‘हिंदू राष्ट्र’ की बात करने वालों पर कार्रवाई नहीं होती, सिख युवाओं पर रासुका लग रहा: अकाल तख़्त

बीते सोमवार को सिखों की शीर्ष संस्था अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल सिंह की तलाश के दौरान गिरफ़्तार किए गए सभी सिख युवाओं को छोड़ने के लिए पंजाब सरकार को एक अल्टीमेटम जारी किया था. उन्होंने सभी सिखों को 'आतंकवादी' बताने के लिए राष्ट्रीय मीडिया की भी आलोचना की है.

Akal Takht Jathedar Giani Harpreet Singh. Photo: Facebook

बीते सोमवार को सिखों की शीर्ष संस्था अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल सिंह की तलाश के दौरान गिरफ़्तार किए गए सभी सिख युवाओं को छोड़ने के लिए पंजाब सरकार को एक अल्टीमेटम जारी किया था. उन्होंने सभी सिखों को ‘आतंकवादी’ बताने के लिए राष्ट्रीय मीडिया की भी आलोचना की है.

अकाल तख़्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक)

चंडीगढ़: सिखों की शीर्ष संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सोमवार को अमृतपाल सिंह की तलाश के दौरान गिरफ़्तार किए गए सभी सिख युवाओं को छोड़ने के लिए पंजाब सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसकी समय सीमा बीतने के करीब आने पर अकाल तख्त सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि जत्थेदार के निर्देश के अनुसार, सिख ‘संगत’ समुदाय के प्रति सरकार के कठोर रुख को उजागर करने के लिए गांवों, शहरों और विदेश में सार्वजनिक प्रदर्शन करेगी.

शीर्ष सिख धर्मगुरु ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से सोमवार को दिए अपने संबोधन में कहा, ‘सिखों का शिकार करना और उन्हें बदनाम करना बंद करो.’ उन्होंने इस दौरान सभी सिखों को ‘आतंकवादी’ बताने के लिए राष्ट्रीय मीडिया की भी आलोचना की.

पंजाब सरकार को अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) पर सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर ‘पुलिस कार्रवाई में ज्यादती’ करने का आरोप लगाया.

उनका मानना था कि इसने राष्ट्रीय मीडिया को सिखों को आतंकवादी बताने और पूरे समुदाय को बदनाम करने का मौका दिया.

जत्थेदार ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जहां एक ओर हिंदू राष्ट्र के बारे में भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, वहीं लोकतांत्रिक तरीके से अपने विचार व्यक्त करने वाले सिख युवाओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) जैसे कठोर कानून थोपे जा रहे हैं.

उनके संबोधन के बाद शिरोमणि अकाली दल का एक बयान आया जिसमें दावा किया गया कि आप सरकार पंजाब को बदनाम करने वाली पार्टी बन गई है और सभी मोर्चों पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ मिलकर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है.

बचाव में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों की स्क्रीनिंग चल रही है और कई को रिहा किया जा रहा है, अमृतपाल पर कार्रवाई जरूरी और कानून के मुताबिक है.

मान ने कहा कि अमृतपाल पंजाब में सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है, जो पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष पंजाब पुलिस के दावे के अनुरूप है. पुलिस ने कहा था कि अमृतपाल, जिसे अब भगोड़ा घोषित कर दिया गया है, कट्टरपंथी विचारधाराओं और अलगाववादी मांगों के प्रति खुली आस्था दिखा रहा था, और खालिस्तान नामक अलग राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक तरीके समेत सभी माध्यमों का इस्तेमाल कर प्रचार कर रहा था.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पंजाब में आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने जत्थेदार को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि सिख प्रचारक ईमानदारी से गुरुओं के संदेश का प्रचार करने के लिए काम करें और युवाओं को गुमराह न करें.

हालांकि यह देखा जाना बाकी है कि क्या अमृतपाल ऑपरेशन सिख बहुल सीमावर्ती राज्य (जालंधर में जल्द ही उपचुनाव होने हैं) में आप को राजनीतिक रूप से नुकसान पहुंचाता है, क्योंकि अकाल तख्त के जत्थेदार के संबोधन की समुदाय के लिए अपनी प्रासंगिकता होती है.

बहरहाल, ‘भगोड़े’ अमृतपाल की तलाश का ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है. पुलिस अभी भी उसकी तलाश कर रही है और उसके करीबी लोगों को गिरफ्तार कर रही है.

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमृतपाल सिंह के नेपाल में छिपे होने की आशंका है. समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दी जाए और यदि वह भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य नकली पासपोर्ट का उपयोग करके भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए

सोमवार के संबोधन के दौरान जत्थेदार ने और क्या कहा

अकाल तख्त की ओर से सख्त शब्दों में दिए गए संदेश में कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि पुलिस कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किए गए लगभग 400 युवकों में से लगभग आधे अब भी सलाखों के पीछे हैं और उन्हें मंगलवार तक तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.

उन्होंने अमृतपाल के समर्थकों पर लगे एनएसए के आरोपों को तत्काल वापस लेने की भी मांग की.

