कर्नाटक के रामनगर ज़िले में हुई घटना. ‘गोरक्षकों’ की पिटाई से मृत व्यक्ति की पहचान मांड्या ज़िले के निवासी इदरीस पाशा के रूप में हुई. ‘गोरक्षकों’ के एक समूह ने कथित तौर पर इदरीस और दो अन्य लोगों पर हमला किया था, जब वे एक ट्रक में मवेशियों को ले जा रहे थे.
नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से करीब 20 किलोमीटर दूर रामनगर जिले में शुक्रवार (31 मार्च) देर रात कथित रूप से स्वयंभू गोरक्षकों ने एक 35 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
कम से कम पांच ‘गोरक्षकों’ के एक समूह ने कथित तौर पर उस पर और दो अन्य लोगों पर हमला किया, जब वे एक ट्रक में मवेशियों को ले जा रहे थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक इदरीस पाशा की पहचान मांड्या जिले के निवासी के रूप में हुई है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाशा और दो अन्य सैयद जहीर और इरफान स्थानीय बाजार से केरल और तमिलनाडु में खरीदे गए मवेशियों को ले जा रहे थे, जब उनके वाहन को कथित रूप से पुनीत केरेहल्ली के नेतृत्व वाले एक समूह ने रोक लिया, जो राष्ट्र रक्षण पडे (राष्ट्र रक्षा सेना) नामक एक संगठन चलाता है.
हासन जिले के निवासी पुनीत केरेहल्ली पर कर्नाटक में कई मामले दर्ज हैं. इससे पहले उन्होंने कर्नाटक में हलाल मांस के खिलाफ और हिंदू मंदिर मेलों में मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अभियान चलाया था.
पुलिस सूत्रों ने कहा कि मवेशियों को ले जा रहे ट्रक को सथानूर पुलिस थाने के पास रोका गया. पाशा ने कथित तौर पर यह साबित करने के लिए दस्तावेज दिखाए कि उन्होंने मवेशियों को स्थानीय बाजार से खरीदा था, लेकिन फिर भी उन पर हमला किया गया और कथित तौर पर पाकिस्तान जाने के लिए कहा गया.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इदरीस ने कथित तौर पर मवेशी बाजार से कागजात प्रस्तुत किए, लेकिन पुनीत ने 2 लाख रुपये की मांग की और भुगतान करने से इनकार करने पर अपने सहयोगियों के साथ इदरीस की जमकर पिटाई की.
यह इलाका कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के निर्वाचन क्षेत्र में आता है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके बाद पाशा और इरफान भाग गए. इरफ़ान तो भागने में सफल रहे, लेकिन पाशा को कथित तौर पर पकड़ लिया गया और उनके साथ मारपीट की गई. बाद में वह मृत पाए गए.
इस बीच, दो अन्य लोगों ने जहीर के साथ कथित रूप से मारपीट की, जो वाहन के पास ही थे. इसके बाद एक कॉन्स्टेबल जहीर और पुनीत केरेहल्ली को थाने ले गए.
केरेहल्ली की शिकायत के आधार पर वाहन चला रहे जहीर और उनके सहयोगियों पर कर्नाटक गोवध निवारण और मवेशी रोकथाम अधिनियम, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, पशु परिवहन अधिनियम और मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
शनिवार सुबह ही पाशा की मौत का पता चला, जब एक निवासी ने पुलिस को इलाके में एक शव होने की सूचना दी. जहीर ने बाद में पुनीत केरेहल्ली और उसके साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कियात. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 40 वर्षीय जहीर ने कहा कि वे आमतौर पर तमिलनाडु और केरल के साप्ताहिक मेलों में मवेशियों को ले जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह लगभग रात 11:40 बजे (शुक्रवार को) हुआ. हम अपनी लॉरी में 16 मवेशियों को ले जा रहे थे, तभी गोरक्षक होने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने सथानूर पुलिस स्टेशन के सामने हमें रोक लिया. उन्होंने हम पर हमला किया और हमें पाकिस्तान जाने को कहा. इदरीस और इरफान भाग गए, लेकिन मैं वहीं रुका रहा। सौभाग्य से एक पुलिस कॉन्स्टेबल हमारी ओर दौड़ा और हमें पुलिस स्टेशन ले गया.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जब मैं शनिवार सुबह पुलिस स्टेशन में था, पुलिस ने मुझे इदरीस की एक तस्वीर दिखाई और पूछा कि क्या मैं उसे जानता हूं. मैंने उन्हें बताया कि घटना के समय वह लॉरी में मेरे साथ था. उन्होंने मुझे बताया कि वह मर गया है. मुझे लगा था कि इदरीस और इरफान बच गए होंगे.’
यह पूछे जाने पर कि इदरीस और इरफान ने भागने की कोशिश क्यों की, उन्होंने कहा: ‘ऐसे मामलों में वे (गोरक्षक) पहले हम पर हमला करते हैं और फिर हमें पुलिस स्टेशन ले जाते हैं. मारपीट से बचने के लिए वे भाग खड़े हुए.’
जहीर ने कहा कि मवेशी किसी और के थे, वह और इदरीस गाड़ी चलाते थे, जबकि इरफान जानवरों को चढ़ाने और उतारने में मदद करते थे.
रिपोर्ट के अनुसार, संपर्क करने पर रामनगर के एसपी कार्तिक रेड्डी ने कहा कि शिकायत के आधार पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
उन्होंने कहा, ‘पोस्टमॉर्टम शनिवार रात को किया गया था और हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. चूंकि मामले की जांच चल रही है, इसलिए मैं प्रारंभिक जांच के विवरण का खुलासा नहीं कर पाऊंगा. आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है.’
इस बीच, मृतक इदरीस पाशा के परिवार के सदस्यों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया और आरोपी पुनीत केरेहल्ली और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग की.