खालिस्तान समर्थक सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने बीते 18 मार्च को तलाशी अभियान शुरू किया था, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिल सकी है. बीते दिनों अमृतपाल सिंह के सहयोगियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ था. उस पर पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों स्थित कुछ आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध होने का भी आरोप है.
नई दिल्ली: पंजाब पुलिस पिछले कुछ से दिनों से खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी हुई है. चार दिन से अमृतपाल की तलाश जारी है. इस अभियान में 1500 से अधिक पुलिसकर्मी लगे हुए हैं.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बीते दिनों अमृतपाल सिंह के सहयोगियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद होने के बाद उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत ताजा मामला दर्ज किया गया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों में स्थित कुछ आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हुए हैं.
इसके अलावा बीते फरवरी महीने में अमृतपाल और उनके समर्थकों ने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार अपने एक सहयोगी को छुड़ाने के लिए अमृतसर जिले के अजनाला में पुलिस थाने पर हथियारों के साथ हमला बोल दिया था.
खालिस्तानी नेता अमृतपाल ब्रिटेन स्थित खालिस्तानी आतंकवादी अवतार सिंह खांडा का करीबी माना जाता है और उसके प्रभुत्व में वृद्धि के पीछे अमृतपाल को एक महत्वपूर्ण कारक माना जा रहा है.
अमृतपाल कथित रूप से नशामुक्ति केंद्रों से युवाओं का एक ‘निजी मिलिशिया’ (सशस्त्र गिरोह) बना रहा था, जिसका इस्तेमाल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए किया जा रहा था. नशामुक्ति केंद्रों का कथित रूप से पाकिस्तान से अवैध रूप से प्राप्त हथियारों को जमा करने के लिए भी उपयोग किया जाता है.
बहरहाल सिख कट्टरपंथी अमृतपाल को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने बीते शनिवार (18 मार्च) को अपना अभियान शुरू किया है, लेकिन अभी तक उसे सफलता नहीं मिल सकी है.
इसी के साथ किसी अप्रिय घटना और अफवाहों पर रोक लगाने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी गई है, जिसने सामान्य जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
इस बीच पंजाब के कुछ संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवा पर लगी रोक बढ़ाकर 23 फरवरी दोपहर 12 बजे तक कर दी गई थी. इससे पहले पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने मंगलवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद करने के आदेश दिए थे.
पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुखचैन सिंह गिल के मुताबिक, मामले में अब तक वारिस पंजाब दे से जुड़े 114 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और 16 फरवरी से 19 मार्च के बीच 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं. उन्होंने कहा, ‘अजनाला थाने पर हमले के संबंध में 24 फरवरी को दर्ज की गई एफआईआर भी इसमें शामिल है.’
सोमवार को उन्होंने कहा, ‘अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है, पुलिस टीमें उन्हें पकड़ने के लिए सभी प्रयास कर रही हैं. अब तक 114 लोगों को हिरासत में लिया गया है.’
VIDEO | “Amritpal Singh is still on the run, police teams are making all the efforts to nab him. 114 people have been taken into custody so far,” says Sukhchain Singh Gill, Punjab Inspector General of Police. pic.twitter.com/rdtD9QAWAX
— Press Trust of India (@PTI_News) March 20, 2023
‘वारिस पंजाब दे’ के गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ दर्ज कई मामले शुरुआती तौर पर पिछले महीने के अजनाला में पुलिस थाना पर हमले से जुड़े हुए हैं. घेरने के मामले से जुड़े हैं. गिरफ्तार किए गए कई लोगों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.
पांच लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया है.
पुलिस के अनुसार, दलजीत कलसी, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बजेके, बसंत सिंह दौलतपुरा, गुरमीत सिंह बुक्कनवाला और अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह पर एनएसए लगाया गया है. पांचों वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ की एक जेल में बंद हैं.
सोमवार को हरजीत और उनके ड्राइवर हरप्रीत सिंह ने जालंधर में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिरासत में लिए गए अमृतपाल के चाचा समेत तीन साथियों को असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. हालांकि, रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए और भी लोगों को असम ले जाया गया है.
पुलिस के अमृतपाल को गिरफ्तार न कर पाने पर हाईकोर्ट ने लगाई फटकार
पंजाब में मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई. पंजाब सरकार इस कदम के पीछे नाजुक कानून और व्यवस्था का हवाला दे रही है.
