2018 में भारत में इज़रायल के राजदूत रहे रॉन मलका को हाइफा बंदरगाह कंपनी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इस कंपनी का स्वामित्व अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और इजरायल के गैडो समूह के एक कंसोर्टियम के पास है, जिसमें अडानी पोर्ट्स का 70 प्रतिशत हिस्सा है.
नई दिल्ली: भारत में इजरायल के पूर्व राजदूत रॉन मलका ने रविवार को कहा कि उन्होंने हाइफा पोर्ट कंपनी (एचपीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया है, जिसका स्वामित्व अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) और इजरायल के गैडो समूह के एक संघ के पास है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं अडानी समूह की ओर से हाइफा पोर्ट कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में आज पदभार ग्रहण करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं. अडानी और गैडो का अनुभव और विशेषज्ञता, बंदरगाह श्रमिकों के समर्पण के साथ संयुक्त रूप से, हाइफा बंदरगाह को समृद्धि की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.’
I’m honored and privileged to take office today as Executive Chairman of the Haifa Port Company, on behalf of @AdaniOnline. The experience and expertise of Adani and Gadot, combined with the dedication of the port workers, will take Haifa Port to new heights of prosperity 🇮🇳🤝🇮🇱 pic.twitter.com/PIVC2w576U
— Ron Malka 🇮🇱 (@DrRonMalka) April 2, 2023
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अडानी समूह ने नियुक्ति के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया.
जुलाई 2022 में भारत के अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) और इजरायल के गैडो समूह के एक कंसोर्टियम ने इजरायल के आधे से अधिक कंटेनर कार्गो को संभालने वाले इजरायल के दूसरे सबसे बड़े बंदरगाह हाइफा के निजीकरण का टेंडर जीता था.
1.18 बिलियन डॉलर की विजेता बोली के जरिये अडानी-गैडो कंसोर्टियम ने एचपीसी के 100 प्रतिशत शेयर खरीदने का अधिकार सुरक्षित कर लिया है.
एपीएसईजेड-गैडो समूह कंसोर्टियम ने 10 जनवरी 2023 को इजरायल सरकार से एचपीसी का अधिग्रहण पूरा कर लिया. एपीएसईजेड के पास परियोजना में 70 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि गैडो के पास शेष 30 प्रतिशत हिस्सा है. हाइफा बंदरगाह की रियायत अवधि 2054 तक है.
उत्तरी इजरायल में स्थित हाइफा इजरायल के दो सबसे बड़े वाणिज्यिक बंदरगाहों में से एक है, जो इजरायल के कंटेनर कार्गो का लगभग आधा हिस्सा संभालता है और यात्री यातायात और क्रूज जहाजों के लिए एक प्रमुख बंदरगाह भी है. हाइफा पोर्ट पर मौजूदा बुनियादी ढांचे में दो कंटेनर टर्मिनल और दो मल्टी-कार्गो टर्मिनल शामिल हैं.
रॉन मलका, जिन्हें 2018 में भारत में इजरायल का राजदूत बनाया गया था, पेशेवर तौर पर राजनयिक नहीं थे, लेकिन व्यवसाय और वित्त में उनकी पृष्ठभूमि मजबूत थी. अर्थशास्त्र में एमबीए के साथ पीएचडी करने वाले मलका को दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने और दिशा देने के लिए लाया गया था.
मलका ने इजरायली बाजार में कंपनियों व संस्थानों और सार्वजनिक व निजी परियोजनाओं में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वित्तीय सलाह और मार्गदर्शन दिया है. इसके अलावा, उन्होंने रक्षा बजट की समीक्षा करने के लिए इजरायली प्रधानमंत्री के आयोग के आर्थिक सलाहकार के रूप में भी काम किया था.
उनके प्रवास के दौरान भारत-इजरायल मुक्त व्यापार समझौते और हाइफा बंदरगाह परियोजना पर चर्चा ने गति पकड़ी. हालांकि, 2020 की शुरुआत में आई कोविड-19 महामारी ने उस गति पर ब्रेक लगाए. 2021 में इजरायल लौटने पर मलका को इजरायल के अर्थव्यवस्था मंत्रालय का महानिदेशक बनाया गया, जो भारत सरकार में वाणिज्य और उद्योग सचिव के पद के समकक्ष है. इजरायल सरकार में अर्थव्यवस्था मंत्रालय वाणिज्य, उद्योग और श्रम संभालता है.