‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बीते 24 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. इसके ख़िलाफ़ तृणमूल कांग्रेस, सपा, बीआरएस, शिवसेना, राजद, वाम दलों सहित अन्य दलों के नेताओं ने इस तरह के सत्तावादी हमलों का विरोध करने और उन्हें हराने का आग्रह किया है.
नई दिल्ली: 2019 के ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा सांसद के रूप में अपनी अयोग्यता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह ‘भारत की आवाज के लिए लड़ रहे हैं और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं’.
मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं।
मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 24, 2023
कई विपक्षी नेताओं इस कदम की आलोचना करते हुए इसे अलोकतांत्रिक बताया है. वहीं कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कदम की निंदा की और नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘लोकतंत्र की हत्या’ करने का आरोप लगाया.
शनिवार को पश्चिम बंगाल प्रदेश यूथ कांग्रेस ने संसद के सदस्य के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के खिलाफ धर्मतला (एस्पलेनैड) में विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस ने इसके विरोध में नई दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी ट्रेन को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर रोककर प्रदर्शन किया.
https://twitter.com/ANI/status/1639517304391192577
राहुल गांधी की अयोग्यता की घोषणा करने वाली अधिसूचना की एक प्रति साझा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया, अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर और अपील प्रक्रिया में होने के दौरान इस कार्रवाई और इसकी तेजी से मैं हैरान हूं. यह निर्ममता से ओतप्रोत राजनीति है और यह हमारे लोकतंत्र के लिए अशुभ संकेत है.
I’m stunned by this action and by its rapidity, within 24 hours of the court verdict and while an appeal was known to be in process. This is politics with the gloves off and it bodes ill for our democracy. pic.twitter.com/IhUVHN3b1F
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 24, 2023
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘विडंबना: राहुल गांधी ने सिर्फ ब्रिटेन के लोगों को भारतीय लोकतंत्र का हाल बतलाने की कोशिश की और इधर भाजपा सरकार ने अपनी प्रतिक्रियाओं से सारे संसार को हमारे लोकतंत्र के असल हालात को बतलाने का फैसला कर लिया.’
Ironic: @RahulGandhi only tried to convey the state of Indian democracy to a British audience. The BJP government, though, through its actions, decided to reveal its bare condition to the whole world.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 24, 2023
राहुल गांधी को अयोग्य घोषित करने संबंधित कई विदेशी अखबारों में प्रकाशित खबर को साझा करते हुए शनिवार को एक अन्य ट्वीट में थरूर ने कहा, ‘उन्होंने एक आवाज को चुप कराने की कोशिश की. अब दुनिया का हर कोना भारत की आवाज सुनता है.’
They tried to silence a voice. Now every corner of the world hears the voice of India. pic.twitter.com/HQ71nLwxW0
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) March 25, 2023
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राहुल की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पूछा कि सरकार अडानी मामले की जांच से क्यों बच रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी रगों में शहीदों का खून है, जो इस देश के लिए बहा है. हम डट कर लड़ेंगे, हम डरने वाले नहीं हैं. राहुल गांधी जी के अडानी-मोदी के संबंधों पर सरकार जवाब देना नहीं चाहती और उनके खिलाफ कार्यवाही उसी का नतीजा है.’
हमारी रगों में शहीदों का खून है, जो इस देश के लिए बहा है – हम डट कर लड़ेंगे, हम डरने वाले नहीं हैं।
राहुल गांधी जी के अडानी – मोदी के संबंधों पर सरकार जवाब देना नहीं चाहती और उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही उसी का नतीजा है।
: @priyankagandhi जी pic.twitter.com/Qd0M6eTGeS
— Congress (@INCIndia) March 24, 2023
उन्होंने सवाल किया, ‘नीरव मोदी घोटाला – 14,000 करोड़, ललित मोदी घोटाला – 425 करोड़, मेहुल चोकसी घोटाला – 13,500 करोड़. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है?
जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?’
नीरव मोदी घोटाला- 14,000 Cr
ललित मोदी घोटाला- 425 Cr
मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 Crजिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, भाजपा उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है?
जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं।क्या भाजपा भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 24, 2023
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को ‘निंदनीय’ करार दिया. एक ट्वीट में उन्होंने लोगों से ‘इस तरह के सत्तावादी हमलों का विरोध करने और उन्हें हराने’ का आग्रह किया है.