मंगलवार को हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है. हाईकोर्ट ने पुलिस से स्थिति रिपोर्ट मांगते हुए पूछा है कि 80,000 जवान होने के बावजूद भी वह उसे पकड़ने में विफल क्यों रही है.
अदालत ने पूछा, ‘आपके पास 80,000 जवान हैं. वे क्या कर रहे हैं. अमृतपाल कैसे बच गया?’
इंटरनेट शटडाउन
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक,पंजाब सरकार ने मंगलवार सुबह सूचित किया कि दोपहर 12 बजे से पंजाब के कई शहरों में मोबाइल इंटरनेट सेवा काम करने लगेगी.
Mobile Internet services to be restored in parts of Punjab
Read @ANI Story | https://t.co/xhDlRz6dt5#Punjab #MobileInternetServices pic.twitter.com/0aMzrQ7zpH
— ANI Digital (@ani_digital) March 21, 2023
पंजाब सरकार के गृह मामले एवं न्याय विभाग ने मंगलवार को जारी एक बयान में सूचित किया, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि तरनतारण, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर अजनाला उपखंड, मोहाली के वाईपीएस नगर और एयरपोर्ट रोड से लगे इलाकों के अलावा बाकी सभी इलाकों में आज यानी 21/03/2023 के दोपहर 12 बजे से इंटरनेट सेवा सामान्य हो जानी चाहिए.’
अधिसूचना में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सेवाएं निलंबित नहीं की गई हैं, ताकि ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों.
पंजाब सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘यह निर्देश दिया जाता है कि केवल तरनतारण, फिरोजपुर, मोगा, संगरूर, अमृतसर में अजनाला उपखंड, एसएएस नगर में वाईपीएस चौक और एयरपोर्ट रोड़ से जुड़े इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वालीं सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज के अतिरिक्त) और सभी डोंगल सेवाएं, वॉयस कॉल को छोड़कर, 21 मार्च 2023 (दोपहर 12 बजे) से 23 मार्च 2023 (दोपहर 12 बजे) तक निलंबित रहना जारी रहेंगी.’
All mobile internet services, all SMS services (except banking & mobile recharge) & all dongle services provided on mobile networks, except the voice call, shall continue to remain suspended in the districts Tarn Taran, Ferozepur, Moga, Sangrur, Sub-Division Ainala in Amritsar,… https://t.co/0uGJSAZcZL pic.twitter.com/jHgyzcYLoy
— ANI (@ANI) March 21, 2023
इससे पहले सोमवार को पंजाब सरकार ने सूचित किया था कि मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस और डोंगल सेवाओं का निलंबन मंगलवार दोपहर तक जारी रहेगा.
All mobile internet services, all SMS services (except banking & mobile recharge) & all dongle services provided on mobile networks, except the voice call, shall continue to remain suspended in the districts Tarn Taran, Ferozepur, Moga, Sangrur, Sub-Division Ainala in Amritsar,… pic.twitter.com/jHgyzcYLoy
— ANI (@ANI) March 21, 2023
एएनआई के मुताबिक, इससे पहले मंगलवार को खालिस्तान समर्थकों के सोशल मीडिया एकाउंट को भी सस्पेंड कर दिया गया था. पंजाब में पत्रकारों के कई सोशल मीडिया एकाउंट बंद कर दिए गए. जिनमें कम से कम तीन प्रमुख पत्रकार – कमलदीप सिंह बरार (अमृतसर में इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ स्टाफ सदस्य) और स्वतंत्र पत्रकार गगनदीप सिंह व संदीप सिंह – के एकाउंट निलंबित किया जाना शामिल है.
न्यूज वेबसाइट बाज़ न्यूज के ट्विटर हैंडल को भी बंद कर दिया गया है. हालांकि, कुल कितने एकाउंट बंद किए गए हैं, ये संख्या नहीं बताई है. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि 75 खाते एकाउंट किए गए हो सकते हैं. कवि रूपी कौर और स्वयंसेवी संस्था यूनाइटेड सिख्स के खातों को भी बंद किया गया है.
संगरूर सांसद सिमरनजीत मान का एकाउंट भी ट्विटर ने बंद कर दिया है. मान के एकाउंट को बंद करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि संसद सदस्य के खिलाफ कार्रवाई दुर्लभ है. न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता, कनाडा सांसद जगमीत सिंह का एकाउंट भी बंद किया गया है और यह भारत में देखने के लिए उपलब्ध नहीं है.
