2004 से कर्नाटक के 1,135 सांसदों, विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से विश्लेषित किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से 239 ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 150 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा में गंभीर आपराधिक मामलों वाले विधायकों/सांसदों की संख्या सर्वाधिक है.

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कर्नाटक विधान सौध. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से विश्लेषित किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से 239 ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 150 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा में गंभीर आपराधिक मामलों वाले विधायकों/सांसदों की संख्या सर्वाधिक है.

कर्नाटक विधान सौध. (फोटो साभार: विकीपीडिया)

नई दिल्ली: 2004 के बाद से कर्नाटक से संसदीय या राज्य चुनाव लड़ने वाले 8,893 उम्मीदवारों के विश्लेषण से पता चला है कि 1,135 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. यह जानकारी चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट से पता चला है.

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, एडीआर और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से कर्नाटक से संसद या राज्य विधानसभा सीटों पर रहे कुल 801 सांसदों/विधायकों का विश्लेषण किया गया है.

2004 से विश्लेषण किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से, 239 (30 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 150 (19 प्रतिशत) पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 2004 के बाद से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गंभीर आपराधिक मामलों वाले ऐसे विधायकों/सांसदों की संख्या सबसे अधिक 22 प्रतिशत दर्ज की है.

इसके बाद जनता दल (सेक्युलर) 20 प्रतिशत और कांग्रेस 14 प्रतिशत पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 8,893 उम्मीदवारों में से कुल 1,135 (13 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 2004 के बाद से भाजपा में 16 प्रतिशत गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है.

इसके बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) 12 प्रतिशत, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) 5 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी (आप) 2 प्रतिशत पर रही.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के विधायकों/सांसदों ने 2004 के बाद से अपने हलफनामों में सबसे अधिक 22 प्रतिशत गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है.

रिपोर्ट ने गंभीर और गैर-गंभीर आपराधिक मामलों के आधार पर विश्लेषित उम्मीदवारों और विधायकों/सांसदों को विभाजित किया.

2004 से विश्लेषण किए गए सभी उम्मीदवारों (8,893) की औसत संपत्ति 5.91 करोड़ रुपये है, जिसमें से गंभीर अपराधी घोषित 705 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 14.59 करोड़ रुपये है.

2004 से विश्लेषण किए गए सभी सांसदों/विधायकों (801) की औसत संपत्ति 22.33 करोड़ रुपये है, जिनमें गंभीर आपराधिक मामलों वाले घोषित 150 सांसदों/विधायकों की औसत संपत्ति 33.24 करोड़ रुपये है.

8,893 उम्मीदवारों में से लगभग 87 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज न होने की घोषणा की है. हालांकि, साफ रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना केवल 7 प्रतिशत थी, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भाजपा के पास साफ रिकॉर्ड (40 फीसदी) वाले ऐसे उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक है, जबकि कांग्रेस के पास स्वच्छ रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों की संख्या 38 फीसदी है.

यह जानकारी इन उम्मीदवारों द्वारा 2008, 2013 और 2018 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव और 2004, 2009, 2014 और 2019 के कर्नाटक लोकसभा चुनाव और कर्नाटक विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव से पहले जमा किए गए हलफनामों पर आधारित है.