उन्होंने कहा कि अमृतपाल के बॉडीगार्ड से बरामद प्रतीक और झंडे, जिनके खालिस्तानी होने का दावा किया गया है, वास्तव में महाराजा रणजीत सिंह के खालसा राज और सिख रियासतों से जुड़े हैं.

उन्होंने कहा कि अगर समयसीमा का पालन नहीं हुआ तो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति कानूनी टीम बनाकर पुलिस की गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती देगी.

उन्होंने सिखों के खिलाफ अत्याचारों पर प्रकाश डालने और दुनिया को यह बताने के लिए कि सिखों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है, अकाल तख्त की ओर से एक धार्मिक यात्रा ‘खालसा वाहीर’ शुरू करने का भी आह्वान किया.

पंजाब में मौजूदा तनाव पर चर्चा करने के लिए उनके निमंत्रण पर 50 से अधिक सिख संगठनों के सदस्यों के एकत्र होने के बाद उनका संबोधन आया.

सिखों के एक वर्ग ने सोमवार की बैठक के दौरान अमृतपाल सिंह के पक्ष में नारे लगाए, वहीं, ज्ञानी हरपीत सिंह ने सुरक्षा एजेंसियों से स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या अमृतपाल उनकी हिरासत में है. ज्ञानी हरप्रीत ने कहा कि अगर वह पुलिस की गिरफ्तारी से बच रहे हैं तो उन्हें तुरंत पुलिस के सामने पेश होना चाहिए.

‘राष्ट्रीय मीडिया ने हमें बदनाम किया’

बैठक से उभरने वाला एक और मजबूत संदेश हालिया राष्ट्रीय मीडिया कवरेज में सिख समुदाय और पंजाबियों के चित्रण पर था. पंजाब को बदनाम करने और यहां तक कि सिखों को आतंकवादी बताने के लिए ज्ञानी हरप्रीत सिंह राष्ट्रीय मीडिया पर बरस पड़े. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या हम आतंकवादी हैं?’

उन्होंने एसजीपीसी और अन्य सिख निकायों को राष्ट्रीय मीडिया के एजेंडा पर कड़ा रुख अपनाने और आपराधिक कार्रवाई के लिए उन्हें अदालतों में ले जाने के लिए कहा. उन्होंने यह भी कहा कि जब राष्ट्रीय मीडिया सिखों को बदनाम कर रहा था, पंजाब में सिख पत्रकारों और सिख चैनलों को सेंसर कर दिया गया था, जो एक गहरी साजिश का संकेत देता है.

उन्होंने पंजाब सरकार से कहा कि वह सिख पत्रकारों और उनके समाचार चैनलों को निशाना बनाना और उन्हें परेशान करना बंद करे. उन्होंने कहा कि उनके चैनलों को तुरंत फिर से शुरू किया जाना चाहिए.

उन्होंने जोड़ा कि पूरा सिख समुदाय गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों के साथ खड़ा है और उनकी शीघ्र रिहाई के लिए उनके परिवार के सदस्यों को हर संभव मदद करेगा

बैठक के बाद एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बैठक के दौरान लिए गए फैसलों का एक सेट भी जारी किया. उन्होंने मीडिया को बताया कि अकाल तख्त के नेतृत्व में नशे और पतित जीवनशैली के खिलाफ खालसा वाहीर अभियान चलाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि उन परिवारों को वित्तीय सहायता दी जाएगी जिनके सदस्यों पर पंजाब सरकार द्वारा रासुका लगाया गया है. उन्होंने सिख युवकों की हिरासत और गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए एक कानूनी टीम की भी घोषणा की.

‘अकाल तख्त के जत्थेदार बादल परिवार नियंत्रित एसजीपीसी के हाथों में खेल रहे हैं’

इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत पर आरोप लगाया कि वह ‘बादल (परिवार)-नियंत्रित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी)’ के हाथों में खेल रहे हैं.

द ट्रिब्यून के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘इतिहास बताता है कि बादलों ने अपने निजी फायदे के लिए जत्थेदारों के पद का दुरुपयोग किया है… अच्छा होता अगर आप बेअदबी या गुरु ग्रंथ साहिब के ‘स्वरूपों’ के गायब होने से संबंधित मामलों पर कार्रवाई करने के लिए (सरकार को) अल्टीमेटम जारी करते, न कि खुश और संतुष्ट जनता को भड़काने के लिए.’

मुख्यमंत्री के ट्वीट का जवाब देते हुए अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा, ‘मुख्यमंत्री जी, हम राजनीति पर बाद में चर्चा करेंगे. आइए अब हम पंजाब को बचाएं और मासूम नौजवानों को उनकी मांओं से मिलवाएं और उनका आशीर्वाद लें.’

वहीं, अकाल तख्त के 24 घंटे के अल्टीमेटम के खत्म होने के संबंध में अकाल तख्त सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के निर्देश के अनुसार, सिख ‘संगत’ समुदाय के प्रति सरकार के कठोर रुख को उजागर करने के लिए गांवों, शहरों और विदेश में सार्वजनिक प्रदर्शन करेगी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)