भारत दुनिया में इंटरनेट बंद करने के मामले में अग्रणी देश है. वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि पंजाब में 2.7 करोड़ लोगों का इंटरनेट बंद करना हाल के सालों में देश में सबसे बड़ी नेट बंद करने की घटना है.
इंटरनेट बंद करने के खिलाफ गुस्सा
इंटरनेट पर पाबंदी लगाए जाने से विभिन्न दलों ने रोष व्यक्त किया है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने ‘अघोषित आपातकाल और दमन और आतंक के शासन’ के लिए आप सरकार पर जमकर निशाना साधा.
अकाली दल प्रमुख ने ‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और चुनावी लाभ’ के लिए देशभक्त सिख समुदाय को बदनाम करने के लिए ‘खतरनाक साजिशों’ के खिलाफ भी चेतावनी दी.
उन्होंने कहा, ‘ऐसी ही साजिशें कांग्रेस ने पहले भी रची और लागू की थीं और अब मौजूदा सरकार उन्हीं के नक्शेकदम पर चलकर पंजाब को आग लगाने की कोशिश कर रही है.’
पंजाब कांग्रेस के नेता सुखपाल खैरा ने भी कहा कि पंजाब में यह पूरा प्रकरण भगवंत मान सरकार की विकट परिस्थितियों से निपटने में पूरी तरह से नाकामी को दर्शाता है.
उन्होंने मुख्यमंत्री के मूकदर्शक बने रहने की बात करते हुए कहा, ‘इस तरह के कठोर उपाय केवल अराजकता और अफवाहों को जन्म देते हैं.’
उन्होंने पूछा कि पंजाब कौन चला रहा है? गृह विभाग? क्या यह रणनीति मुख्यमंत्री और अमित शाह की बैठक का हिस्सा थी?
Why’s @BhagwantMann gone into hiding? In normal course he would appear Live on minor issues but now that PB is under seize & turned into police state he’s a mute spectator! He should clarify who’s running PB? Particularly Home Deptt?Was this strategy part of Cm-Amit Shah meeting? pic.twitter.com/KB9VXUGUMC
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) March 21, 2023
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है, ‘पिछले कुछ दिनों से कुछ तत्व विदेशी ताकतों की मदद से पंजाब का माहौल खराब करने की बात कर रहे थे और नफरत भरे भाषण दे रहे थे. उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.’
In last few days, some elements were talking to spoil the environment of Punjab with the help of foreign powers & were giving hateful speeches. Action has been taken against them and they have been arrested and strict punishment will be given to them: Punjab CM Bhagwant Mann on… https://t.co/TwK3UgVgzk pic.twitter.com/1j2lK5YxeM
— ANI (@ANI) March 21, 2023
उन्होंने आगे कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें सख्त सजा दी जाएगी. कोई भी ऐसी ताकत जो देश के खिलाफ पंजाब में पनप रही हो, उसे हम बख्शेंगे नहीं.
#WATCH | …Action has been taken against them and they have been arrested, strict punishment will be given to them…Those who will try to disturb Punjab’s peace will be severely dealt with: Punjab CM Bhagwant Mann on action taken against Amritpal Singh & his associates pic.twitter.com/cP1fCBchUu
— ANI (@ANI) March 21, 2023
वारिस पंजाब दे संगठन
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाबी अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू, जिन्हें 26 जनवरी, 2021 को लाल किले पर किसानों के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया था, ने जमानत मिलने के बाद वारिस पंजाब दे नामक संगठन की स्थापना की थी.
संगठन का घोषित उद्देश्य ‘पंजाब के अधिकारों’ के लिए लड़ना था. हालांकि पिछले साल एक दुर्घटना में दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने खुद को इस संगठन का नेता घोषित कर दिया था.
हाल ही में दीप सिद्धू के भाई मनदीप ने आरोप लगाया था कि खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल उनके भाई के नाम का ‘दुरुपयोग’ कर रहा है. उन्होंने कहा था, ‘दीप ने साफ कहा था कि बातचीत ही एकमात्र रास्ता है, लेकिन अमृतपाल साफ तौर पर युवाओं से हथियार उठाने को कह रहा है.’