उन्होंने लिखा, ‘यह निंदनीय है कि भाजपा अब विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए आपराधिक मानहानि का रास्ता अपना रही है, जैसा कि अभी राहुल गांधी के साथ किया गया. यह विपक्ष के खिलाफ ईडी/सीबीआई के घोर दुरुपयोग से भी बढ़कर है. ऐसे सत्तावादी हमलों का विरोध करें और उन्हें हराएं.’
It’s condemnable that the BJP is now using the criminal defamation route to target opposition leaders and disqualify them as done with @RahulGandhi now. This comes on top of the gross misuse of ED/CBI against the opposition.
Resist and defeat such authoritarian assaults. pic.twitter.com/zJV8Y6cEs1— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) March 24, 2023
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी की अयोग्यता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह ‘तानाशाही के अंत की शुरुआत’ को चिह्नित करेगा.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी की उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. चोर कहना हमारे देश में अपराध हो गया है. चोर और लुटेरे अभी भी आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा मिल गई. यह लोकतंत्र की सीधी हत्या है. सभी सरकारी तंत्र दबाव में हैं. यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है. केवल लड़ाई को दिशा देनी है.’
https://twitter.com/ANI/status/1639206601666985986
राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को ‘प्रतिशोधी और शर्मनाक’ करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘यह हमारे देश के लोगों को महसूस करना है कि आज भाजपा जनता के जनादेश पर आए एक सांसद को अयोग्य ठहराने को न्यायसंगत और लोकतांत्रिक मानती है. कल वे लोगों के मतदान के अधिकार को भी अयोग्य घोषित करने की भी कोशिश करेंगे. इसके खिलाफ आवाज उठाइए और संघर्ष कीजिए!’
It is for the people of our country to realise that today BJP considers it just & democratic to disqualify an MP who came on people’s mandate, tomorrow they will move in to disqualify people’s voting rights too. Speak up & fight! pic.twitter.com/63dcW1hQib
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) March 24, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई ने भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के हवाले से राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को ‘नरेंद्र मोदी के अहंकार और शर्म की पराकाष्ठा’ करार दिया.
उन्होंने कहा, ‘आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन है। राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा है. यह पार्टियों के बीच संघर्ष का समय नहीं है. सभी लोकतंत्रवादियों को देश में लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए भाजपा सरकार के कुकृत्यों की खुले तौर पर निंदा करनी चाहिए.’
https://twitter.com/ANI/status/1639236965852762112
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने भी राहुल गांधी की अयोग्यता की आलोचना करते हुए इसे ‘भारत में संवैधानिक स्वतंत्रता के ताबूत में आखिरी कील’ के रूप में वर्णित किया. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा करती है.
The AITC strongly condemn the developments that have unfolded. @RahulGandhi ‘s disqualification is the last nail in the coffin for constitutional freedoms in India.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) March 24, 2023
कांग्रेस पार्टी के आलोचक रहे समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि अगर एक ‘ईमानदार’ जांच होती है, तो भाजपा के कई नेता अपने भाषणों और टिप्पणियों के लिए अयोग्य घोषित हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई का उद्देश्य भाजपा की निगरानी में महंगाई, बेरोजगारी और भाई-भतीजावाद जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना है.
एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘देश की मानहानि, जनता की मानहानि, सौहार्द की मानहानि, संविधान की मानहानि, अर्थव्यवस्था की मानहानि. भाजपा पर उपरोक्त न जाने कितने प्रकार के मानहानि के मुकदमे होने चाहिए. विपक्ष को नगण्य मुकदमों में फंसाकर अपना राजनीतिक भविष्य साधने वाली भाजपा विपक्ष की ताकत से डर गई है.’
