सदस्यता रद्द होने के बाद बोले राहुल गांधी- पूछता रहूंगा कि अडानी का मोदी जी से क्‍या र‍िश्‍ता है

लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि 'मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. मैं किसी से नहीं डरता हूं. सवाल करता रहूंगा.'

कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (स्क्रीनग्रैब साभार: यूट्यूब/कांग्रेस)

लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किए जाने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. मैं किसी से नहीं डरता हूं. सवाल करता रहूंगा.’

शनिवार की प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी. (स्क्रीनग्रैब साभार: यूट्यूब/कांग्रेस)

नई दिल्ली: लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के एक दिन बाद कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वे भाजपा या प्रधानमंत्री से नहीं डरते हैं और वे देश के लोकतांत्रिक बचाने के लिए इस कार्रवाई के बाद भी सवाल करना जारी रखेंगे.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल के साथ इस प्रेस वार्ता में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे.

राहुल गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने आपसे कई बार कहा है कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है और हमें रोज इसका एक नया उदाहरण देखने को मिल रहा है. मैंने सवाल सिर्फ एक पूछा था- अडानी जी की शेल कंपनियां हैं,  उसमें किसी ने 20 हज़ार करोड़ रुपये लगाए हैं और यह अडानी जी का पैसा नहीं है. मैंने यही पूछा कि यह पैसे किसके हैं?’

उन्होंने आगे कहा, ‘यह सवाल मैंने संसद में मीडिया से निकाले गए दस्तावेजों के आधार पर पूछा, मोदी जी और अडानी जी के रिश्ते के बारे में पूछा. मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया. मैंने लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी, कोई फर्क नहीं पड़ा.’

उन्होंने ,आगे कहा, ‘फिर मेरे बारे में मंत्रियों ने संसद में झूठ बोला, कहा कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी. मैंने ऐसी कोई बात नहीं की है. मैंने स्पीकर से जाकर कहा कि सर, संसद का नियम है कि अगर किसी सदस्य पर कोई आरोप लगाता है, तो उसे जवाब देने का हक होता है. मैंने एक चिट्ठी लिखी. उस चिट्ठी का जवाब नहीं आया. दूसरी चिट्ठी लिखी, उस चिट्ठी का जवाब नहीं आया. मैं स्पीकर के चेंबर में गया, कहा, स्पीकर सर, ये कानून है, ये नियम है… आप मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं? स्पीकर सर मुस्कुराते हुए कहते हैं, मैं नहीं कर सकता. और फिर उसके बाद आपने देखा कि क्या हुआ.’

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं सवाल पूछना बंद नहीं करुंगा. नरेंद्र मोदी जी का अडानी के साथ क्या रिश्ता है और 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं? मैं पूछता जाऊंगा, मुझे कोई डर नहीं लगता है इन लोगों से और अगर ये सोचें कि मुझे सदस्यता रद्द करके, धमकाकर, जेल में डाल कर मुझे बंद कर सकते हैं, तो यह नहीं होगा, मेरा ऐसा इतिहास नहीं है.’

उन्होंने जोड़ा, ‘मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा. किसी चीज से नहीं डरता हूं.’

ज्ञात हो कि बीते 23 मार्च को गुजरात में सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी कथित ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ दायर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी.

हालांकि इसके कुछ ही देर बाद अदालत ने गांधी की जमानत मंजूर कर ली और उन्हें अपील करने की अनुमति देने के लिए 30 दिनों के लिए सजा पर रोक लगा दी.

राहुल के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी द्वारा 13 अप्रैल, 2019 को केस दर्ज कराया गया था. उन्होंने कर्नाटक के कोलार में लोकसभा चुनाव के समय एक रैली में राहुल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर शिकायत की थी.

राहुल गांधी ने कथित तौर पर रैली के दौरान कहा था, ‘सभी चोर, चाहे वह नीरव मोदी हों, ललित मोदी हों या नरेंद्र मोदी, उनके नाम में मोदी क्यों है.’

दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया. लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया था कि वायनाड से सांसद राहुल गांधी को 23 मार्च 2023 से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

शनिवार की प्रेस वार्ता में सजा सुनाए जाने के फैसले को चुनौती देने से जुड़े सवाल पर गांधी ने कहा कि वह कानूनी मामले पर टिप्पणी नहीं करेंगे.

राहुल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी अडानी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश करती है कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी, कभी कुछ और, मगर सवाल यही है 20,000 करोड़ रुपये किसका था?’

विपक्ष द्वारा समर्थन करने के सवाल पर गांधी ने कहा, ‘मैं सब विपक्षी दलों का धन्‍यवाद करता हूं कि उन्‍होंने इस बात में हमारा साथ दिया. हम सब मिलकर काम करेंगे.’ इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने इस कदम से विपक्षी दलों को एक बड़ा हथियार मिल गया है जिसका उन्हें फायदा मिलेगा.

उन्होंने एक सवाल के उत्तर में कहा, ‘मुझे सदस्यता मिले या नहीं मिले. मुझे स्थायी रूप से अयोग्य ठहरा दें, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि संसद के अंदर रहूं या नहीं रहूं. मैं सच्चाई को देखता हूं, सच्चाई बोलता हूं. यह बात मेरे खून में है…यह मेरी तपस्या है, उसको मैं करता जाऊंगा. चाहे मुझे अयोग्य ठहराएं, मारे-पीटें, जेल में डालें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, मुझे अपनी तपस्या करनी है.’

उनसे एक पत्रकार ने सवाल किया था कि भाजपा नेता लगातार कह रहे थे कि राहुल गांधी माफ़ी मांग लें, इस पर गांधी ने जवाब दिया, ‘… मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, गांधी किसी से माफी नहीं मांगता.’

उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों के इस फैसले पर प्रतिक्रिया को लेकर गांधी ने कहा कि वायनाड की जनता से उनका पारिवारिक रिश्ता है और वे  वायनाड के लोगों से चिट्ठी लिखकर अपने दिल की बात करेंगे.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq