साल 2019 में केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने वाले राहुल गांधी केई को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने उन्हें चुनावी ख़र्च का लेखा-जोखा दर्ज कराने में विफल रहने पर अयोग्य घोषित कर दिया है.
नई दिल्ली: ऐसे समय में जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा से अयोग्य घोषित करने की खबर सुर्खियों में है, एक और ‘राहुल गांधी’ जो 2019 में केरल की उसी वायनाड सीट से चुनाव लड़े थे, उन्हें भी चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10ए के तहत अयोग्य घोषित व्यक्तियों की नियमित सूची, जो चुनाव आयोग ने 29 मार्च को सभी राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को भेजी है, में ‘राहुल गांधी केई’ नामक व्यक्ति शामिल थे, जो कोट्टायम निवासी हैं.
सूची के अनुसार, उन्हें 9 सितंबर, 2021 को तीन साल की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया गया था.
धारा 10ए के तहत, जो चुनाव लड़ने के बाद चुनाव खर्च का लेखा-जोखा चुनाव आयोग में दर्ज कराने में विफल रहते हैं, उन्हें तीन साल की अवधि के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाता है. सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम नहीं है.
हालांकि मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें 23 मार्च को अयोग्य घोषित कर दिया गया था, लेकिन निचली अदालत ने उन्हें कानूनी उपाय करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है.
राहुल गांधी केई, जो उस समय 33 वर्ष के थे, ने वायनाड से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसे कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने 7 लाख से अधिक मतों से जीता था.
राहुल गांधी केई के साथ एक जैसे नाम वाले ‘रघुल गांधी के’ भी उम्मीदवार थे – राहुल गांधी केई को जहां 2,196 वोट मिले, वहीं ‘रघुल गांधी के’ को 845 वोट मिले थे.
अयोग्यता के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी केई ने कहा कि उन्होंने 2019 का चुनाव लड़ा था, लेकिन आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं वह राहुल गांधी नहीं हूं.’