नोटबंदी के बाद से 5 साल में 500 और 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन में तीन गुना बढ़े

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एटीएम में 2,000 रुपये के नोट नहीं रखने को लेकर बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एटीएम में 2,000 रुपये के नोट नहीं रखने को लेकर बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के हवाले से वित्त मंत्रालय ने लोकसभा में बताया है कि मार्च 2017 के अंत तक 500 रुपये और 2,000 रुपये के नोटों का प्रचलन 9.512 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2022 के अंत तक 27.057 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने यह भी कहा कि ऑटोमेटेड टेलर मशीन या एटीएम में 2,000 रुपये के नोट नहीं रखने को लेकर बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है.

भारत राष्ट्र समिति के सांसद संतोष कुमार ने पूछा था, ‘क्या नोटबंदी के बाद जारी किए गए लगभग 9.21 लाख करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए हैं’ और ‘क्या ये नोट फिर से कथित तौर पर काले धन में बदल गए हैं’.

उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि क्या आरबीआई ने एटीएम के माध्यम से 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों को वितरित करने के लिए बैंकों पर प्रतिबंध लगाया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने लिखित जवाब में कहा, ‘भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2017 के अंत तक 500 और 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का कुल मूल्य 9.512 लाख करोड़ रुपये थो और मार्च 2022 के अंत तक इन मूल्यवर्ग के बैंक नोटों का कुल मूल्य 27.057 लाख करोड़ रुपये था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘एटीएम में 2000 रुपये के नोट नहीं रखने के लिए बैंकों को कोई निर्देश नहीं दिया गया है’. आगे कहा, ‘बैंक पिछले उपयोग, उपभोक्ता आवश्यकता, समय विशेष की प्रवृत्ति आदि के आधार पर एटीएम के लिए राशि और मूल्यवर्ग की आवश्यकता का अपना आकलन करते हैं.’

मंत्री ने आगे कहा, ‘आईबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019-20 के बाद से 2000 रुपये मूल्य वर्ग के बैंक नोटों की आपूर्ति की मांग नहीं की गई है..’

इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें