इस कदम के पीछे का तात्कालिक कारण जननायक जनता पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी के साढ़े चार साल के गठबंधन का टूटना बताया जा रहा है. आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट आवंटन में मतभेद को भाजपा-जजपा गठबंधन में दरार का मुख्य कारण माना जा रहा है.
बीते 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा की खनौरी सीमा पर शुभकरण की मौत हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के दौरान हो गई थी. उनकी मौत के कारण किसानों ने ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च को अस्थायी रूप से रोक दिया है. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता और बहन को नौकरी देने की घोषणा की.
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों को चौथे दौर की वार्ता में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर पांच फसलें खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि यह अनुबंध खेती का प्रस्ताव था, जो पहले ही विफल हो चुकी है. यह किसानों को स्थायी आय की गारंटी नहीं दे सकती है.
पंजाब-हरियाणा सीमा स्थित शंभू बैरियर का दृश्य 2020 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन की सटीक पुनरावृत्ति है. किसानों ने कहा कि पिछले आंदोलन के समय हमें एमएसपी पर क़ानून बनाने का आश्वासन दिया था, तो केंद्र सरकार क़रीब तीन साल तक क्यों बैठी रही. मोदी सरकार निश्चित रूप से अपने अहंकार के चरम पर है.
किसान मज़दूर संघर्ष समिति के बैनर तले 200 किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा के एक गुट ने 13 फरवरी को एमएसपी क़ानून और कृषि ऋण माफ़ी समेत विभिन्न मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली कूच का आह्वान किया है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, नित्यानंद राय और पीयूष गोयल किसान प्रतिनिधियों से मिलने पहुंचे थे.
नूंह ज़िले की घटना के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों ने हिसार ज़िले के हांसी शहर में बीते 2 अगस्त को एक रैली निकाली थी, जिसमें मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार का आह्वान करने के साथ ही समुदाय के लोगों को दो दिनों में शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और हरियाणा भाजपा के एक प्रमुख जाट नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ जांच तेज़ और निष्पक्ष होनी चाहिए. जांच के निष्कर्ष शिकायतकर्ताओं के लिए संतोषजनक होने चाहिए. उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि कार्रवाई बिना किसी पूर्वाग्रह के की गई है.
प्रकाश सिंह बादल जब पहली बार 1970 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी उम्र महज 42 साल थी. 2017 में आख़िरी बार जब उन्होंने पद छोड़ा था, तब उनकी उम्र 88 साल थी. कुल मिलाकर वह रिकॉर्ड पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे. इसके अलावा वह 11 बार विधायक चुने गए, जो पंजाब में एक रिकॉर्ड है.
मीडिया में आईं कुछ ख़बरों के अनुसार, खिख कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा ज़िले के रोडे गांव में सरेंडर किया है, हालांकि राज्य पुलिस ने इससे इनकार करते हुए उसे गिरफ़्तार करने की बात कही है. रोडे गांव दिवंगत सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है, जिसे अमृतपाल अपना आदर्श मानता है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के डीएलएफ के साथ हुए ज़मीन सौदे को लेकर भाजपा ने वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में सरकार ने कहा है कि सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है.
एनसीईआरटी की कक्षा 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में 1973 के आनंदपुर साहिब प्रस्ताव को अलगाववादी दस्तावेज़ के रूप में चित्रित करने पर आपत्ति जताई गई है. शिरोमणि अकाली दल की ओर से कहा गया है कि प्रस्ताव केवल संवैधानिक ढांचे के भीतर संघवाद को बढ़ावा देने की मांग करता है.
बीते सोमवार को सिखों की शीर्ष संस्था अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमृतपाल सिंह की तलाश के दौरान गिरफ़्तार किए गए सभी सिख युवाओं को छोड़ने के लिए पंजाब सरकार को एक अल्टीमेटम जारी किया था. उन्होंने सभी सिखों को 'आतंकवादी' बताने के लिए राष्ट्रीय मीडिया की भी आलोचना की है.
अडानी समूह ने 2020 में हिमाचल प्रदेश में प्रीमियम गुणवत्ता वाले सेब के लिए 88 रुपये प्रति किलोग्राम की खरीद दर पेशकश की थी, जिसे दो साल बाद घटाकर 76 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है. यही वजह है कि सेब उत्पादक खरीद क़ीमत में कम से कम 30 प्रतिशत की वृद्धि की मांग कर रहे हैं.
पंजाब के लुधियाना में मटेवारा जंगल और सतलुज नदी के पास 1,000 एकड़ ज़मीन में टेक्सटाइल पार्क बनाना प्रस्तावित था. पिछली कांग्रेस सरकार की इस परियोजना का आम आदमी पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए विरोध किया था लेकिन सत्ता में आते ही उसने इस पर आगे बढ़ने का फैसला किया, जिसके ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया था.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संगरूर, बठिंडा, लुधियाना, मनसा, मोगा और बरनाला ज़िलों के सभी गांवों में घर-घर जाकर किया गया सर्वे बताता है कि साल 2000 से 2018 के बीच आत्महत्या करने वालों में सीमांत और छोटे किसानों की संख्या अधिक है. इनमें से 75 फीसदी किसान 35 वर्ष से कम उम्र के थे.