‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद बीते 24 मार्च को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इंडिया कॉकस के डेमोक्रेट सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘भारतीय लोकतंत्र की ख़ातिर’ इस निर्णय को उलटने का आग्रह किया है.
नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में इंडिया कॉकस के डेमोक्रेट सह-अध्यक्ष रो खन्ना ने राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित कर उन्हें हटाने के कदम को भारत के ‘मूल्यों’ के साथ ‘विश्वासघात’ बताया है.
खन्ना को पिछले महीने 118वीं कांग्रेस में कांग्रेसनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकन्स का सह-अध्यक्ष चुना गया था. वह पिछले साल नवंबर में कैलिफोर्निया से लगातार चौथी बार चुने गए थे.
उन्होंने लिखा, ‘संसद से राहुल गांधी का निष्कासन गांधीवादी दर्शन और भारत के मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है. यह वह नहीं है, जिसके लिए मेरे दादाजी ने कई साल जेल में बिताए थे.’
खन्ना ने भारतीय प्रधानमंत्री से भी इसके खिलाफ रुख अपनाने की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘नरेंद्र मोदी आपके पास भारतीय लोकतंत्र की खातिर इस फैसले को पलटने की ताकत है.’
The expulsion of Rahul Gandhi from parliament is a deep betrayal of Gandhian philosophy and India’s deepest values. This is not what my grandfather sacrificed years in jail for. @narendramodi you have the power to reverse this decision for the the sake of Indian democracy. https://t.co/h85qlYMn1J
— Ro Khanna (@RoKhanna) March 24, 2023
इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने से पहले हिंदुत्व के खिलाफ बोलने वाले रो खन्ना ने कहा कि वह रणनीतिक साझेदारी को पूरा करने के लिए काम करेंगे और हमें भारत में लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नेतृत्व का सम्मान करना होगा.
उन्होंने एनबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं इन मानवाधिकार मूल्यों को बरकरार रखते हुए इसे मजबूत करने के लिए काम करूंगा.’
इंडिया कॉकस प्रतिनिधि सभा में सांसदों का सबसे बड़ा देश-विशिष्ट द्विदलीय गठबंधन है. अमी बेरा के बाद रो खन्ना इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष बनने वाले दूसरे भारतीय-अमेरिकी हैं.
अमेरिकी सीनेटर क्रिस वैन होलेन ने यह कहते हुए ट्वीट किया, ‘भारत के एक मित्र के रूप में यह खबर चिंताजनक है. एक स्वस्थ लोकतंत्र में आप विपक्ष को चुप नहीं कराते – आप उनके साथ बहस करते हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र के लिए आवश्यक है और विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत पहले ही 180 देशों की सूची में 150वें स्थान पर गिर गया है. यह गलत दिशा में एक और कदम है.
As a friend of India, this news is alarming. In a healthy democracy, you don’t silence opposition — you debate them. Free speech is essential to democracy & India has already fallen to #150 out of #180 in the World Press Freedom Index. This is another step in the wrong direction. https://t.co/r74urgJz7I
— Senator Chris Van Hollen (@ChrisVanHollen) March 24, 2023
मालूम हो कि बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.
हालांकि इसके कुछ ही देर बाद अदालत ने 15,000 रुपये के मुचलके पर राहुल गांधी की जमानत मंजूर कर ली और उन्हें अपील करने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी.
राहुल के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा 13 अप्रैल, 2019 को केस दर्ज कराया गया था. उन्होंने कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के समय एक रैली में राहुल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत की थी.
राहुल गांधी ने कथित तौर पर रैली के दौरान कहा था, ‘सभी चोर, चाहे वह नीरव मोदी हों, ललित मोदी हों या नरेंद्र मोदी, उनके नाम में मोदी क्यों है.’
दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि वायनाड से सांसद राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
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