बीते 19 मार्च को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में लगे तिरंगे को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हटा दिया था. इस घटना के विरोध में भारत ने अपने राजनयिक परिसर की सुरक्षा के प्रति ब्रिटेन पर ‘उदासीनता’ का आरोप लगाया था. हालांकि इस घटना के बाद खालिस्तान समर्थकों ने फिर भारतीय उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया.
नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय झंडा हटाए जाने के तीन दिन बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई में दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास के बाहर लगे सुरक्षा अवरोधकों (बैरिकेड) को हटा दिया है.
Delhi | Barricades removed from outside the British High Commission. pic.twitter.com/54sfrJ8h7E
— ANI (@ANI) March 22, 2023
रविवार (बीते 19 मार्च को) को लंदन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय ध्वज को एक खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी द्वारा नीचे उतार दिया गया था.
भारत ने विरोध दर्ज कराने के लिए भारत में ब्रिटेन के उप-उच्चायुक्त को तलब कर अपना विरोध दर्ज कराया था और ब्रिटिश सरकार पर राजनयिक परिसरों की सुरक्षा के प्रति ‘उदासीनता’ का आरोप लगाया था.
सोमवार (20 मार्च) को ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने ‘चिंतित भारती समुदाय के नेताओं’ के साथ बातचीत की और उच्चायोग पर हमले के बाद उनके द्वारा दिखाई गई एकजुटता की सराहना की.
एक दिन बाद दोरईस्वामी ने पंजाब की स्थिति और खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के प्रयासों के बारे में एक वीडियो जारी किया था.
HC @VDoraiswami addressing on the situation in Punjab. @MEAIndia @sujitjoyghosh @ANI @ndtv @CGI_Bghm pic.twitter.com/KA4kOBUQ8d
— India in the UK (@HCI_London) March 21, 2023
अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने बीते 18 मार्च को तलाशी अभियान शुरू किया था, लेकिन अब तक उसे सफलता नहीं मिल सकी है, जबकि उसके सैकड़ों समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने उस पर और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ पर आरोप लगाया है कि वह कट्टरपंथी विचारधारा फैलाकर शांति और सद्भाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. उस पर पाकिस्तानी ख़ुफिया एजेंसी आईएसआई और विदेशों स्थित कुछ आतंकवादी समूहों के साथ घनिष्ठ संबंध होने का भी आरोप है.
वहीं, 21 मार्च को कुछ भारतीय लंदन में भारतीय उच्चायोग के पास एकत्रित हुए और सिख समूहों द्वारा भारतीय झंडा हटाए जाने का विरोध जताया.
Indians gather outside the @HCI_London with tiranga and ‘jai ho’ chants to protest against the disrespect to India’s flag by Khalistanis on Sunday. pic.twitter.com/uFnopugUjW
— Ruhi Khan ⚡️ (@khanruhi) March 21, 2023
हमले के तीन दिन बाद 22 मार्च को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के गेट के बाहर वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने वाले लंबे कंक्रीट के ब्लॉक हटा दिए गए. इसी तरह राजाजी मार्ग में ब्रिटिश उच्चायुक्त के आवास पर कोई अवरोधक नहीं था.
आखिरी बार भारत ने ऐसा कदम तब उठाया था, जब 2013 में अमेरिकी दूतावास के बाहर सुरक्षा बैरिकेड्स को हटाने के लिए क्रेन/बुलडोजर का इस्तेमाल हुआ था. उस समय भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को भारत के एक घरेलू कामगार के साथ कथित दुर्व्यवहार के लिए गिरफ्तार किया गया था और शरीर की तलाशी ली गई थी और वीजा धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करना पड़ा था.
ब्रिटिश उच्चायोग के खिलाफ उठाए गए ‘जैसे को तैसा’ कदम पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
ब्रिटिश उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम सुरक्षा मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं.’
अधिकांश देशों की तरह राजनयिक मिशनों की बाहरी परिधि की सुरक्षा स्थानीय पुलिस द्वारा नियंत्रित की जाती है.
संयोगवश, भारत ने अमेरिकी चार्ज डी. अफेयर्स (राजदूत की गैर मौजूदगी में विदेशी देश में एक राजनयिक मिशन के प्रमुख के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया व्यक्ति) को भी विदेश मंत्रालय बुलाकर सैन फ्रांसिस्को के वाणिज्य दूतावास के दरवाजों और खिड़कियों को पहुंचाए गए नुकसान को लेकर विरोध दर्ज कराया था. लेकिन अमेरिकी दूतावास के बाहर अभी सुरक्षा अवरोधक अपनी जगह पर बने हुए हैं और यह देखा जाना बाकी है कि क्या जल्द ही इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी.
10 साल पहले खोबरागड़े संकट के दौरान भारत ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संपर्क कम कर दिया था. अब तक, यह होता नहीं दिखता है. बीते बुधवार को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने ऊर्जा सुरक्षा विभाग और नेट जीरो के लिए ब्रिटेन के शीर्ष अधिकारी से मुलाकात की.
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लंदन में ख़ालिस्तानी समूहों ने भारतीय उच्चायोग पर फिर प्रदर्शन किया
बीते बुधवार (22 मार्च) को कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह के समर्थन में लंदन में भारतीय उच्चायोग में खालिस्तान समर्थकों ने एक और प्रदर्शन आयोजित किया. हालांकि पुलिस प्रदर्शनकारियों को इमारत से दूर रखने में सफल रही. इसी इमारत पर हाल ही में विरोध के दौरान हमला किया गया था.
लंदन की पत्रकार रूही खान के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा उच्चायोग पर स्मोक बम और बोतलें फेंकी गईं. उन्होंने बताया कि 19 मार्च के विरोध प्रदर्शन जैसी ‘हिंसा और तोड़फोड़ की पुनरावृत्ति न होना सुनिश्चित करने’ के लिए भारी पुलिस बल की उपस्थिति के बीच बुधवार को उच्चायोग की सड़क पर प्रदर्शन किया गया.
विरोध प्रदर्शन की तस्वीरों और वीडियो में लोगों को पीले, काले और नीले झंडे लहराते हुए दिखाया गया, जिन पर ‘खालिस्तान’ लिखा हुआ था.
Another pro-Khalistan protest @HCI_London.
This time they are across the road and a heavy police presence outside the India House building to ensure no repeat of violence and vandalism in London. #AmritpalSingh pic.twitter.com/OtScvG8pcZ
— Ruhi Khan ⚡️ (@khanruhi) March 22, 2023
More flares and pushing at the barrier and more police officers. pic.twitter.com/WJX5vyuMR6
— Sriram Lakshman (@slakster) March 22, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विरोध को देखते हुए लंदन के और भी पुलिस अधिकारियों को उच्चायोग में तैनात किया गया है.
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