देश की मानहानि
जनता की मानहानि
सौहार्द की मानहानि
संविधान की मानहानि
अर्थव्यवस्था की मानहानिभाजपा पर उपरिलिखित न जाने कितने प्रकार के मानहानि के मुक़दमे होने चाहिए। विपक्ष को नगण्य मुक़दमों में फँसाकर अपना राजनीतिक भविष्य साधनेवाली भाजपा विपक्ष की ताक़त से डर गयी है।…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 23, 2023
अखिलेश ने यह भी लिखा, संसद की सदस्यता के अपहरण से राजनीतिक चुनौती खत्म नहीं हो जाती. सबसे बड़े आंदोलन संसद नहीं; सड़क पर लड़कर जीते गए हैं. जिन महोदय ने मानहानि का दावा किया है, दरअसल ये उन्हें अपने उन लोगों पर करना चाहिए जो अपने देश को धोखा देकर विदेश भाग गए, जिससे उनके नाम-मान को हानि पहुंची है.
संसद की सदस्यता के अपहरण से राजनीतिक चुनौती ख़त्म नहीं हो जाती। सबसे बड़े आंदोलन संसद नहीं; सड़क पर लड़कर जीते गये हैं।
जिन महोदय ने मानहानि का दावा किया है दरअसल ये उन्हें अपने उन लोगों पर करना चाहिए जो अपने देश को धोखा देकर विदेश भाग गये, जिससे उनके नाम-मान को हानि पहुँची है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 24, 2023
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राहुल गांधी के खिलाफ उठाए गए कदम को देश की ‘प्रगतिशील लोकतांत्रिक ताकतों पर हमला’ बताया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘कार्रवाई का यह डराने वाला तरीका यह संदेश देता है कि राष्ट्रीय राजनीतिक दल के नेता और सांसद को भी अपनी राय व्यक्त करने का लोकतांत्रिक अधिकार नहीं है.’
स्टालिन ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को मिले समर्थन से भाजपा बौखला गई है. इससे पता चलता है कि भाजपा नेतृत्व राहुल गांधी से किस हद तक डरा हुआ है. केंद्र संसद में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देने में असमर्थ है. उन्होंने उन्हें इस डर से अयोग्य ठहरा दिया कि संसद में उनकी निरंतर उपस्थिति से भाजपा के लिए राजनीतिक संकट पैदा हो जाएगा.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने ट्विटर पर लिखा, ‘#ताजामेडिकलअपडेट: लोकतंत्र को मृत घोषित कर दिया गया है. आरआईपी’
भाजपा नेताओं धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर के बयान को साझा करते हुए एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, विडंबना यह है कि यह एक जेंटलमैन की ओर से आया है, जिन्होंने कहा था, गोली मारो सा** को. यह ‘लोकतंत्र के स्वास्थ्य’ के बारे में एक रिपोर्ट कार्ड है. जय हिंद.’
Ironically it comes from a GENTLEMAN who went on to say..Goli Maro Salo Ko…(गोली मारो सालों को ..)..this is a report card about 'Health of Democracy'….Jai Hind https://t.co/pRuzopxSpo
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) March 24, 2023
इस कदम को ‘लोकतंत्र पर हिंसक हमला’ बताते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का ‘जल्दबाजी में’ निर्णय लोकतंत्र पर संघ परिवार के हमले का ‘नवीनतम अध्याय’ है. न्यूज़क्लिक के अनुसार, विजयन ने एक बयान में कहा, ‘असहमति को बलपूर्वक दबाना एक फासीवादी तरीका है.’
द स्टेट्समैन के अनुसार, पंजाब के शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई को ‘मनमाना’ बताया और कहा कि यह एक स्वस्थ लोकतंत्र के हित में नहीं है और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ है.
इस कदम को ‘जल्दबाजी भरा’ करार देते हुए पार्टी ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस नेता को अदालत के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए था और लोकसभा अध्यक्ष को इस तरह से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए था.
पार्टी ने कहा, ‘इससे ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार पक्षपातपूर्ण और तानाशाही तरीके से काम कर रही है.’
मालूम हो कि बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.
हालांकि इसके कुछ ही देर बाद अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर राहुल गांधी की जमानत मंजूर कर ली और उन्हें अपील करने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी.
राहुल के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा 13 अप्रैल, 2019 को केस दर्ज कराया गया था. उन्होंने कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के समय एक रैली में राहुल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत की थी.
राहुल गांधी ने कथित तौर पर रैली के दौरान कहा था, ‘सभी चोर, चाहे वह नीरव मोदी हों, ललित मोदी हों या नरेंद्र मोदी, उनके नाम में मोदी क्यों है.’
दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि वायनाड से सांसद राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
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