भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी भाजपा विरोधी संगठनों के बीच एकता का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने किया है.

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सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फोटो साभार: फेसबुक/@yadavakhilesh)

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सभी भाजपा विरोधी संगठनों के बीच एकता का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने किया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव. (फोटो साभार: फेसबुक/@yadavakhilesh)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि 2024 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए, सभी भाजपा विरोधी संगठनों के बीच एकता का आह्वान किया.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अखिलेश यादव ने कहा, ‘कई क्षेत्रीय दल अपने-अपने राज्यों में दिग्गज हैं, जो भाजपा के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं. भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले इन सभी क्षेत्रीय दिग्गजों को साथ आना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को विभिन्न राज्यों में संबंधित क्षेत्रीय दलों का समर्थन करना चाहिए. अब समय आ गया है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों को आगे रखे और भाजपा को हराने के लिए क्षेत्रीय दलों का समर्थन करे.’

अखिलेश यादव का यह बयान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित किए जाने के एक दिन बाद आया है.

यादव ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी हर स्तर पर भाजपा के खिलाफ लड़ रही है और संघर्ष कर रही है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा भाजपा को हरा देगी. यूपी और देश को भाजपा से छुटकारा दिलाने के लिए सभी लोगों को समाजवादी पार्टी का समर्थन करना चाहिए. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘क्षेत्रीय दल 2024 के लोकसभा चुनावों में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं और इससे भाजपा का सफाया हो जाएगा.’

उन्होंने एक बयान में कहा कि सपा ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका जिम्मेदारी से निभाई है और आगे भी निभाती रहेगी.

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग करके देश में विपक्षी दलों का दमन कर रही है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा जिस तरह से काम कर रही है, वह सभी को पता है और इन सबका देश की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा.’

नवभारत टाइम्स के अनुसार उन्होंने जोड़ा, ‘राष्ट्रीय दलों को यह भूल जाना चाहिए कि क्षेत्रीय दल उनका कोई नुकसान कर रहे हैं. अगर कभी क्षेत्रीय दलों का नुकसान हुआ है तो दिल्ली की सरकारों ने हमेशा उनका नुकसान किया है. आज सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग क्षेत्रीय दलों को निशाना बना रहे हैं. चाहे नेताजी हों, लालू प्रसाद यादव जी हों, जयललिता रही हों, चाहे आज स्टालिन हों, केसीआर हों, चाहे दिल्ली की आम आदमी पार्टी हो. इसलिए राष्ट्रीय पार्टियों के लिए क्षेत्रीय पार्टियां खतरा नहीं है बल्कि स्थिति यह आ गई है कि क्षेत्रीय पार्टियां राष्ट्रीय पार्टियों का मुकाबला करेंगी.’

अख़बार के अनुसार, सपा प्रमुख ने यह भी कहा, ‘गठबंधन बनाना हमारा काम नहीं है. गठबंधन के साथ सहयोग करना हमारा काम है.’

यादव ने 2017 में राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से उत्तर प्रदेश में सपा विधायकों के खिलाफ गांधी की अयोग्यता और इसी तरह की कार्रवाई के बीच समानताएं बताईं. उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासन ने आजम खान जैसे सपा विधायकों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए और उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया.

इससे पहले, यादव ने शुक्रवार (24 मार्च) को कहा था कि गांधी की अयोग्यता महंगाई, बेरोजगारी और भारत के पैसे डूबाने वाले ‘कारोबारी दोस्तों’ जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए भाजपा की रणनीति है.

यादव ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में भाजपा ने समाजवादी पार्टी के कई नेताओं की सदस्यता छीन ली है. आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता की सदस्यता छीन ली गई है. अगर हम सब कुछ इस तरह से देखें तो बहुत सारे भाजपा सदस्य भी अयोग्य हो जाएंगे. अगर निष्पक्ष जांच की जाए तो भाजपा के बहुत सारे सदस्य जिस तरह की भाषा और बयान देते हैं, उसके लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.’

यादव ने कहा, ‘जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई है, उसने पहले झूठे मामले दर्ज करने के लिए प्रशासन और सरकार की मदद ली है और फिर कई मौकों पर प्रशासन और सरकार दोनों ने मिलकर सपा नेताओं (विधानसभा) की सदस्यता छीन ली.’

उन्होंने कहा कि आजम खान साहब ने अपनी सदस्यता खो दी और इसी तरह उनके बेटे अब्दुल्ला ने भी. इसी तरह कानपुर में इरफान सोलंकी जैसे मौजूदा विधायक के खिलाफ मामले दर्ज किए गए.

मालूम हो कि अक्टूबर 2022 में एक अदालत द्वारा 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद आजम खान को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. अब्दुल्ला आज़म खान को फरवरी 2023 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके कुछ दिनों बाद एक अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी.

इसी बीच, यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस पूरे देश में भाजपा से लगातार लड़ रही है. अखिलेश यादव जी सिर्फ यूपी में लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव जी को भी बड़ा दिल दिखाना चाहिए और कांग्रेस को समर्थन देना चाहिए. भाजपा को बाहर करना एकमात्र कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है.’