजेंसियां कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगी. कोई भी नहीं बचेगा. चिंता मत कीजिए, कोई नहीं बचेगा.जिन्होंने देश के खिलाफ काम किया है, उन्हें इसके लिए कीमत चुकानी होगी.’
कानून मंत्री ने अन्य विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की, जिनमें न्यायाधीशों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के साथ सरकार के गतिरोध, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर हाल का संवैधानिक फैसला और समलैंगिक विवाह के विषय शामिल थे.
समलैंगिक विवाह के मसले पर रिजिजू ने कहा कि क्योंकि संसद लोगों के ‘विचारों और पसंद का प्रतिबिंब’ है, इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए कि दो घरों में विवाह की संस्था कैसे चलती है.
उन्होंने चुनाव आयुक्त संबंधी फैसले पर कहा कि अगर भारत के सीजेआई या न्यायाधीश हर महत्वपूर्ण नियुक्ति पर ध्यान देंगे, तो न्यायिक कार्य को कौन आगे बढ़ाएगा?
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